अच्छी सड़कों से बढ़ने लगी विकास की रफ्तार…

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  •   अच्छी सड़कें सुगम यातायात के अलावा विकास के रास्ते भी बनाती हैं। लगभग तेरह साल पहले राज्य के रूप में अस्तित्व में आए छत्तीसगढ़ में प्रदेश सरकार द्वारा विगत साढ़े नौ वर्ष में बनायी गयी अच्छी सड़कों से विकास के पहियों की रफ्तार भी बढ़ने लगी है। अगर कोई व्यक्ति नौ-दस साल बाद छत्तीसगढ़ आए, तो उसे आज यहां की खूबसूरत सड़कों को देखकर सुखद अनुभूति होती है। छह राज्यों से घिरे छत्तीसगढ़ में सड़कों के विकास का महत्व केवल प्रदेश तक ही सीमित न होकर अन्तर्राज्यीय आवागमन से संबंधित है। राष्ट्रीय स्तर पर सड़कों के घनत्व की तुलना में छत्तीसगढ़ में सड़कों का घनत्व लगभग एक तिहाई है। प्रदेश में खनिज सम्पदा तथा पर्यटन स्थलों की उपलब्धता देश के अन्य राज्यों में अधिक है, जिनके दोहन के लिए राज्य में सड़कों के घनत्व में वृध्दि किया जाना आवश्यक है। राज्य शासन द्वारा योजनाबध्द तरीके से सड़कों के विकास के लिए किए गए कार्यों के फलस्वरूप आज न केवल शहरों में बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी जनता को अच्छी सड़कों की बुनियादी सुविधा मिल रही है।

राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों के अलावा सार्वजनिक भवनों का निर्माण भी किया जाता है। मार्च 2013 की स्थिति में लगभग 60 हजार 102 किलोमीटर सड़कों का उन्नयन किया गया है। इन सड़कों में बीस हजार 87 पुल-पुलिये भी बनाए गए। तीन हजार 366 नये भवन भी इस अवधि में बनाए गए। कारीडोर परियोजना के तहत प्रदेश में उत्तर से दक्षिण व पूर्व से पश्चिम तक सुगम यातायात की सुविधा के लिए कारीडोर मार्गों के विकास की आवश्यकता महसूस की गयी। इस आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए दो उत्तर दक्षिण तथा चार पूर्व पश्चिम कारीडोर का निर्माण किया गया है। एशियन विकास बैंक की सहायता से प्रदेश के 19 प्रमुख मार्गों का उन्नयन किया गया। इनकी लम्बाई एक हजार 187 किलोमीटर है।  प्रदेश में बारह रेल्वे ओव्हरब्रिज तथा एक अण्डरब्रिज का निर्माण भी पूर्ण किया गया है। राज्य के बारह शहरों के निवासियों की सुविधा के लिए बायपास मार्गों का निर्माण्ा भी इस अवधि में किया गया। केन्द्रीय सड़क निधि योजना के तहत एक हजार 251 किलोमीटर लम्बी 46 सड़कों का निर्माण पूर्ण किया गया। नाबार्ड योजना के अन्तर्गत 257 सड़कों का उन्नयन तथा 285 पुलों का निर्माण भी किया जा चुका है। अनुच्छेद 275 (1) योजना के अन्तर्गत 47 सड़कों का निर्माण कर उन क्षेत्रों के निवासियों को बारहमासी आवागमन की सुविधा उपलब्ध करायी गयी।

राज्य के नक्सल हिंसा से पीड़ित क्षेत्रों में एल.डब्ल्यू.ई. योजना के तहत 09 सड़कें बनायी जा चुकी है। 28 सड़कें प्रगति पर हैं। निजी पूंजी निवेश से रायपुर-दुर्ग फोरलेन, पत्थलगांव-रायगढ़ तथा बिलासपुर-कटघोरा-कोरबा-चांपा मार्ग का उन्नयन किया गया। आदिवासी क्षेत्रों में सार्वजनिक भवनों के निर्माण में भी उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल हुई है। इन क्षेत्रों में एक हजार 421 विभिन्न सार्वजनिक भवन बनाए गए। सामान्य क्षेत्रों में एक हजार 975 भवनों का निर्माण् पूर्ण किया जा चुका है। 648 PWD Rajesh %282%29ccइनमें 11 संयुक्त कलेक्टर कार्यालय भवन, पांच प्राथमिक शाला भवन, 296 पूर्व माध्यमिक शाला भवन, 87 महाविद्यालय भवन, तीन पॉलीटेक्निक कॉलेज भवन, नौ इंजीनियरिंग कॉलेज भवन, दो संग्राहालय भवन, दस स्टेडियमों से जुड़े भवन, 803 अस्पताल भवन तथा 563 अन्य विभागों के भवन शामिल हैं। बिलासपुर के नजदीक ग्राम बोदरी में लगभग 106 करोड़ रूपए की लागत से छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का भवन बनाया गया है। इसी प्रकार उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए साठ करोड़ रूपए की लागत से आवासीय परिसर विकसित किया जा रहा है। राजधानी रायपुर में विशिष्ट अतिथियों के लिए नये विश्राम गृह का निर्माण भी इस दिशा में उल्लेखनीय प्रयास है। नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ सदन, रायपुर में पुलिस अस्पताल, बिलासपुर में जिला अस्पताल और नर्सेस हॉस्टल, रायपुर में 209 आवास गृह, राजधानी रायपुर के नजदीक सेजबहार में इंजीनियरिंग कॉलेज भवन का निर्माण भी इस अवधि में किया गया।

छत्तीसगढ़ के प्रसिध्द समाज सुधारक एवं सतनाम पंथ के प्रवर्तक गुरू घासीदास बाबा की जन्मस्थली गिरौदपुरी में दिल्ली के कुतुब मीनार से ऊंचे जैतखाम का निर्माण भी प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धि है। राजधानी रायपुर के नजदीक निमोरा में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए प्रशासन अकादमी भवन का निर्माण भी किया गया है। उत्तर बस्तर कंाकेर जिले के मुख्यालय कांकेर में जंगलवार-फेयर कॉलेज परिसर का विकास भी तेजी से हो रहा है। नया रायपुर के ग्राम परसदा में 54 एकड़ के रकबे में बनाए गए क्रिकेट स्टेडियम की चर्चा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। रायगढ़ जिले में महानदी पर राज्य के सबसे लम्बे पुल जिसकी लम्बाई एक हजार 830 मीटर है, का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है। इस पुल के बन जाने से रायगढ़ से पुसौर, सरिया तथा ओडिशा राज्य तक बारहमासी आवाजाही की सुविधा मिलेगी।

 राजेश श्रीवास