एक के चिता की आग बुझी भी नही थी … कि हाथियों ने दूसरे को चिता मे भेजा..

सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में हाथीी लगातार इंसानों कीी मौत के कारण बन रहे हैं…  हाथीयो को लेकर पूरे इलाके मे भय का महौल  बन चुका  है । सोमवार की सुबह मायापुर गांव मे हाथीयो द्वारा एक वृद्ध की मौत की खबर लोगो की दिमाग से उतरा भी नही की एक बार फिर सोनगरा सकलपुर मे महुआ बिनने गया वृद्ध को हाथी ने अपने खुनी खेल का अंजाम दे दिया । मिली जानकारी के मुताबिक सोनगरा निवासी मानसाय उम्र 60 वर्ष महुआ बिनने मंगलवार सुबह महुआ बिनने गया था इसी बिच हाथी उसे अपने चपेट में लेकर मौत के घाट उतार दिया ।
मुआवजा देकर वन विभाग कर रहा खानापूर्ति
वन विभाग किस तरह लपरवाह है इसका परिणाम लोगो की सामने देखने व सुनने को मिल रहा है । विभाग के कर्मचारी ग्रामीणों तक सही तरीकें से क्षेत्र मे हाथीयो की होने की सुचना देने मे असफल रहते है ,, ग्रामीणो से मिली जानकारी के मुताबिक वन विभाग को खुद पता नही होता है हाथी किस क्षेत्र मे है और कितने है जिसके वजह से ग्रामीणो को इसका खामियाजा जान देकर भुगतना पड रहा है ,, वही वन विभाग के कर्मचारियों का भी आसान कार्य मुआवजा देना हो गया जिसके वजह से वह जिमेदारी को भुल अपने निवास मे कुंभकर्णी निंद मे सोते है .. और मौत की खबर पर पहुच घटना स्थल तत्कालीन सहायता राशी 25 हजार देकर अपना जिमेदारी को दिखा देते है …
वन विभाग के उच्चधिकारी के  दावे  हो रहें है झूठा साबित
हाथियों से ग्रामीणों को निजात दिलाने विभाग के उच्चधिकारी वर्षो से यह कहते आ रहे है की जल्द रेस्कयू सेंटर तैयार किया जायेगा  व कुमकी हाथी लाकर हाथीयो को ट्रेनिंग दी जायेगी जिससे हाथियों और इंसानो मे हो रहा खुनी खेल बंद हो सके … लेकिन यह सब दावे भी अब झुठा साबित होता दिख रहा है … विभाग के उच्चधिकारी भी ग्रामीणो को झुठा अश्वासन देने मे कोई कसर नही छोड रहे है … देखते देखते दर्जनों ग्रामीण हाथियों की इस खुनी खेल मे जान गवा चुके … और न तो अब तक रेस्क्यू सेंटर बन पाया और न ही कुमंकी हाथी आ पाया