पांच प्रेम कहानियां

सिंगल
वेलेंटाइन-डे के दिन काम से लौटकर
वह एक होटल में खाना खाने गया।
मैनेजर ने पूछा, ‘आप सिंगल हैं?’ यह
सुनते ही वह आग बबूला हो गया।
गुस्से में बोला, ‘क्यों मेरी शक्ल पर
लिखा है क्या? हां मैं सिंगल हूं। तुम्हें
तकलीफ है क्या कोई? वैलेंटाइन-डे
के दिन कोई सिंगल नहीं हो सकता
क्या?’ मैनेजर घबरा गया, ‘सर
मतलब?’ मैं तो टेबल के लिए पूछ
रहा था। अरे गोविंद, सर के लिए
सिंगल टेबल लगाओ!
लहसुन
मैंने पूछा, ‘और तेरी गर्लफ्रेंड कैसी
है?’ दोस्त बोला, ‘नहीं यार ब्रेकअप
हो गया।’ ‘अरे क्यों, तुम तो सीरियस
थे न? शादी करने वाले थे?’ मैंने
आश्चर्य जताया।
‘हां यार, लेकिन वह लहसुन खाती है
और हमारे परिवार में लहसुन चलता
नहीं है!’ ठेले पर अंडा खाते हुए दोस्त
ने जवाब दिया।
सच्चा प्यार
अब तक पांच गर्लफ्रेंड्स ‘पाल’ चुके
(वे इसी तरह की भाषा इस्तेमाल
करते हैं) मेरे दोस्त ने कहा, ‘यार मुझे
सच्चा प्यार हो गया है।’
मैंने पूछा, ‘क्यों भाई इस बार क्या
खास है लड़की में जो तुम्हारा प्यार
सच्चा है, टुच्चा नहीं?’ दोस्त ने एक
अजीब मुस्कान के साथ जवाब दिया,
‘यार एक तो लड़की पैसे वाली है
और ऊपर से सेम कास्ट की है।’
मैंने कहा, ‘हां, तब तो ‘सच्चा प्यार’
ही होगा!’
अगला दिन
पार्क में प्रेमी-प्रेमिका गलबहियां डाले
बैठे थे। प्रेमिका ने प्रेमी से कहा,
‘कल मिलोगे न?’ प्रेमी ने उदास
चेहरा बनाते हुए कहा, ‘कल तो
मुश्किल है।’ प्रेमिका रुआंसी हो गई,
‘क्यों नहीं, वैलेंटाइन-डे है कल, कल
तो तुम्हें मिलना ही होगा।’ प्रेमी को
गुस्सा आ गया, ‘अरे तुम समझती
नहीं हो। पार्टी के भी काम होते हैं
यार। अभी-अभी युवा कमेटी का
अध्यक्ष बना हूं। कल संस्कृति रैली
निकालनी है। हम अपना वैलेंटाइन
अगले दिन मना लेंगे।’
प्यार भरी बातें
प्रेमी-प्रेमिका फोन पर बात करते हुए।
लड़का – और सुनाओ.।
लड़की – बस.।
लड़का – हम्म।
लड़की – तुम बोलो कुछ।
लड़का – मैं क्या बोलूं?
लड़की – हम्म।
लड़का – बोलो न जानू।
लड़की – मैं क्या बोलूं?
लड़का – और सुनाओ।
लड़की – बस।
लड़का – हम्म।
तीन घंटे बाद।
लड़का – कुछ तो बोलो न।
लड़की – मैं क्या बोलूं, तुम बोलो।
लड़का – हम्म
और दो घंटे बाद।
लड़की – हम्म।
लड़का – हम्म।
लड़की – हम्म।