‘मेरे बाबू ने खाना खाया, अब क्या कर रहा है? पूरी जिंदगी इसी में खत्म हो जाती है’

फिल्मों में और सीरियल में रोमांस को ऐसे दिखाया जाता है जिससे न जाने कितनों के मन में एक अच्छा रोमांटिक पार्टनर पाने का अरमान जाग जाता है। लेकिन प्यार की तलाश में भागते लोग ये भी जान लें कि सिंगल होने का भी अपना ही मजा होता है। ऐसा हम नहीं बल्कि कई लोगों का मानना है। सिंगल होने पर लाइफ कितनी रिलैक्स्ड और मजेदार रहती है, इससे जुड़े अनुभव लोगों ने हमारे साथ शेयर किए।

आजाद पंछी की तरह होती है जिंदगी

‘अगर आप सिंगल हैं तो इसका मतलब है कि आप एक आजाद पंछी की तरह जो चाहें वो कर सकते हैं। आप किसी के ऊपर न तो निर्भर हैं ना ही किसी से कुछ पूछने की आपको जरूरत है। इसके साथ-साथ आपको किसी को दिनभर का हाल बताने की आवश्यकता होती है। सिंगल होने पर आप जितनी मर्जी शॉपिंग करिए, दोस्तों के साथ घूमने जाइए, पार्टी करिए। रिश्तों में बंधे लोग ऐसा नहीं कर सकते। उन्हें कई वादों को निभाना पड़ता है लेकिन सिंगल्स को तो इसकी टेंशन नहीं होती।’- नम्रता पंजवानी

आपकी जेब में ज्यादा पैसा रहता है

‘सिंगल होने की एक जो सबसे बड़ी खासियत है, वो ये कि आपको किसी दूसरे के ऊपर या फिर पार्टनर के सामने सिर्फ अच्छा दिखने के लिए बिना मतलब खर्चा करने की जरूरत नहीं होती। आपका पैसा आपका होता है इसलिए आप जैसे चाहे वैसे इसे इस्तेमाल कर सकते हैं। सिंगल होने पर पार्लर का भी बहुत खर्चा बच जाता है, क्योंकि बीएफ के सामने अच्छा दिखने के चक्कर में बार-बार वहां जाने की जगह आप सिर्फ तभी वहां जाते हैं, जब आपका मन होता है।’- सारा जैन

काम पर कर पाते हैं बेहतर फोकस

‘जब आप सिंगल होते हैं तब आप अपने काम पर पूरा फोकस कर पाते हैं। वहीं जब आप रिश्ते में होते हैं, तो जिंदगी की रफ़्तार थोड़ी कम हो जाती है और एक चीज पर पूरा ध्यान लगाना भी मुश्किल हो जाता है। आधा दिमाग पार्टनर ने ऐसा क्यों बोला? उसे ये पसंद होगा या नहीं ? वो मुझसे क्यों गुस्सा है? आदि जैसी न जाने किन-किन बातों में लगा रहता है। इन्हीं सब टेंशन के कारण काम से फोकस बार-बार हटता ही रहता है। इसलिए मुझे लगता है मैं लकी हूं कि मैं सिंगल हूं और अपने काम को ढंग से कर रहा हूं।’- संयम जैन

फोन पर रहता है कम ध्यान

‘जो व्यक्ति रिलेशनशिप में होता है वह इस बात को अच्छे से समझ सकता है कि फोन पर कितना समय और एनर्जी बर्बाद होती है। रिश्ते में होने पर पार्टनर से दिनभर कॉल या टेक्स्टिंग के जरिए बात करने में काफी समय जाता है और ध्यान भी हमेशा मोबाइल पर ही लगा रहता है। मेरे बाबू ने खाना खाया, अब क्या कर रहा है? अब क्या किया? आपकी ज़िन्दगी इसी में खत्म हो जाती है। जब आप सिंगल होते हैं तो आपको किसी बात की कोई टेंशन नहीं रहती है। आप सिर्फ तभी अपने फोन को उठाते हैं जब आपको उसकी जरूरत होती है।’- वर्णित जैन

दोस्तों और परिवार पर दे पाते हैं ध्यान

‘जो लोग सिंगल होते हैं उन लोगों का रिश्ता अपने दोस्तों और परिवार के साथ ज्यादा गहरा रहता है। वहीं रिलेशनशिप में रहने वाले लोग लड़ाई-झगड़े और न जाने अपने साथी की कितनी ही परेशानियों में फंसे रहते हैं। जिस कारण उन्हें अपने लिए भी समय निकालना मुश्किल पड़ जाता है। ऐसे में दोस्त और परिवार वालों को समय देना तो दूर की बात हो जाती है। वहीं जो लोग सिंगल होते हैं, उनकी जिंदगी में ऐसी समस्याएं शायद ही कभी आती है। हम लोग अपना जीवन इन सब टेंशन से दूर बिताते हैं।’- मानसी गुप्ता