डॉ. रमन सिंह: वनों की रक्षा हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी

wan sanrakshan

रायपुर

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने गर्मी के मौसम को देखते हुए वन क्षेत्रों में रहने वाले सभी ग्रामीणों से वनों को आग से बचाने के लिए सजग और सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने आज यहां जारी अपील में कहा है कि हरे-भरे जंगल प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ लाखों-करोड़ों वनवासी परिवारों के लिए लगभग हर मौसम में रोजी-रोटी का जरिया बनते हैं। ऐसे में वनों की रक्षा हम सबकी सामूहिक और सामाजिक जिम्मेदारी हो जाती है। वनों के साथ जहां वनवासियों का जीवन जुड़ा हुआ है, वहीं लाखों की संख्या में वन्य प्राणी भी वनों पर आश्रित हैं। जैव-विविधता की रक्षा के लिए वन्य प्राणियों की रक्षा भी जरूरी है और यह तभी संभव है, जब हम अपने गांव के आसपास के वनों की रक्षा  के लिए हमेशा जागरूक रहें।  मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्मी के मौसम में वनों को आग से काफी खतरा रहता है। इसे ध्यान में रखकर जंगल में आग नहीं जलाना चाहिए और बीड़ी अथवा अन्य ज्वलनशील पदार्थाें को जलती अवस्था में इधर-उधर लापरवाही से नहीं फेंकना चाहिए। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राज्य के 19 हजार 720 गांवों में से  वन क्षेत्रों की सीमा से पांच किलोमीटर भीतर स्थित ग्यारह हजार 185 गांवों में सात हजार 887 वन प्रबंधन समितियों का गठन किया गया है, जिनमें 27 लाख 63 हजार ग्रामीण सदस्य के रूप में शामिल हैं, जिन्हें संयुक्त वन प्रबंधन योजना के तहत 33 हजार 190 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्रफल में वन विभाग के साथ वनों के संरक्षण और संवर्धन में भागीदार बनाया गया है। वनों को आग से बचाने में इन समितियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। उन्होंने समितियों में सदस्य के रूप में शामिल ग्रामीणों का आव्हान किया है कि वे इसके लिए हमेशा सावधान और जागरूक रहें और सबके सहयोग से वनों की रक्षा करके पर्यावरण को बचाने में भी सहयोगी बनें।