मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिए निर्देश.. शिक्षा, स्वास्थ्य और खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने का करें काम

रायपुर। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य शासन की प्राथमिकता की योजनाओं की प्रगति और लक्ष्य प्राप्ति के लिए विभागों की रणनीति के संबंध में राज्य के समस्त संभागायुक्त, कलेक्टर, मुख्य वन संरक्षक, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और समस्त वनमण्डलाधिकारियों से चर्चा की और आवश्यक मार्गदर्शन दिए।

उन्होंने कहा है कि जिला खनिज विकास निधि की राशि का उपयोग प्राथमिकता से शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल-कूद के स्तर में सुधार लाने वाली गतिविधियों के लिए किया जाना है। उन्होंने बताया है कि खनिज विकास निधि से स्वीकृत एवं पूर्ण कराए गए कार्यो की विस्तृत जानकारी के लिए राज्य स्तर पर वेबपोर्टल बनाया जा रहा है। इसके लिए अगले पांच वर्षो में जिलों के द्वारा किए जाने वाले कार्ययोजना राज्य शासन को भेजने के निर्देश उन्होंने दिए है।
    

धान खरीदी के सन्दर्भ में राजस्व अभिलेखों (गिरदावरी) में सुधार कार्य के संबंध में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा है कि किसानों के रकबे में सुधार का कार्य राजस्व अधिकारियों के भौतिक सत्यापन के बाद ही किया जाए। साथ ही उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए गिरदावरी के कार्य में लापरवाही बरतने वाले राजस्व कर्मियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए है।

जैन ने किसानों से प्राप्त शिकायतों का सम्पूर्ण विवरण रखने और उनके निराकरण की कार्यवाही त्वरित रूप से करने के निर्देश दिए है। स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम के संबंध में जैन ने कहा है कि वर्तमान में चयनित 52 शासकीय स्कूलों के संचालन के लिए भवन सहित शिक्षकों की व्यवस्था जल्द से जल्द कर लिए जाएं। अगले शिक्षण सत्र से प्रत्येक विकासखण्ड में एक शासकीय इंग्लिश स्कूल का संचालन किया जाना है। इसके लिए स्कूलों का चयन और अध्ययन-अध्यापन के संबंध में सभी जरूरी कार्यवाही 31 दिसम्बर तक पूरे करने के निर्देश उन्होंने दिए है। उन्होंने स्पष्ट रूप से यह भी कहा है कि किसी भी स्थिति में हिन्दी माध्यमों के स्कूलों को बंद नही किया जाएगा। बल्कि पालकों से चर्चा करने के बाद वर्तमान में संचालित नजदीक के हिन्दी माध्यम सरकारी स्कूल में प्रवेश कराया जाएगा और खाली हुए स्कूल में अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों का संचालन किया जाएगा। इन स्कूलों में अध्यनरत बच्चों को स्कूल डेस और जाति प्रमाण पत्र प्राथमिकता के आधार पर वितरित किया जाएगा।
    

गौठानों के संबंध में चर्चा करते हुए जैन ने गौठानों को मल्टीएक्टिविटी केन्द्रों के रूप में बढ़ावा देने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा है कि इन केन्द्रों में स्वसहायता समूहों-गौठान समितियों के द्वारा ऐसे सामग्रियों का निर्माण कराया जाए जिनकी बिक्री आसानी से हो सके।

जैन ने कहा है कि गौठानों में पशुओं के लिए हरे चारे की उपलब्धता के लिए आवर्ती चरायी योजना के तहत चारागाह का विकास किया जाना है। इसके लिए राजस्व और वन विभाग संयुक्त रूप से स्थान का चयन करेगा और चारा उत्पादन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि गौठानों में बनाए जा रहे वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय के लिए न्युनतम दर 10 रूपए प्रतिकिलो निर्धारित किया गया है। वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय से प्राप्त राशि का वितरण गोबर संग्रहकों (चरवाहों-गौठान समितियों-स्वसहायता समूहों) को करने के निर्देश उन्होंने दिए है।

मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना और ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के हाटबाजार क्लिनिक में उपचार की समीक्षा करते हुए जैन ने इन क्षेत्रों में पहुंचने वाले टीम के साथ जरूरी जीवन रक्षक दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। मनरेगा रोजगार गारंटी योजना के तहत मूलभूत अधोसंरचनाओं के निर्माण को प्राथमिकता देने के निर्देश जैन ने दिए है।
    

बैठक में अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय सुब्रत साहू, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग रेणु पिल्ले, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग डॉ. आलोक शुक्ला, प्रमुख सचिव वन विभाग मनोज पिंगवा, सचिव कृषि डॉ. एम.गीता, सचिव आदिम जाति विकास विभाग डी.डी. सिंह, सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग डॉ. कमलप्रीत सिंह, सचिव राजस्व विभाग सुश्री रीता शांडिल्य, सचिव नगरीय प्रशासन विभाग अलरमेल मंगई डी., सचिव खनिज साधन विभाग अन्बलगन पी. सहित प्रधान वन मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी उपस्थित थे।