क्या आप अंडमान और निकोबार की करना चाहते है सैर…. तो जानिए द्वीप समूह के बारे में

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के बारे में

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारत का केंद्र शासित प्रदेश है जो हिंद महासागर के किनारे स्थित है। पुरातत्व प्रमाणों के आधार पर यह पता चला है कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सबसे पहली बस्ती पाषाण युग के मध्य थी। कहा जाता है कि अंडमानी लोग अंडमान द्वीप के सबसे पहले निवासी थे। सन् 1850 तक अंडमानी बिलकुल अलग थलग रहते थे। सन् 1850 के बाद ही वे लोग बाहरी दुनिया के संपर्क में आए। निकोबारी लोग निकोबार द्वीप के मूल निवासी थे। वो लोग निकोबार द्वीप समूह में शोंपेन के साथ रहते थे।

18 वीं सदी में अंग्रेजों के भारत में आने के बाद यह द्वीप वैश्विक परिदृश्य में उभरा है। लेकिन ब्रिटिश काल के दौरान यह ‘कालापानी’ को लेकर कुख्यात था, क्योंकि किसी भी आरोप के दोषी को ब्रिटिश सरकार यहां कैद रखती थी। अंग्रेजों ने इस खूबसूरत द्वीप को एक ‘दंड काॅलोनी’ में बदल दिया जहां आजीवन कैद काटने वालों को बंद रखा जाता था। कई सालों तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को ‘दंड काॅलोनी’ के तौर पर जाना जाता रहा। लेकिन पिछले कुछ सालों में यह परिदृश्य बड़े पैमाने पर बदला है। शुरुआत में इस द्वीप समूह पर जाना वर्जित था और प्रतिष्ठित लोग इस द्वीप पर जाना नापसंद करते थे। लेकिन आज अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारत के पर्यटन का सबसे ज्यादा प्रतिष्ठित स्थान है। यहां मौजूद कई आकर्षक स्थानों ने इस जगह के पर्यटन में बहुत बढ़ावा किया है। कुछ खास स्थान हैं जिनका अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मामले में उल्लेख करना जरुरी है:

अंडमान द्वीप

  • लांग आईलैंड
  • नील द्वीप
  • रंगत
  • डिगलीपुर
  • मायाबंदर
  • लिटिल अंडमान द्वीप समूह, आदि

निकोबार द्वीप

  • कच्छल
  • कार निकोबार
  • ग्रेट निकोबार, आदि

पोर्ट ब्लेयर

  • गांधी पार्क
  • महात्मा गांधी राष्ट्रीय उद्यान
  • चिडि़या टापू
  • सिप्पिघाट फार्म
  • कोलिनपुर
  • मिनी चिडि़यापुर
  • माउंट हेरिएट
  • मधुबन, आदि

 

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह – तथ्य

अंडमान और निकोबार द्वीप में कई आदिवासी जनजातियां हैं और यह बंगाल की खाड़ी में पश्चिम बंगाल के तट से 1220 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व और चैन्नई से 1190 किलोमीटर दूर स्थित है। अंडमान के मुख्य द्वीपों में लैंड फाॅल द्वीप, मिडिल अंडमान, दक्षिण अंडमान, पोर्ट ब्लेयर और लिटिल अंडमान हैं। निकोबार दक्षिण में स्थित है और इसमें कार निकोबार, ग्रेट निकोबार, छोवरा, टेरेसा, ननकोवायर, कच्छल और लिटिल निकोबार शामिल हैं। द्वीपों के दो समूह अंडमान और निकोबार एक गहरी दस डिग्री चैनल से बंटे हुए हैं। द्वीपों में 12 द्वीप, खासकर कार निकोबार उत्तर में बसे हुए हैं जबकि ग्रेट निकोबार जो सबसे बड़ा और दक्षिणी छोर पर स्थित द्वीप है वह लगभग जनशून्य है। इस केंद्र शासित प्रदेश की राजधानी अंडमान द्वीप पर स्थित पोर्ट ब्लेयर है।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को लोकप्रिय तौर पर ‘एम्राल्ड आइल’ के तौर पर जाना जाता है। तत्कालीन ‘काला पानी’ या सेलुलर जेल अब एक संग्रहालय है और भारत का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।

