एक गांव ऐसा भी..जहाँ किसी को नही मिला प्रधानमंत्री आवास…

 रजिंदर खनूजा

महासमुंद जिले के पिथौरा जनपद पंचायत मुख्यालय से महज चार किलोमीटर दूर स्थित है रामपुर गांव। यह गाँव किसनपुर पंचायत के आश्रित ग्राम है। इस रामपुर में अफसरों की लापरवाही के चलते एक भी प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत नही हो पाया। अलबत्ता यहां के ग्रामीणो को केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ नही मिल पाया,जिसके कारण इस ग्राम के ग्रामीण आज भी घास फूस की झोपड़ी में रहने मजबूर है। आक्रोशित ग्रामीणों ने इस प्रतिनिधि को बताया कि जब यहां के अफसर ओर जनप्रतिनिधि इस ग्राम को यहाँ का नही मानते तब हम सब भी आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।इस सम्बंध में जनपद अधिकारी ने इसे दिल्ली से सुधरवाने की बात कही है।

देशभर के बी पी एल ग्रामीण प्रसन्न है कि सरकार उनके कच्चे मकानों के स्थान पर पक्के प्रधानमंत्री आवास का निर्माण करवा रही है।किन्तु पिथौरा ब्लॉक के ग्राम पंचायत किशनपुर के आश्रित ग्राम रामपुर के एक भी व्यक्ति को अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नही मिल सका है। और यहां के हितग्राही कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक चक्कर काटकर थक चुके हैं।वित्तीय वर्ष 2017 -18 के बाद अब वर्ष 2018-19के वित्तीय वर्ष में भी यहां के किसी भी व्यक्ति को इस आवास का लाभ अब तक नहीं मिल सका है।
रामपुर के ग्रामीणों का नाम भिखपाली मे

ग्राम पंचायत किशनपुर के सरपंच सुरेश खूंटे ने इस प्रतिनिधि से चर्चा करते हुए बताया कि इस संबंध में जब पतासाजी की गई तो पता चला कि ग्राम रामपुर का नाम ही सूची में शामिल नहीं है ।सरपंच के मुताबिक 6 वार्डों के साथ करीब बारह सौ की जनसंख्या वाले इस गांव में करीब ढाई सौ परिवार निवासरत हैं। जिसमें से करीब 198 परिवार पात्रता की श्रेणी में है। अर्थात दो सौ परिवार को प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिलना है। किन्तु सूची में ही इस ग्राम का नाम गायब है ।जिसके चलते यहां के लोग इस योजना के लाभ से अब तक वंचित हैं।जनपद में सरपंच ने पता लगाया तो उन्हें रामपुर के ग्रामिणो का नाम भिखपाली पंचायत में मिला है।परन्तु अब इस त्रुटि को दूर करने के लिए अफसर दिल्ली की बात करते है।

  • आदिवासी बाहुल्य गाँव है रामपुर..

रामपुर के दौरे प्रगये इस प्रतिनिधि को ग्राम के बिषभ बरिहा,वेलनगिरी ठाकुर एवम जगन्नाथ साहू ने बताया कि रामपुर आदिवासी ग्राम है।ढाई सौ से भी अधिक परिवार के इस गांव में करीब 75 प्रतिशत आदिवासी परिवार निवासरत हैं जिसमे बिंझवार, सौंरा, कोंध जाति के लोग शामिल हैं। और इनके घर कधो मिट्टी एवं खपरैल के हैं। वहीं 10 प्रतिशत अनुसूचित जाति वर्ग के तथा 15 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग के लोग निवासरत है। कोई 80 प्रतिशत लोगों को इस योजना का लाभ मिलना है। किंतु एक मात्र त्रुटि ने ही इस पूरे गांव को शासन की अब तक कि सबसे बड़ी योजना से वंचित कर दिया है।

बहरहाल इस मामले में विभागीय अफसरों की लापरवाही पूर्ण विभागीय त्रुटि का खामियाजा यहां के लोगों को भोगना पड़ रहा है। और यहां के लोगों को अब अपनी फूटी किस्मत को लेकर कोसने के अलावा कुछ भी नही रहा।

  •  प्रदेश स्तर पर त्रुटि सुधार असम्भव-सीईओ

स्थानीय जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रदीप प्रधान ने बताया कि इस तरह की त्रुटियों का सुधार दिल्ली से ही हो पाता है। पूर्व के अधिकारी यदि इसकी जानकारी दिल्ली भेज दिए होंगे तो आने वाले दिनों में उन्हें इसका लाभ मिलेगा।

  • चुनाव बहिस्कार करेंगे ग्रामीण

प्रधान मंत्री आवास के तहत पक्के मकान बनाने की महत्वाकांक्षी योजना से वंचित रामपुर के ग्रामिणो ने यह भी घोषणा की है कि जब उन्हें प्रधानमंत्री योजना से बाहर कर दिया गया है।इसलिए इस ग्रामवासियो को जब तक अन्य ग्रामिणो की तरह प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नही मिल जाता तब तक उस बीच होने वाले चुनावों का वे बहिष्कार करेंगे..