भोपाल : बुधवार, दिसम्बर 25, 2013, 19:12 IST | |
राज्यपाल श्री राम नरेश यादव ने महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की जन्म-तिथि के अवसर पर श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए अपने संदेश में कहा कि पंडित जी ने भारत की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने असहयोग आंदोलन में शिक्षा के विरोध पर खुल कर बहिष्कार किया। सनातन धर्म व हिन्दू संस्कृति की रक्षा और संवर्धन में मालवीय जी का योगदान अतुलनीय है। श्री यादव ने कहा कि हिन्दी के उत्थान में मालवीय जी की भूमिका ऐतिहासिक है। उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि एक दिन यही भाषा राष्ट्रभाषा होगी। राज्यपाल श्री यादव ने कहा कि अपने ह्दय की महानता के कारण वे सम्पूर्ण भारतवर्ष में ‘महामना’ के नाम से पूज्य हुए। उन्हें सत्य, दया और न्याय पर आधारित सनातन धर्म सर्वाधिक प्रिय था। उन्होंने हिन्दी और अंग्रेजी के कई अखबारों में सम्पादन करके जनता को जागरूक किया। राज्यपाल श्री यादव ने कहा कि कांग्रेस के निर्माताओं में विख्यात मालवीय जी ने अपनी अंतिम साँस तक स्वराज्य के लिए कठोर तप किया। वह चार बार राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। उस समय कांग्रेस में नरम और गरम दलों के बीच की कड़ी मालवीय जी ही थे जो गांधी युग की कांग्रेस में सामंजस्य स्थापित करने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे। श्री यादव ने कहा कि मैं पं. मालवीय जैसे अद्वितीय प्रतिभा के धनी और महानतम देशभक्त को उनके जन्म-दिन के अवसर पर सादर श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूँ। |