भगवान राम का पिया हुआ पानी कोई और ना पी सके.. इसलिए पानी छोडा गया और बन गया खूबसूरत झरना..

सरगुजा संभाग मे रामवनवास से जुडे कई स्थान हैं. मान्यता है कि भगवान राम उन स्थानो मे वनवास काल के दौरान आए थे.. कुमेली घाट भी ऐसा ही स्थान है. वर्तमान समय मे कुमेली अपने मनमोहक झरने के लिए पर्यटको के आकर्षण का केन्द्र रहता है.. पर भगवान राम से जुडी मान्यताओ ने कारण ये स्थान अध्यात्मिक महत्व भी रखता है.

छत्तीसगढ के सूरजपुर जिले मे आने वाला कुमेली घाट ऊंची उंची पहाडियो और हरे जंगल के बीच.. आकर्षित कर लेने वाले झरने के लिए चर्चित है. यहां कल कल करता पहाडी पानी चट्टानो के बीच से होकर झरने के रूप मे गिरता है. और जब ये झरने के रुप मे गिरता है. तब इसे देखने वाले देखते ही रह जाते हैं. सरजपुर जिले स्थित रामानुजनगर ब्लाक के कुमेली पहाड से गिरने वाले इस झरने और यहां की वादियो मे सैर करने प्रतिदिन सैकडो पर्यटक यहां पहुंचते हैं.. कुमेली घाट मे पहुंचने वाले लोग यहां अपने परिवार के साथ पिकनिक मनाने भी आते हैं. और जमकर लुफ्त उठाते हैं. यहां आने वाले पर्यटको ने बताया कि कुमेली घाट मे प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत नजारा है..

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सूरजपुर जिले मे कुमेली घाट की ही तरह कई ऐसे स्थान है जहां का प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटको को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है. लेकिन कुमेली घाट से जुडी आध्यात्मिक मान्यताए इस स्थान के महत्व को बढा देती हैं. जानकारो के मुताबिक भगवान राम जब वन वास मे थे. तो उन्होने कुमेली पहाडी पर एक रात विश्राम किया था. क्षेत्र के पुराने लोग बताते हैं कि उस जमाने मे भगवान के अनुयायी रहे किसी व्यक्ति को ये स्वपन आया था कि भगवान राम कुमेली घाट आएगें. इस खबर के बाद क्षेत्र मे रहने वाले कई गांव के लोग कुमेली पहाडी पर पहुंच गए थे. और फिर भगवान राम के रुकने के लिए वहां एक पत्थर की कुटिया बनाई गई और पीने के पानी के लिए पहाड से निकलने वाले पानी को पहले से ही बांध दिया गया. जिसके बाद लोगो का ये मानना है कि भगवान राम सरगुजा के रामगढ से होते कुमेली पहाडी पर पहुंचे थे. और वहां उन्होने भोजन पानी लेकर विश्राम किया था. इधर ये भी मान्यता है कि भगवान राम के जाने के बाद भगवान के पिए हुए पानी को कोई और ना पी सके. इसलिए वर्षो से बांधकर रखे गए पानी को भगवान राम के अनुयायियो ने खोल दिया था. तब वो पानी पहाडी से नीचे गिरकर झरने का रुप ले लिया और उस जमाने से अस्तित्व मे कुमेली घाट का झरना आज पर्यटको के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. इतना ही भगवान राम के इस क्षेत्र मे आने के बाद जिले के रामानुजनगर क्षेत्र के कई गांव के नाम भगवान राम के नाम से रख दिए गए थे. जिनमे कुमेली घाट के समीप स्थित परशुरामपुर , रामतीरथ, ब्रदीका आश्रम, जैसे कई गाव है