सरगुजा- सरगुजा जिले के मनरेगा के लिए दो राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं….लेकिन सरगुजा के साथ ही बलरामपुर जिले में रोजगार गारंटी योजना का दो प्रमुख सरकारी विभागों ने जमकर दुरुपयोग किया है…इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दोनों जिलों में बीते तीन वर्ष के अंदर 400 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं जिसमें दोषी पाए जाने पर अधिकारियों औऱ कर्मचारियों लगभग तीन करोड़ की वसूली का आदेश भी दिया जा चुका है….
सरगुजा और बलरामपुर जिले में पिछले तीन वर्षों के दौरान केंद्र से मनरेगा के तहत अरबों रुपए जारी किए गए हैं….मनरेगा के पैसों से सबसे ज्यादा काम जल संसाधन विभाग और आरईएस विभाग को मिले हैं और इन्हीं विभागों ने मिलकर सरकार के पैसों का जमकर बंदरबांट भी किया है….इन दोनों जिलों में 2011 से लेकर अभी तक मनरेगा की 406 शिकायतें लोकपाल के पास आ चुकी हैं….इनमें से 60 शिकायतें जिला पंचायत के माध्यम से आयी हैं….406 शिकायतों में अभी तक 258 शिकायतों का निपटारा हो चुका है…67 मामलों में कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं और 79 शिकायतों के नस्तीकरण की अनुशंसा की गयी है….
406 शिकायतों में सर्वाधिक शिकायतें बलरामपुर की हैं..यहां मनरेगा के काम जल संसाधन विभाग को सौंपे गए थे…बलरामपुर में एक मामले में कार्रवाई करते हुए जल संसाधन विभाग के ईई, एसडीओ और एई पर जुर्म भी दर्ज किया जा चुका है….इसके अलावा 67 मामलों में विभागीय अधिकारियों, निर्माण एजेंसियों, जनपद सीईओ, पीओ और सरपंच सचिवों के खिलाफ भी कार्रवाई की अनुशंसा की जा चुकी है…इन सभी के उपर लगभग 3 करोड़ रुपए की रिकवरी के आदेश भी दिए गए हैं……..
पिछले तीन साल के ये आंकडे बताते हैं कि सरगुजा और बलरामपुर में मनरेगा के तरह किस तरह से भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है…हालांकि लोकपाल की जांच और अनुशंसा के बाद भी ना तो जिला प्रशासन किसी अधिकारी पर कार्रवाई करता है और ना ही दोषी अधिकारियों कर्मचारियों से जुर्माने की राशि वसूली जाती है….एसे में यहां अभी भी भ्रष्टाचार जारी है और साथ ही शिकायतों के मिलने का सिलसिला भी..