कारपोरेट जासूसी मामला

नई दिल्ली 

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि सनसनीखेज कारपोरेट जासूसी मामले में शामिल दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस मामले में दिल्ली पुलिस की जांच पूरी होने के बाद सब कुछ जल्द ही साफ हो जाएगा। सिंह ने यहां एक कार्यक्रम के इतर संवाददाताओं से कहा, जल्द ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कड़ी सजा दी जाएगी। गृहमंत्री ने मामले में बिचौलियों और कुछ सरकारी अधिकारियों के बीच साठगांठ से इनकार नहीं किया और उन्होंने दूसरे मंत्रालयों तक जांच का दायरा बढ़ाने का भी संकेत दिया।

मामले में बिचौलियों की भूमिका से जुड़े एक सवाल पर सिंह ने कहा, यह संभव है.. मैं किसी संभावना से इंकार नहीं कर रहा हूं। दिल्ली पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। मुझे लगता है कि जल्द ही पूरा मामला सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि यह सब लंबे समय से चल रहा था जिसकी वजह से मामला इस स्तर तक पहुंचा है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि यह संतोष की बात है कि इस सनसनीखेज जासूसी कांड का राजग सरकार ने पर्दाफाश किया है। उन्होंने कहा, यदि हम सावधान नहीं रहते, तो यह मामला कभी सामने नहीं आ पाता। कारपोरेट जासूसी के इस सनसनीखेज मामले में अब तक कुल 12 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। गिरफ्तार व्यक्तियों में प्रमुख उर्जा कंपनियों के पांच वरिष्ठ अधिकारी और दो सलाहकार शामिल हैं। इसमें वित्त मंत्री के आगामी बजट भाषण में शामिल किये जाने से सबंधित कुछ दस्तावेज भी शामिल हैं। मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस, गृह मंत्रालय के अधीन आती है।

सनसनीखेज कॉरपोरेट जासूसी कांड में शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए और 5 लोगों में शीर्ष उर्जा कंपनियों के पांच वरिष्ठ अधिकारी और दो परामर्शदाता शामिल हैं। इस पूरे प्रकरण में वित्त मंत्री के बजट भाषण के बारे में जानकारी सहित विश्वसनीय दस्तावेज कथित तौर पर लीक हुआ है। इस मामले का गुरुवार को भंडाफोड़ होने के बाद कुल गिरफ्तारियों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है।

संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) रविंद्र यादव ने कल रात बताया था, हमने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरआईएल के शैलेश सक्सेना, एस्सार के विनय कुमार, केर्न्‍स के केके नाइक, जुबिलियंट एनर्जी के सुभाष चंद्रा और एडीएजी रिलायंस के ऋषि आनंद शामिल हैं। ये गिरफ्तारियां शाम के वक्त की गई।

सक्सेना रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) में कॉरपोरेट मामलों के प्रबंधक हैं,जबकि चंद्रा जुबिलियंट एनर्जी में सीनियर एग्जक्यूटिव हैं। वहीं, आनंद रिलायंस एडीएजी में डीजीएम हैं। विनय एस्सार में डीजीएम हैं जबकि नाइक केर्न्‍स इंडिया में जीएम हैं। इन पर आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश रचने) और 411 (चोरी का सामान प्राप्त करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पेट्रोलियम मंत्रालय के दो कर्मचारियों और तीन बिचौलियों की कल की गिरफ्तारी के बाद दो उर्जा सलाहकारों..शांतनु सैकिया (पूर्व पत्रकार) और प्रयास जैन को इससे पहले दिन में गिरफ्तार किया गया। सैकिया अब एक पेट्रो वेब पोर्टल चलाता है। इन दोनों लोगों पर चोरी के दस्तावेज हासिल करने का संदेह है।

पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने बताया कि हमने दो लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें एक का नाम शांतनु सैकिया है और दूसरा प्रयास जैन है। दोनों ही लोग कुछ स्वतंत्र सलाहकार हैं। उनमें से सैकिया एक वेबसाइट चलाता है जिसमें वह विश्लेषण देता और लोग इसे पढ़ते। ये दोनों गिरफ्तार कर लिए गए हैं और जांच जारी है।

स्थानीय अदालत में पेश की गई केस एफआईआर में कहा गया है कि आरोपियों के पास से बरामद विभिन्न गोपनीय दस्तावेजों में 2015-16 के वित्त मंत्री के बजट भाषण के लिए नेशनल गैस ग्रिड के बारे में जानकारी भी शामिल है।

मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट संजय खंगवाल मामले में पेश की गई एफआईआर के मुताबिक इसके अलावा पुलिस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा का एक पत्र भी बरामद किया है। मजिस्ट्रेट ने आरोपियों की रिमांड के लिए कार्यवाही की सुनवाई की।

सभी सातों आरोपियों को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया जिन्होंने लालता प्रसाद और राजेश कुमार (पेट्रोलियम मंत्रालय के कर्मचारी) तथा जैन एवं सैकिया को 23 फरवरी तक के लिए पुलिस को सौंप दिया। दरअसल, पुलिस ने संवेदनशील दस्तावेज बरामद होने की बात कही। पुलिस ने बताया कि कोयला, उर्जा और अन्य मंत्रालयों से जुड़े दस्तावेज आरोपियों के पास से बरामद किए गए जो फायदे के लिए इन्हें कुछ कॉरपोरेट हाउसों को भेजा करते थे।

पुलिस ने अन्य तीन आरोपियों ईश्वर सिंह आसाराम और राजकुमार चौबे के बारे में कहा कि उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की जरूरत नहीं है इसलिए इन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाए। पुलिस ने बताया कि इस सिलसिले में गिरफ्तार किए गए जिन लोगों के कार्यालयों और घरों पर छापेमारी की गई वहां से फोटोकॉपी वाले दस्तावेज बरामद हुए।

इस मुद्दे पर बात करते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने कल कहा कि इन लोगों ने खास दस्तावेज नहीं चुराए थे और सिर्फ मेज पर जो कुछ मिला उसकी फोटोकॉपी लिए होंगे। पुलिस और विभिन्न मंत्रालय के विशेषज्ञ बरामद किए गए दस्तावेजों की छानबीन कर रहे हैं ताकि यह पता कर सकें कि किस तरह के दस्तोवेज चोरी हुए हैं।

उन्होंने बताया कि विशेष अधिकारियों और संबद्ध मंत्रालयों से सलाह से दस्तावेजों की छानबीन करनी होगी जिसके बाद ही हम कह सकते हैं ताकि हम इसके बारे में जान सकें, तब जाकर हम यह कह सकते हैं कि यह गोपनीय दस्तावेज अधिनियम के दायरे में आता है या नहीं।

पुलिस ने बताया कि दोनों लोग मंत्रालयों से चोरी के दस्तावेज प्राप्त किया करते थे। सूत्रों ने बताया कि शास्त्री भवन में काम करने वाले एक अन्य जूनियर अधिकारी को भी पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। पुलिस की टीमें छापेमारी कर रही है और इस मामले में और अधिक गिरफ्तारियां हो सकती हैं। बस्सी ने बताया कि पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इन लोगों के कंपनियों के साथ किस तरह के संबंध हैं।