इतिहास

इन द्वीपों के अस्तित्व के बारे में पहली जानकारी 9 वीं शताब्दी में अरब व्यापारियों से मिली थी जो सुमात्रा जाते समय इन द्वीपों के रास्ते यहां से गुजरे थे। यहां आने वाला पहला पश्चिमी व्यक्ति मार्को पोलो था जिसने इस जगह को ‘लैंड आॅफ हैड हंटर’ कहा था। 17 वीं सदी के अंत में मराठों ने इन द्वीपों पर कब्जा कर लिया। 18वीं शताब्दी की शुरुआत में यह बार बार ब्रिटिश, डच और पुर्तगाली व्यापारी जहाजोें पर कब्जा करने वाले मराठा एडमिरल कान्होजी आंग्रे का ठिकाना बन गया था। सन् 1729 में हुई आंग्रे की मृत्यु तक भी ब्रिटिश और पुर्तगाली नौसेना मिलकर भी आंग्रे को हरा नहीं पाई थी। सन् 1869 में अंग्रेजों ने निकोबार द्वीपों पर कब्जा कर लिया और उन्हें सन् 1872 में एक प्रशासनिक इकाई बनाने के लिए अंडमान द्वीपों से जोड़ दिया गया। सन् 1942 में जापानी सेना ने द्वीपों पर कब्जा कर लिया जो सन् 1945 में विश्व युद्ध के अंत तक कायम रहा। बाद में सन् 1947 में ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी के बाद इन द्वीपों का नियंत्रण भारत को सौंप दिया गया।

भूगोल

भौगोलिक दृष्टि से 11 डिग्री 41’ उत्तर और 92 डिग्री 46’ पूर्व में स्थित ये द्वीप बंगाल की खाड़ी का हिस्सा हैं। द्वीपों के दो समूह अंडमान और निकोबार भारतीय महाद्वीप के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित हैं। टापू, द्वीपों और चट्टानों के फैलाव वाला यह इलाका कुल 8249 वर्ग किलोमीटर का है। इस केंद्र शासित प्रदेश की राजधानी पोर्ट ब्लेयर है जो यहां का सबसे बड़ा शहर भी है। अंडमान और निकोबार द्वीप का एसटीडी कोड 03192 है।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की मौसमी परिस्थितियां

समुद्र के पास स्थित होने के कारण अंडमान और निकोबार में पूरा साल तापमान सामान्य ही रहता है। 80 प्रतिशत की नमी के साथ समुद्री हवा तापमान को 23 डिग्री सेल्सियस से 31 डिग्री सेल्सियस के बीच बनाए रखती है। इस द्वीप में मानसून की बरसात साल भर में अलग अलग चरणों में होती है। दक्षिण-पश्चिम हवाओं द्वारा लाया गया मानसून मध्य मई से शुरु होकर अक्टूबर की शुरुआत तक रहता है। इसके बाद डेढ़ महीने के अंतराल के बाद नवंबर में मानसून उत्तर-पूर्व से शुरु होता है और दिसंबर तक चलता है।

जनसांख्यिकी

सन् 2011 की जनगणना के अनुसार देश के इन लोकप्रिय द्वीपों की आबादी 380381 है और इसका घनत्व 46 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर का है। यहां का लिंग अनुपात 1000 पुरूषों के मुकाबले 878 महिलाओं का है।

अंडमान और निकोबार की तथ्य तालिका

स्थान बंगाल की खाड़ी के भीतर म्यांमार में केप नेग्राइस से 193 किमी दूर, कोलकाता से 1255 किमी, चेन्नई से 1190 किमी
अक्षांश 6° और 14° उत्तर
रेखांश पूर्व 92° और 94° के बीच
क्षेत्रफल 8,249 वर्ग किमी
मौसम साल भर में उष्णकटिबंधीय। गर्मियों में बारिश और उष्णकटिबंधीय तूफान अक्सर भारी नुकसान का कारण बनते हैं
अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस
न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस
नमी 70% – 90%
बरसात के मौसम मई – मध्य सितंबर – नवंबर – मध्य दिसम्बर
औसत वार्षिक वर्षा 3180.0 मिमी
राजधानी पोर्ट ब्लेयर
जनसंख्या 280,661 (1991 की जनगणना), कुल 572 द्वीपों में से केवल 38 द्वीप मनुष्यों द्वारा बसे हुए हैं
भाषाएँ बंगाली, हिंदी, तमिल, मलयालम, निकोबारी, तेलुगू
धर्म हिंदू धर्म, ईसाई धर्म, इस्लाम, अन्य
उत्तम समय यात्रा करने के लिए अक्टूबर से मई
पहनावा साल भर हलके सूती वस्त्र

