24 घंटे में फिर बदलेगा मौसम, एक्टिव होगा नया सिस्टम, इन संभागों-जिलों में बारिश, छाएगा कोहरा, जानें IMD का पूर्वानुमान



MP Weather Alert 2023: गुरूवार 2 फरवरी को एक बार फिर नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने वाला है, जिससे मध्य प्रदेश के मौसम में बदलाव होगा। मंगलवार की तरह आज बुधवार को कई जिलों में कोहरे और बारिश के आसार है। एमपी मौसम विभाग के मुताबिक,आज ग्वालियर चंबल संभाग के साथ मालवा संभाग में भी बारिश के आसार है, वही कहीं कहीं कोहरा भी छा सकता है।पिछले 24 घंटे में मंगलवार को न्यूनतम तापमान शहडोल और रीवा संभाग में काफी बढ़े, भोपाल संभाग में काफी गिरे एवं शेष संभागों में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ।

आज इन जिलों में बारिश-कोहरा

एमपी मौसम विभाग के मुताबिक आज ग्वालियर-चंबल और मालवा में कोहरे और बारिश के आसार है। आज ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, शिवपुरी, मुरैना और भिंड में कहीं कहीं बारिश तो मालवा उज्जैन, रतलाम, देवास, मंदसौर और नीमच में भी बूंदाबांदी हो सकती है।इसके अलावा आज बुधवार को सुबह के समय चंबल संभाग के अलावा ग्वालियर, दतिया, बालाघाट, छतरपुर और टीकमगढ़ जिले में कोहरा छाने की संभावना है। 2 फरवरी को नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिसका असर 4 फरवरी को दिखाई देगा।

पश्चिमी विक्षोभ का दिखेगा असर

एमपी मौसम विभाग मानें तो भोपाल-इंदौर में अगले दो से तीन दिन मौसम शुष्क रहेगा। इंदौर में सुबह धुंध का असर दिखाई देगा और पारे में गिरावट बरकरार रहेगी। 2 फरवरी को एक्टिव हो रहे पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के पश्चात तापमान में फिर गिरावट आएगी और ठंड का असर दिखाई देगा। जम्मू कश्मीर पर ट्रफ के रूप में बना पश्चिमी विक्षोभ उत्तराखंड की तरफ बढ़ गया है, इसके प्रभाव से बना प्रति चक्रवात भी समाप्त हो गया है, जिससे हवाओं का रुख उत्तरी हो गया है और ठंड़ का अहसास होने लगा है।मंगलवार को सबसे कम 11 डिग्री सेल्सियस तापमान रायसेन, राजगढ़, धार, इंदौर, सागर, गुना एवं ग्वालियर में दर्ज किया गया।

2 फरवरी को एक्टिव होगा नया सिस्टम

एमपी मौसम विभाग के अनुसार, गुरूवार को नया सिस्टम एक्टिव होगा। वर्तमान में पश्चिमी विक्षोभ 15 डिग्री उत्तर अक्षांश के उत्तर में 65 डिग्री देशांतर के सहारे मध्य क्षोभमंडल की पछुवा पवनों के बीच एक ट्रफ के रूप में समुद्र तल से 5.8 किमी की ऊँचाई पर धुरी बनाते हुए सक्रिय है। वही प्रेरित चक्रवातीय परिसंचरण दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान के ऊपर समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊँचाई तक सक्रिय है। 2 फरवरी से अगले पश्चिमी विक्षोभ के प्रभावी होने की संभावना बनी हुई है।