Chhattisgarh News : ‘कांग्रेस सरकार’ बारदाना संकट पैदा कर धान ख़रीदी से बचने के षड्यंत्रपूर्ण इरादों पर काम कर रही- बृजमोहन अग्रवाल

भारतीय जनता पार्टी के विधायक व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि प्रदेश सरकार अब तक समर्थन मूल्य पर धान ख़रीदी की पुख़्ता तैयारी नहीं की है, जबकि धान ख़रीदी शुरू होने को अब सिर्फ़ 10 दिन ही शेष रह गए हैं।

श्री अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ‘कांग्रेस निर्मित’ बारदाना संकट पैदा कर धान ख़रीदी से बचने के षड्यंत्रपूर्ण इरादों पर काम कर रही है। लेकिन किसानों को साथ लेकर भाजपा प्रदेश सरकार की बदनीयती को सफल नहीं होने देने के लिए प्रतिबद्ध है।

भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि पिछले वर्ष भी प्रदेश सरकार बारदाना खरीदने में पूरी तरह सफल रही व बारदानों का रोना रोती रही और इससे धान ख़रीदी का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ था, किसान बारदाने के लिए दर दर भटके, बाजार से 75 रुपये 100 रुपये में, भारी कीमतों में बारदाना खरीद कर सरकार को ₹15 में बारदाना देना पड़ा था। इस प्रकार किसानों का अरबो रुपये ये सरकार बारदाने के नाम पर डकार लिया था । इस वर्ष जुलाई माह में ही जब प्रदेश भाजपा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर धान ख़रीदी की समुचित तैयारियाँ और पर्याप्त बारदानों की ख़रीदी करने के लिए आगाह कर दिया था, तो फिर प्रदेश सरकार ने अपनी ज़िम्मेदारी का पालन क्यों नहीं किया?

श्री अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी पिछली ग़ल्तियों से सबक लेने के बजाय इस बार फिर बारदानों के नाम पर किसानों को प्रताड़ित करने की बदनीयती का परिचय दे रही है। बारदाने की व्यवस्था करना प्रदेश सरकार की ज़िम्मेदारी है। बारदाना खरीदी के लिए इस निकम्मी सरकार ने आर्थिक बदहाली का रोना रोते हुए समय पर कोई प्रयास नहीं किया। लेकिन प्रदेश सरकार एक बार फिर अपने निकम्मेपन का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ने की शर्मनाक हरक़त कर रही है।

श्री अग्रवाल ने कहा कि जब प्रदेश सरकार को पता था कि धान ख़रीदी के लिए 05 लाख गठान बारदानों की ज़रूरत है तो फिर प्रदेश सरकार ने महज़ 48 हज़ार गठान बारदाने की ख़रीदी क्या सोचकर की?

श्री अग्रवाल ने कहा कि ओछी राजनीति करते हुए प्रदेश का ख़ज़ाना अन्य प्रदेशों में लुटाने पर आमादा प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ के किसानों को परेशान व प्रताड़ित करने पर उतारू है। भाजपा प्रदेश के अन्नदाताओं के साथ प्रदेश सरकार के इस दोगले आचरण के ख़िलाफ़ जनजागरण के लिए संकल्पित है और किसानो के साथ कोई अन्याय नहीं होने देगी।