 

भाषाएं

इन द्वीपों की मुख्य भाषा निकोबारी है। हालांकि आधिकारिक भाषाएं जैसे हिंदी, बंगाली, तमिल, तेलुगु और अंग्रेजी भी यहां व्यापक रूप से बोली जाती हैं।

सरकार और राजनीति

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की सरकार और राजनीति भारत के कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शासन से थोड़ी अलग है। इस द्वीप समूह की सरकार और राजनीति के बारे में पहली उल्लेखनीय बात यह है कि यहां एक विधायिका की कमी है। लेफ्टिनेंट गवर्नर स्वयं अंडमान और निकोबार की सरकार में कार्यकारी प्रमुख होता है। विभिन्न विभागों के प्रमुखों द्वारा प्रत्यक्ष निगरानी के तहत कार्यकारी शाखा उनकी देखरेख में चलती है। राज्य की न्यायपालिका कोलकाता हाईकोर्ट के अंतर्गत आती है। लेफ्टिनेंट गवर्नर का अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की सरकार और राजनीति में बहुत महत्व है। एक औपचारिक विधान परिषद के अभाव में लेफ्टिनेंट गवर्नर राज्य की पूरी विधायी संरचना की देख रेख करता है। विभिन्न विभाग उनकी देख रेख में कार्य करते हैं। राज्य के सरकारी विभाग निदेशालय और सचिवालय दोनों स्तरों पर कार्य करते हैं और प्रदेश कार्यकारिणी का ध्यान रखते हैं। कई केंद्रीय सरकारी संगठन अंडमान और निकोबार के प्रशासन और शासन के प्रोफाइल को बढ़ाने में मदद करते हैं।

अर्थव्यवस्था

अंडमान में अपार क्षमता है लेकिन अब तक इसका भरपूर उपयोग नहीं हो पाया है। यहां विकास लगभग ना के बराबर हुआ है लेकिन आबादी चिंताजनक रुप से बढ़ी है। शानदार वर्षा वन अंडमान को लकड़ी की ‘सोने की खान’ बनाता है। द्वीपों के पहाड़ी हिस्सों में ट्राॅपिकल फल बहुतायत में पाए जाते हैं। यहां मछली पालन की बहुत संभावनाएं हैं जिसमें औद्योगिक विकास के अच्छे अवसर हैं। अंडमान की मुख्य नगदी फसल धान है जबकि नारियल और सुपारी निकोबार की मुख्य नगदी फसलें हैं। यहां कई और फसलें जैसे दालें, तिलहन और सब्जियां और मसाले जैसे मिर्च, लौंग, जायफल और दालचीनी भी उगाए जाते हैं। रबर, लाल तेल, पाम और काजू भी इन द्वीपों पर सीमित पैमाने में उगाए जाते हैं। इस क्षेत्र के प्रमुख उद्योगों में पीवीसी पाइप और फिटिंग, पेंट और वार्निश, फायबर ग्लास, साफ्ट ड्रिंक और पेय पदार्थ और स्टील फर्नीचर शामिल हैं।

एमवी हर्षवर्धन, एमवी अकबर और एमवी निकोबार जैसी नियमित यात्री जहाज सेवाएं पोर्ट ब्लेयर और चैन्नई, कोलकाता और विशाखापत्तनम के बीच चलती हैं।

बुनियादी सुविधाएं

अंडमान और निकोबार द्वीपों की बुनियादी सुविधाएं दूसरे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बराबर नहीं हैं लेकिन फिर भी मौजूदा उद्योगों को समर्थन देने जितनी बुनियादी सुविधाएं हैं। किसी भी जगह की बुनियादी सुविधाओं के मुख्य हिस्से होते हैं उद्योग, परिवहन, संचार आदि। अंडमान और निकोबार द्वीपों की बुनियादी सुविधाओं का मुख्य भाग इसकी परिवहन व्यवस्था है। इस लिहाज से यह कहा जा सकता है कि इन द्वीपों की परिवहन व्यवस्था में बहुत सुधार हुआ है और यह बेहतरी की दिशा में अग्रसर है। अंडमान और निकोबार द्वीपों के मोटर परिवहन विभाग ने अपनी सेवाएं पोर्ट ब्लेयर के अलावा दस और द्वीपों में विस्तारित की हैं। राज्य परिवहन सेवा द्वारा कई रुटों पर बड़ी संख्या में बसें चलाई जाती हैं।

