‘खराब रोड से ये 3 लोग रहते हैं खुश’… सड़कों की बार-बार मरम्मत पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कटाक्ष


नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को निर्माण की खराब गुणवत्ता के कारण सड़कों की बार-बार होने वाली मेंटेनेंस को लेकर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि बार-बार रखरखाव से नेताओं, अधिकारियों और ठेकेदारों सहित सभी को बहुत संतुष्टि मिलती है, जिसका कारण सभी को पता है। TOI के मुताबिक फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे गडकरी ने कहा कि रखरखाव एक ऐसा विषय है, जो नेताओं से लेकर अधिकारियों और ठेकेदारों तक को खुश करता है। बार-बार रखरखाव का काम बहुत संतुष्टि लाता है, हालांकि इसमें जनता ही हारती है. टिकाऊ सड़कों के लिए निर्णय लेने पर ठेकेदार परेशान हो जाते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि वे अपना व्यवसाय खो देंगे। साथ ही निर्माण के बाद सड़कों को बार-बार खोदना शहरों में एक सामान्य बात है।

मंत्री ने आगे कहा कि नई तकनीकों और सामग्रियों को अपनाकर टिकाऊ और रखरखाव मुक्त सड़कों के निर्माण के लिए समाधान खोजने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि सरफेसिंग के लिए 8 इंच सफेद टॉपिंग और रबरयुक्त बिटुमेन का उपयोग करके सड़कें बनाने की योजना है। गडकरी ने कहा, ‘ऐसी सड़कें 25 साल तक टिकाऊ हो सकती हैं और उन्हें शायद ही किसी रखरखाव की आवश्यकता होगी।’

वहीं एक अन्य कार्यक्रम में बोलते हुए गडकरी ने यह भी बताया कि कैसे एक बार उन्होंने अधिकारियों को परियोजना स्थलों पर अपना नाम डालने का सुझाव दिया था, ताकि लोगों को पता चल सके कि ‘काम की गुणवत्ता’ के लिए कौन जिम्मेदार है। गडकरी ने कहा, ‘एक बार मैंने अधिकारियों को सुझाव दिया था कि उनके नाम प्रदर्शित किए जाने चाहिए। लोग मेरे पुतले ही क्यों जलाएं? लोगों को यह भी पता होना चाहिए कि कौन जिम्मेदार है।’

फिक्की शिखर सम्मेलन में, गडकरी ने यह भी कहा कि उन्होंने वैकल्पिक ईंधन के साथ पेट्रोल और डीजल से छुटकारा पाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा, ‘मैंने तय किया है कि हम डीजल और पेट्रोल का इस्तेमाल बंद कर देंगे। यह मुश्किल है, लेकिन हम एलएनजी, बायो-एथेनॉल, मेथनॉल और हाइड्रोजन का उपयोग करके इलेक्ट्रिक होकर ऐसा कर सकते हैं।’