जल्द ही महंगा हो सकता है आपका चहेता पार्ले जी बिस्कुट, गेहूं से लेकर तेल तक सबकी कीमतें पहुंची आसमान पर!

पार्ले-जी को कौन नहीं जानता। जब कभी बात सस्ते बिस्कुट की आती है तो पार्ले जी का जिक्र जरूर होता है। लेकिन जल्द ही ये बिस्कुट महंगा हो सकता है। पार्ले प्रोडक्ट्स के मयंक शाह ने कहा है कि अगर कमोडिटीज की कीमतें और बढ़ती हैं तो इससे बिस्कुट की कीमतें बढ़ना तय है। पार्ले-जी बिस्कुट महंगा होने की एक बड़ी वजह है रूस यूक्रेन युद्ध, जिसकी वजह से गेहूं महंगा हो गया है।

पिछले करीब हफ्ते भर में गेहूं की कीमतों में 40 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। कीमतें बढ़ने की सबसे बड़ी वजह है रूस यूक्रेन युद्ध। दरअसल, यूक्रेन और रूस का गेहूं निर्यात में अहम योगदान है। ये दोनों देश गेहूं के कुल निर्यात का 30 फीसदी निर्यात करते हैं। युद्ध के चलते वहां से निर्यात नहीं हो पा रहा है तो उससे गेहूं आयात करने वाले तमाम देश भारत का रुख कर रहे हैं। यही वजह है कि पिछले दिनों में भारत का गेहूं निर्यात काफी अधिक बढ़ा है। अगर ये निर्यात इसी तरह जारी रहा तो गेहूं और महंगा होगा।

केंद्र सरकार के फूड सेक्रेटरी सुधांशु पांडेय ने बताया कि यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध के कारण वैश्विक कीमतों में उछाल के बाद भारत से गेहूं के निर्यात में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि देश से होने वाला कुल गेहूं निर्यात चालू वित्त वर्ष में अब तक 66 लाख टन के रिकॉर्ड स्तर को छू चुका है। यह आंकड़ा बीते फरवरी के अंत में ही छुआ जा चुका है। वैश्विक बाजार में गेहूं की कीमतें पहले ही बढ़ चुकी हैं और 24,000-25,000 रुपये प्रति टन के दायरे में चल रही हैं। सुधांशु पांडेय ने बताया कि अब तक गेहूं का निर्यात वित्त वर्ष 2012-13 में हासिल किए गए 65 लाख टन के ऐतिहासिक उच्च स्तर को पार कर चुका है। उन्होंने बताया “अभी भी एक महीना बाकी है, आप इस साल लगभग 70 लाख टन से अधिक निर्यात की उम्मीद कर सकते हैं।”

पार्ले-जी बिस्कुट सिर्फ गेहूं महंगा होने की वजह से महंगा नहीं हो रहा है, बल्कि बाकी चीजें के दाम भी अहम रोल अदा कर रहे हैं। मयंक शाह बताते हैं कि तमाम तरह के खाने के तेल भी महंगे हो रहे हैं। साथ ही बाकी कमोडिटीज के दाम भी बढ़े हैं। कच्चा तेल भी लगातार महंगा होता जा रहा है, जो पैकेजिंग और लॉजिस्टिक्स में अहम भूमिका निभाता है। चीनी के दाम भी महंगे हुए हैं, जिसका बिस्कुट के दाम पर असर पड़ रहा है। यानी देखा जाए तो बिस्कुट के बिजनस से जुड़े सभी रॉ मटीरियल महंगे हुए हैं, जिससे बिस्कुट महंगा हो सकता है। मयंक शाह बताते हैं कि गेहूं, खाने का तेल और कच्चा तेल बिस्कुट के बिजनस में कॉस्टिंग का करीब 40-45 फीसदी कॉन्ट्रिब्यूट करते हैं।