शिक्षा

भारत के अन्य राज्यों की तरह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की शिक्षा प्रणाली भी 14 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा मुहैया कराती है। यहां की उच्चतर माध्यमिक शिक्षा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध है। ज्यादातर काॅलेज पांडिचेरी विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं और कुछ पाॅलिटेक्निक नई दिल्ली से संबद्ध हैं। इस जगह पर ऐसे काॅलेज और संस्थानों की कमी है जो छात्रों को मेडिसिन, इंजीनियरिंग और लाॅ के क्षेत्र में व्यवसायिक डिग्री दे सके। ऐसे संस्थान शुरु करने के लिए अधिकारियों ने कदम उठाएं हैं।

समाज और संस्कृति

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की विशेषता इसकी दो अलग देशी संस्कृतियां है। एक अंडमान की निगरिटो आबादी और दूसरी मंगोल निकोबारी और शांपनी है। ब्रिटिश काल के पहले और बाद में, और भारत की आजादी के बाद भी इन दो संस्कृतियों ने अपनी पहचान बना कर रखी है। अंडमान का मूल देशी समूह ओंगी है जो लिटिल अंडमान में रहता है। अन्य अंडमानी जनजातियों की तरह ही ओंगी भी निगरिटो मूल के हैं। ये लोग भोजन बटोरना, शिकार, शहद एकत्र करना और मछली पकड़ने का काम करते हैं। यहां ये एकमात्र जनजाति है जो बाहरी दुनिया से स्वतंत्र रुप से संपर्क बनाती है। निकोबार में एकमात्र आदिवासी जनजाति शांपनी है जो बाहरी दुनिया से संपर्क बनाने में हिचकिचाते हैं।

सबसे बड़ा समूह निकोबारी बर्मी, मलय, सोम और शान मूल का मिश्रण है। यह मैत्रीपूर्ण और खुशनुमा होते हैं और पैसे स्वीकार नहीं करते और वस्तु-विनिमय को पसंद करते हैं। मृत लोगों से बातचीत निकोबार में एक कौतूहल भरी परंपरा है।

विशेष समूहों के विशेष उत्सव समारोह में बंगालियों के लिए दुर्गापूजा, तमिलों के लिए पंगुनी उथिरम, तेलगु के लिए पोंगल और मलयालियों के लिए ओणम शामिल हैं। अंडमान में पैदा हुए लोग जो कि हिंदू, मुस्लिम और ईसाई हैं, अपने अपने धर्मों के त्यौहार मनाते हैं। उनके कुछ खास त्यौहारों में शिवरात्रि, जन्माष्टमी, होली, दीपावली, रामनवमीं, ईद, क्रिसमस, गुड फ्राइडे आदि हैं। इन तीनों धर्मों के लोग यहां एक दूसरे के त्यौहारों में शामिल होते हैं।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लोग मूल रुप से भले ही किसी भी क्षेत्र से हों या उनका धर्म कुछ भी हो और वे कोई भी भाषा या बोली बोलते हों, उनके सांस्कृतिक लक्षण एक से हैं। अंडमान और निकोबार के समाज की सबसे उल्लेखनीय बात यहां अलग अलग धर्मों के लोगों का साथ रहना है। यहां सांप्रदायिक हिंसा होने की बात कभी नहीं सुनी गई। एक दूसरे के धर्म में बढ़े आपसी मेलजोल के करण यहां अंतर-धार्मिक विवाह की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हुई है।

पर्यटन

भारत की मुख्य भूमि से अलग यह जगह तैरते एम्राल्ड द्वीपों और चट्टानों का समूह है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह नारियल और खजूर की सीमा वाले, पारदर्शी पानी वाले, आकर्षक और खूबसूरत समुद्री तटों और उसके पानी के नीचे कोरल और अन्य समुद्री जीवन के लिए मशहूर हैं। यहां की प्रदूषण रहित हवा, पौधों और जानवरों की नायाब प्रजातियों की मौजूदगी की वजह से आपको इस जगह से प्यार हो जाता है।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह मशहूर क्यों है?

