विधायक और मंत्री के काफ़िले पर फेंके गए अंडे… CM से जा रहे थे मिलने.. जानें कहाँ का है मामला

भुवनेश्‍वर। ओडिशा में विपक्षी पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस ने राज्‍य के मंत्री डीएस मिश्रा के एक महिला के अपहरण और हत्‍या के मामले में मुख्‍य आरोपी से संबंध का आरोप लगाकर अपना विरोध प्रदर्शन शनिवार को और तेज कर दिया। पार्टियों की मांग है कि मंत्री डीएस मिश्रा को उनके पद से हटाया जाए और गिरफ्तार किया जाए। इस बीच शनिवार को राज्‍य के मंत्री और विधायक पर नाराजगी जाहिर करते हुए उनपर अंडे भी फेंके गए।

ये दोनों ही बारगढ़ जिले के बीजेपुर में मुख्‍यमंत्री नवीन पटनायक से मिलने जा रहे थे। तभी रास्‍ते में उन्‍हें विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। बीजेपी नेताओं ने राज्‍य के एससी/एसटी विकास मंत्री जगन्‍नाथ सराका की कार पर पैकमला चाक पर अंडे फेंके। वहीं बीजेपी की विधायक और पूर्व मंत्री स्‍नेहनगिनी छूरिया को भी इकमारा चाक में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विरोध झेलना पड़ा। उन पर भी इसी तरह अंडे फेंके गए।

सीएम पटनायक बारगढ़ जिले में बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना (बीएसकेवाई) के तहत स्मार्ट स्वास्थ्य कार्ड के वितरण का शुभारंभ करने के लिए बीजेपुर में थे। मुख्यमंत्री के दौरे से पहले पुलिस ने एहतियात के तौर पर कई कांग्रेस और बीजेपी नेताओं को हिरासत में लिया था। बीजेपी के राज्य युवा मोर्चा के अध्यक्ष इरशीश आचार्य और कांग्रेस के पूर्व विधायक निहार महंदा को पद्मपुर में एहतियातन हिरासत में ले लिया गया।

इससे पहले 11 नवंबर को भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं ने क्योंझर जिले में राज्‍य के मंत्री प्रफुल्ल मलिक को काले झंडे दिखाए थे। उस समय वह जिला योजना बोर्ड की बैठक में हिस्‍सा लेने के लिए जा रहे थे। 7 नवंबर को कालाहांडी जिले के जूनागढ़ के दौरे के दौरान मंत्री डीएस मिश्रा के काफिले पर अंडे फेंके गए थे और उन्हें काले झंडे दिखाए गए थे। मयूरभंज जिले के बारीपदा इलाके में पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में बैरिकेड्स तोड़कर घुसने से रोकने पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर अंडे फेंके थे।

मामले में नॉदर्न रेंज के डीआईजी दीपक कुमार ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के जरिये विपक्ष की ओर से लगाए गए जांच में देरी के आरोप को बेबुनियाद बताया है। उनका दावा है कि उन्होंने शिक्षिका की हत्या के मामले की जांच में कोई देरी नहीं हुई और यह सही रास्ते पर है।

डीआईजी दीपक कुमार ने कहा कि मामला 13 अक्टूबर को दर्ज किया गया था और 24 घंटों के भीतर इसे अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (सीसीटीएनएस) पर अपलोड कर दिया गया था। 13, 14 और 15 अक्टूबर को छुट्टी होने के कारण 16 अक्टूबर को कोर्ट में केस डायरी दाखिल की गई। सीआरपीसी की धाराओं के तहत 10 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं।

बता दें कि 24 साल की शिक्षिका का 8 अक्टूबर को अपहरण कर हत्या कर दी गई थी और 19 अक्टूबर को उसका शव स्कूल परिसर में मिला था। पुलिस ने मामले में मुख्य आरोपी सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जो स्कूल प्रबंध समिति के अध्यक्ष भी हैं। विपक्षी दल मुख्य आरोपी को संरक्षण देने और दो दिन बाद फिर से पकड़े जाने से पहले 17 अक्टूबर को पुलिस हिरासत से भागने में मदद करने का आरोप लगाते हुए मंत्री को हटाने की मांग कर रहे हैं।