अजब गजब: ऐसा गांव जहां नहीं रहता एक भी मर्द… फिर भी गर्भवती हो जाती हैं महिलाएं, जानिए वजह

फ़टाफ़ट डेस्क। दुनिया भर में ऐसे बहुत से स्थान है जहां पर अनोखे तरह के लोग देखने को मिलते हैं, जिनके बारे में अगर कोई व्यक्ति सुनता है तो उस पर यकीन कर पाना काफी मुश्किल हो जाता है। जो चीजें हम सभी को सामान्य लगती हैं, वह उन जगहों पर बहुत बड़ी बात मानी जाती है।

अगर हम ट्राइब्स की बात करें तो दुनिया में ऐसे कई तरह की जनजातियां रहती हैं, यह लोग या तो जंगलों में रहते हैं या फिर बीहड़ इलाकों में रहते हैं। जो भी इन कबीले में लोग रहते हैं उनकी कुछ ऐसी परंपरा और नियम होते हैं, जिनको जानकर हर कोई हैरत में पड़ सकता है।

आज हम आपको एक ऐसे समुदाय के बारे में बताने वाले हैं जिसमें सिर्फ महिलाएं रहती हैं और यहां पर पुरुषों की पूरी तरह से पाबंदी है लेकिन बिना मर्दों के इस गांव में आए ही यहां की महिलाएं गर्भवती हो जाती हैं। तो चलिए जानते हैं यह गांव कहां पर है और इस गांव की पूरी कहानी क्या है…

● 27 सालों से गांव में नहीं आया पुरुष

जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं इस दुनिया में अजीबोगरीब चीजों की कमी नहीं है, जिनमें से बहुत सी चीजों के बारे में हम नहीं जानते हैं लेकिन धीरे-धीरे इनके बारे में पता चलता रहता है। आज हम आपको एक ऐसे गांव की कहानी बताने वाले हैं जहां इस गांव में पिछले 27 सालों से मर्दों के आने की पाबंदी है।

बता दें कि 1990 में इस गांव में रहने के लिए उन 15 महिलाओं को चुना गया था जिनके साथ ब्रिटिश जवानों ने रेप किया था। पहले तो इस गांव में 15 महिलाएं ही रहा करती थीं लेकिन सिर्फ यही महिलाएं ही नहीं थीं, जो पुरुषों की सताई हुई थीं। इसके बाद यह गांव पुरुषों की हिंसा का शिकार हुई महिलाओं की रहने की जगह बन गई। इस गांव में वह महिलाएं रहती हैं, जो रेप, बाल विवाह, घरेलू हिंसा जैसे तमाम हिंसा का शिकार हुई हैं। यहां पर मर्दों का आना वर्जित है। हम केन्या के समबुरू का उमोजा गांव की बात कर रहे हैं।

इस गांव में पुरुषों के आने पर प्रतिबंध लगने के बावजूद भी यहां पर रहने वाली महिलाएं गर्भवती हो जाती हैं। इसके पीछे की वजह यह है कि वह शारीरिक संबंध बनाने के लिए रात में गांव से बाहर चोरी छुपे जाती हैं। उसके बाद अपने पसंदीदा पुरुष के साथ वह शारीरिक संबंध बनाती हैं। इसी वजह से यहां की महिलाएं गर्भवती हो जाती हैं।

इस गांव में करीब 250 महिलाएं और बच्चे रह रहे हैं। इस गांव में प्राइमरी स्कूल, कल्चरल सेंटर भी है। यहां रहने वाली महिलाएं आमदनी के लिए सामबुरू नेशनल पार्क देखने वाले टूरिस्ट के लिए कैंपेन साइड का इंतजाम करती हैं। इसके साथ ही यहां की पारंपरिक ज्वेलरी भी बनाकर बेचती हैं। सबसे खास बात यह है कि इस गांव को देखने के लिए जो भी लोग आते हैं, उन लोगों से यहां की महिलाओं द्वारा पर एंट्री फीस ली जाती है, जिससे इस गांव का खर्चा चलता है। टूरिस्ट्स से होने वाली कमाई के माध्यम से ही महिलाएं अपना गुजारा चलाती हैं।