प्राकृतिक-आपदा प्रबंधन के सम्बंध में कलेक्टर ने दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

प्राकृतिक-आपदा प्रबंधन के सम्बंध में आवष्यक दिषा-निर्देष
प्राकृतिक-आपदा प्रबंधन के सम्बंध में आवष्यक दिषा-निर्देष

सूरजपुर 13 मई 2014

 

जिला कार्यलय के सभाकक्ष में कलेक्टर डाॅ.एस.भारती दासन की अध्यक्षता में आज अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनीषा ठाकुर, अपर कलेक्टर एम.एल.घृतलहरें की उपस्थिति में बरसात से पूर्व प्राकृतिक आपदा प्रबंधन के सम्बंध में आवष्यक दिषा-निर्देष दिये।
कलेक्टर ने प्राकृतिक आपदा के सम्बंध में आवष्यक दिषा-निर्देष दिये। वर्षाऋतु प्रारंभ होने से पूर्व जिले में बचाव के सम्पूर्ण व्यवस्था की जानी चाहिए,खण्ड वर्षा होती रहती है, इसके लिए वर्षा मापीयंत्र का संधारण ठीक से करने तथा प्रतिदिन का वर्षा रिपोर्ट तहसील कार्यालय में एकत्र कर भू- अभिलेख शाखा में प्रातः 9 बजे जमा करें। पहुंच विहिन क्षेत्रों में खाद्य का भण्डारण पूर्ण कराने कहा, पुलिस विभाग के सहयोग से बाढ़ नियंत्रण के लिए मोटर वोट की व्यवस्था, होम गार्ड ड्यूटी में तैनात रहेगें, कलेक्टर ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से कमजोर जलाषय का चिन्हांकित करने तथा बतरा जलाषय कमजोर हो गया है, सतर्क रहने की जरूरत है। बांध का पानी छोड़ने से 12 घण्टे पहले मुनादी कराने की आवष्यकता है तथा जिला कार्यालय को भी सुचित करें।

इसी प्रकार एस.ई.सी.एल.बिश्रामपुर,भटगांव क्षेत्र के अन्तर्गत खुली खदान के गडढे जिसमें पानी भरा है, जिसकी गहराई लगभग 15 फीट से 50-60 फीट तक है। उस गहरे पानी भराव युक्त डेम में आस-पास के ग्रामीणों द्वारा नहानें तथा निस्तारी उपयोग करते है, जो अत्यधिक गहरा होने के कारण कभी भी दुर्घटना होने की सम्भावना है, जिसमे डूबने से मौत हो सकती हैै। ऐसे संवेदनषील डेम में चेतावनी हेतु सूचना बोर्ड एस.ई.सी.एल.के द्वारा लगाई जावे तथा ऐसे क्षेत्रों को प्रतिबंधित घोषित किया जावे। बरसात में वर्षा का पानी से बचने के लिए लोग पेड़ के नीचे शरण न लें कभी भी आसमानी बिजली गिरने से जान-माल की क्षति हो सकती है। रेण्ड नदी में भी जहां दुर्घटना की आषंका है, उस स्थान के लिए एस.ई.सी.एल.को सूरक्षा टीम तैयार रखने निर्देषित किये है।
बैठक में अनुविभागीय अधिकारी प्रतापपुर एस.आर कुर्रे, डिप्टी कलेक्टर श्री के.पी. साय, श्री सचिन भूतड़ा तथा सर्व तहसीलदार, नायब तहसीलदार,खनिज अधिकारी खाद्य एवं राजस्व निरीक्षक उपस्थित थे।

राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक सम्पन्न
कलेक्टर डाॅ. एस.भारती दासन की अध्यक्षता में आज राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक जिला कार्यालय के सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। बैठक में राजस्व प्रकरणों की, अविवादित नामांतरण, विवादित नामांतरण, अविवादित बंटवारा, विवादित बंटवारा, अभिलेख कोष्ठ, नजुल नवीनीकरण की समीक्षा, पटवारी बस्ता जाॅच की जानकारी, सीमांकन प्रकरण, भू-अर्जन, निराकृत राजस्व प्रकरणों, बन्दोबस्त त्रुटि, अवैध परिवहन उत्खन्न, नक्षा बटांकन, अवैध उत्खनन तथा अतिक्रमण आदि प्रकरणों का विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि 15 अगस्त तक खसरा नक्षा पटवारियों के समस्त रिकार्ड कम्प्यूटरीकृत किया जाएगा। 30 अगस्त के बीच समस्त पटवारी रिकार्ड एसडीएम के पास जमा किया जाएगा। 30 अगस्त के बाद 1 सितम्बर से कोई भी दस्तावेज खसरा नक्षा हाथ से लिखा हुआ वितरण नही किया जाएगा। पटवारी बस्ता जांच की गति शून्य होने पर नाराजगी जाहिर की। महीने में सभी पटवारियों के बस्तों का अनिवार्यतः निरीक्षण रोस्टर बनाकर किया जाये, विभिन्न राजस्व वसुली तथा नजुल डायवर्सन, पर्यावरण उपकर, विकास उपकर, भू-राजस्व एवं अन्य वसूली के संबंध में पटवारी हल्का वार एवं तहसीलवार कायमी दर्ज है या नही एवं बकाया वसूली की स्थिति, डब्ल्य.ू बी. एम. शाखा सुधारात्मक कदम उठाते हुए आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। सभी नजूल भूमि के पुराने अधिक राषि के बकायादार राषि जमा नही करने पर उनका नाम समाचार पत्रों में प्रकाषित करवाया जाएगा। राजस्व न्यायालयों द्वारा अपंजीकृत प्रकरणों को दर्ज कर निराकरण की कार्यवाही की जाएगी। बैठक में वन अधिकार पट्टा वितरण की कार्यवाही पर चर्चा की गई।
कलेक्टर डाॅ.एस.भारती दासन ने बताया कि जिले में व्यापक रूप से अतिक्रमण चल रहा है। उन्होने बताया कि भैयाथान तथा ओड़गी ब्लाक में सबसे अधिक अतिक्रमण होता है। सभी पटवारी से सम्पर्क कर उन्हे अतिक्रमण हटाने को कहा जाये। अतिक्रमण हटाने की जो कार्यवाही की जा रही है। उसका एक प्रति प्रचार-प्रसार हेतु कार्यालय में देने कहा। इसी तरह सूरजपुर जिले के प्रत्येक ब्लाक के प्रत्येक ग्राम पंचायत में अतिक्रमण किया गया है। उन्होने तहसीलदारों को निर्देषित करते हुए कहा कि पटवारी की जिम्मेदारी अतिक्रमण हटाने की है। राजस्व भूमि का संरक्षक राजस्व अधिकारी होते है, अतिक्रमण समय सीमा में हटाऐ। पटवारी मुख्यालय में रह कर कार्य करें ग्राम पंचायत में पटवारी की उपस्थिति के संबंध में दिवाल लेखन किया जाना आवष्यक है। बैठक में राजस्व अधिकारियों से अपने-अपने कार्यालयों को व्यवस्थित रखने तथा अद्यतन जानकारी रखने कहा। कलेक्टर ने भू-अर्जन मुआवजा वितरण के संबंध में भी चर्चा करते हुए कहा कि ऐसे प्रकरण जो मुआवजा वितरण नही हुआ है, शीघ्र वितरण के निर्देष दिये। उन्होने कहा है कि 16 जून से शाला प्रवेष उत्सव शुरू हो रहा है, जाति प्रमाण पत्र के लिए एक विषेष अभियान चलाकर बच्चों का जाति प्रमाण पत्र बनाकर वितरित करें। राशनकार्डों की जांच संबंधी कार्य का स्थानीय स्तर पर समुचित प्रचार-प्रसार किया जाना है। राशनकार्ड हेतु परिवार से आशय ‘‘गृहस्थ‘‘ से है। जिसमें पति-पत्नि उनके बच्चे एवं आश्रित शामिल है तथा जिनका मकान एवं रसोई घर एक है। चतुर्थ श्रेणी को छोड़कर शेष समस्त शासकीय कर्मचारी, शहरी क्षेत्रों में एक हजार वर्गफीट से अधिक क्षेत्रफल में निर्मित पक्के मकान के स्वामी, ग्रामीण क्षेत्र में 10 एकड़ सिंचित तथा 20 एकड़ से अधिक असिंचित भू-स्वामी परिवार राशनकार्ड हेतु पात्र नही होगा। राशकार्ड की जांच का अभियान जून 2014 में प्रत्येक राश्नकार्डधारी के घर-घर पहुंचकर किया जा रहा है।
बैठक में अपर कलेक्टर एम.एल.घृतलहरे,अनुविभागीय अधिकारी प्रतापपुर एस.आर कुर्रे,डिप्टी कलेक्टर श्री के.पी.साय, श्री सचिन भूतड़ा तथा सर्व तहसीलदार, नायब तहसीलदार,खनिज अधिकारी खाद्य एवं राजस्व निरीक्षक उपस्थित थे।