अंबिकापुर
देश मे पांच राज्यो के विधानसभा मे जंहा चार मे भाजपा सबसे बडी पार्टी बनकर उभरी है, वही दिल्ली मे बडी पार्टी होने के बाद भी केजरीवाल के झाडू ने दिल्ली भाजपा की आसान राह पर झाडू लगा दिया है। हांलाकि भाजपा ने राजस्थान , मध्यप्रदेश औऱ छत्तीसगढ मे अपनी सरकार बनाने की राह को स्पष्ट कर लिया है। और तीनो जगह जनता के जनादेश से कमल पूरी तरह खिल गया है।
सबसे चमत्कारी परिणाम तो देश की राजधानी दिल्ली में आये हैं। दिल्ली के 70 सीटों में से केवल आठ सीटों पर कांग्रेस को संतोष करना पड़ा है, बीजेपी को 33 और आम आदमी पार्टी को 27 सीटें मिली हैं जिससे कोई पार्टी भी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है। जिसकी वजह से दिल्ली की गद्दी पर कौन बैठेगा यह कह पाना बहुत मुश्किल हैं क्योंकि आप ने बीजेपी या कांग्रेस दोनों के साथ नहीं जायेंगे तो वहीं भाजपा ने भी कह दिया है कि वह किसी को तोड़ने की कोशिश नहीं करेंगे इसलिए अब गर्वनर का कदम क्या होगा? इस पर सब की नजरें लगी हुई हैं। तो वहीं राजस्थान की सभी 199 सीटों के रुझान आ गये हैं जिसके मुताबिक गहलोत का सीएम बनने का सपना चकनाचूर हो गया है।यहां कांग्रेस 21 और बीजेपी 162 और अन्य को 17 सीट मिली हैं। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरदारपुरा सीट जीत गए हैं, वहीं, मुख्यमंत्री पद की दावेदार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वसुंधरा राजे झालरापाटन सीट जीत गईं हैं, वसुंधरा राजे का सीएम बनना तय है। एमपी में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मेहनत रंग लायी है, 230 विधानसभा सीटों पर आए रुझानों के मुताबिक यहां बीजेपी 161, कांग्रेस 61 और अन्य 08 सीट नसीब हुई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा सीट पर अपने निकटतम प्रत्याशी कांग्रेस के शाशंक भार्गव को 16,966 मतों से पराजित कर दिया है और वह पूरी सीएम पद की शपथ को तैयार हैं। यही नहीं कांटे की लडाई में छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी ने अपना परचम लहरा दिया है, 90 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में बीजेपी 49 तो कांग्रेस 39 सीट मिली है जिसके बाद रमन सिंह फिर से सीएम की कुर्सी संभालने को तैयार है।