भारत की मुख्य भूमि से अलग यह जगह तैरते एम्राल्ड द्वीपों और चट्टानों का समूह है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह नारियल और खजूर की सीमा वाले, पारदर्शी पानी वाले, आकर्षक और खूबसूरत समुद्री तटों और उसके पानी के नीचे कोरल और अन्य समुद्री जीवन के लिए मशहूर हैं। यहां की प्रदूषण रहित हवा, पौधों और जानवरों की नायाब प्रजातियों की मौजूदगी की वजह से आपको इस जगह से प्यार हो जाता है।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के प्रमुख आकर्षण

अंडमान और निकोबार के 572 द्वीपों का समूह अपने स्वच्छ पर्यावरण और पानी की साफ धाराओं के चलते किसी भी प्रकृतिवादी के लिए स्वर्ग से कम नहीं है। सैलानियों के लिए इस जगह के कुछ खास आकर्षणों में हरे भरे जंगलों से पटे अलग अलग पहाड़ी इलाके और समुद्री तट हैं। ये द्वीप अपनी एडवेंचर गतिविधियों जैसे स्कूबा डाइविंग, ट्रेकिंग, स्नाॅर्कलिंग, केंपिंग और अन्य जलक्रीड़ाओं के लिए भी जाने जाते हैं। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ मशहूर पर्यटन स्थलों के नाम इस प्रकार हैं:

  • बारातांग
  • बैरन द्वीप
  • सेलुलर जेल
  • हैवलाॅक द्वीप
  • कोर्बिन कोव बीच
  • राधानगर बीच
  • राष्ट्रीय स्मारक संग्रहालय
  • मत्स्य संग्रहालय
  • राॅस द्वीप
  • चिडि़या टापू
  • माउंट हेरिएट
  • महात्मा गांधी मरीन नेशनल पार्क
  • गांधी पार्क
  • नील द्वीप
  • कच्छल

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ मशहूर पर्यटन स्थलों में राष्ट्रीय स्मारक, नौसेना समुद्री संग्रहालय, स्मृथिका संग्रहालय, हड्डो ज़ूलाॅजिकल गार्डन, कोर्बिन कोव और अन्य समुद्री तट और हम्फ्रे गंज मेमोरियल शामिल हैं। पोर्ट ब्लेयर में अंडमान वाॅटर स्पोर्ट काॅम्पलेक्स, चटम साॅ मिल, चिडि़या टापू, मरीन संग्रहालय, रेड स्किन द्वीप और हैवलाॅक और अन्य आकर्षण भी हैं। कोर्बिन कोव, वंदूर समुद्र तट, सिप्पिघाट वाॅटर स्पोर्ट काॅम्पलेक्स, सिंक द्वीप और जाॅली बोया द्वीप यहां के कुछ रोमांचक स्थल हैं।

परिवहन

अंडमान और निकोबार के द्वीप देश और दुनिया के अलग अलग भागों से हवाई और जल मार्ग से जुड़े हैं। यहां आंतरिक यात्रा के लिए बस और सड़क परिवहन के अन्य साधन उपलब्ध हैं। एक द्वीप होने के कारण यह जगह देश के अन्य हिस्सों से रेलवे से नहीं जुड़ी है। पोर्ट ब्लेयर का वीर सावरकर एयरपोर्ट इन द्वीपों को देश के दूसरे हिस्से से हवाई मार्ग से जोड़ता है। जलमार्ग अंडमान और निकोबार द्वीप समूहों के आंतरिक और बाहरी परिवहन की तरह काम करते हैं। पोर्ट ब्लेयर यहां के मुख्य बंदरगाह के तौर पर काम करता है। राज्य परिवहन और निजी परिवहन कंपनियों की चलाई बसों के अलावा यहां के रहवासी निजी टैक्सी और आॅटो रिक्शा का इस्तेमाल करते हैं। तेज और आसान यात्रा के लिए यहां लोग साइकिल और मोटरसाइकिल का भी इस्तेमाल करते हैं।

अण्डमान और निकोबार की जनजातियाँ

 

  • अंडमान की निगरिटो
  • मंगोल निकोबारी
  • शांपनी
  • ओंगी

अंडमान और निकोबार के जिले

क्र.सं. जिला का नाम जिला मुख्यालय जनसंख्या (2011) विकास दर लिंग अनुपात साक्षरता क्षेत्र (वर्ग किमी) घनत्व (/ वर्ग किमी)
1 दक्षिण अंडमान पोर्ट ब्लेयर 238142 14.23% 871 89.13 3181 80
2 उत्तर और मध्य अंडमान मायाबंदर 105597 -0.02% 925 83.91 3227 32
3 निकोबार कार निकोबार (मलक्का) 36842 -12.42% 777 78.06 1841 20