पिछले 19 साल से पत्थर खाता है ये शख्स, प्रार्थना से करता है लोगों का उपचार; हैरान करने वाला है दावा

जशपुर। आधुनिक युग में बदलते समय के साथ-साथ अब खाने-पीने की कई तरह की चीज़े मार्केट में आ गई है। जो कुछ लोगों को पसंद आती, और कुछ लोगों को नहीं भी आती है। वहीं ज्यादा बाहर के खाद्य सामग्री का सेवन करने से लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। लेकिन छत्तीसगढ़ के जशपुर में एक ऐसा शख्स है, जो पारंपरिक खाना (दाल, चावल, सब्जी) तो खाता ही है। इसके अलावा पत्थर भी खाता है। इसमें हैरान करने वाली बात ये है कि, पत्थर खाने के बाद उस शख्स को अब तक स्वास्थ्य से जुड़ी कोई परेशानी नहीं हुई। इस शख्स के बारे में जानने और सुनने वाला हर कोई हैरान है।

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दरअसल, छत्तीसगढ़ के उत्तरी इलाके में बसे जशपुर जिले के बगीचा ब्लॉक अन्तर्गत छीपाताला गांव है। जहां संतोष लकड़ा (51 वर्ष) नाम के एक व्यक्ति रहते है। इनकी कहानी पूरे जशपुर में मशहूर है। दरअसल, संतोष लकड़ा पिछले 19 साल से पत्थर खाते है और अब तक हजार से ज्यादा पत्थर खा चुके है, लेकिन पत्थर खाने की वजह से अब तक उन्हें स्वास्थ्य से संबंधी कोई परेशानी नहीं हुई है। जिसके पीछे का कारण पूछने पर संतोष बताते है कि, ईश्वरीय शक्ति है।

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संतोष का दावा है कि, वो ईश्वरीय प्रार्थना से लोगों की दुःख-तकलीफों को खत्म करते है। संतोष ईसाई धर्म को मानते है और अपने घर के पूजा के कमरे में प्रभु यीशु की कई प्रतिमाएं और फोटो लगा रखी हैं। उसी कमरे में बैठकर संतोष प्रार्थना के माध्यम से लोगो की तकलीफें दूर करने का दावा करते है। उसने अब तक शारीरिक एवं अन्य परेशानियों से परेशान सैकड़ो लोगो की तकलीफें दूर की हैं। बता दें कि, संतोष प्रार्थना के दौरान घुटनो के बल बैठते है और दोनों घुटनों के नीचे खुरदुरे पत्थरो को रखकर ईश्वर की आराधना करते है। प्रार्थना के बाद संतोष लोगो के दुख दर्द को अपने अन्दर ग्रहण करने का दावा करते है। इसके लिए संतोष पत्थरो के टुकड़ों को मुँह से निगलकर पेट तक पहुंचाते है।

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इधर संतोष के द्वारा पत्थर खाने की कला से स्थानीय लोग और उनके परिजन भी हैरान हैं, उनका मानना है कि, उन्होने इस तरह से पत्थर खाते आज तक किसी को नहीं देखा। ये अपने आप मे अद्भुत कारनामा हैं। परिजनों को पहले ये डर सताता था कि, पत्थर खाने के दौरान कभी कुछ घटना ना घट जाए, पर अब उनको इसकी आदत हो गई है।

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संतोष लकड़ा ने बताया कि, उन्होंने 2022 से पत्थर खाना शुरू किया। उन्हें ईश्वरीय शक्ति मिली है, भगवान का वरदान है। जिसकी वजह से उन्हें पत्थर खाने से कोई नुकसान नहीं होता। संतोष ने बताया कि, वह कृषि कार्य करते है। उनके परिवार में पत्नी, 3 बेटे और 2 बेटी है। शुक्रवार को लोग उनके पास अपनी समस्याएं लेकर आते हैं, जिनका वह निःशुल्क इलाज करते है। उन्होंने आगे बताया कि, पहले उनके पास एक कबूतर था, जब भी वो किसी की परेशानी का प्रार्थना के माध्यम से समाधान करते, तो कबूतर सामने वाले के ऊपर जाकर बैठा जाता था। जिससे वे आश्वस्त हो जाते की इनकी समस्याएं दूर हो जाएगी।