42 लाख का फर्जीवाड़ा… महिला डिप्टी कलेक्टर शिकंजे में… 9 के ख़िलाफ़ FIR…. ऐसे खा गए गरीब किसानों का पैसा

बुरहानपुर… बुरहानपुर के बहुचर्चित बोरबन तालाब अधिग्रहण राशी फर्जीवाड़ा मामले में पुलिस ने शिकंजा तेज कर दिया है। 42 लाख रूपए के इस फर्जीवाड़े में लंबी जांच के बाद आखिरकार नेपानगर पुलिस ने नेपानगर की तत्कालीन SDM व वर्तमान में झाबुआ की डिप्टी कलेक्टर विशा माधवानी समेत 9 के खिलाफ धोखाधडी, गबन आपराधिक षडयंत्र के तहत FIR दर्ज कर ली है।

गौरतलब है कि बुरहानपुर के आदिवासी ब्लॉक खकनार में 15 करोड़ की लागत से बोरबन तालाब का निर्माण किया गया। तालाब निर्माण में 15 आदिवासी किसानों की जमीन डूब में आ रही थी। इसकी जानकारी मिलने पर इन किसानों ने शासन को जमीन अधिग्रहण करने की सहमति दे दी। लेकिन, इस बीच बिचौलियों ने इन आदिवासी किसानों के फर्जी कागजात तैयार कर उनके जाली बैंक खाते खुलवाए और इन खातों में 42 लाख रूपए मुआवजा राशी डलवा दी।

किसानों के साथ हुई इस हरकत की जानकारी RTI कार्यकर्ता डॉ. आनंद दीक्षित के पास पहुंची। उन्होंने इसकी शिकायत कलेक्टर प्रवीण सिंह को की। कलेक्टर ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए ADM की अध्यक्षता में जांच शुरू कराई। जांच में सभी के बयान लिए गए। ADM शैलेंद्र सिंह सोलंकी ने मामले की गहराई से जांच कर जांच प्रतिवेदन दो दिन पहले कलेक्टर प्रवीण सिंह को सौंपी।

कलेक्टर के निर्देश पर नेपानगर पुलिस थाने में नेपानगर की तत्कालीन SDM व भूअर्जन अधिकारी वर्तमान में झाबुआ में डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ विशा माधवानी समते 9 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन, आपराधिक षडयंत्र की धाराओं में केस दर्ज कर 5 आरोपियों को राउंड अप कर लिया है। आरोपियों में बिचौलिया व मास्टरमाइंड इम्तियाज हुसैन, एसडीएम के गनमैन रहे सचिन वर्मा और नेपानगर विधायक के करीबी भी शामिल हैं। जांच अधिकारी का कहना है कि मामले में अभी और भी खुलासा होने के संभावना है। इसकी जांच लगातार जारी रहेगी।