‘निर्दोष आदिवासी जनता की हत्या की दोषी है छत्तीसगढ़ सरकार, आदिवासियों की जान बचा पाने में पूरी तरह असफल’

रायपुर। विधायक व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश सरकार पर नक्सली मोर्चे पर पूरी तरह असफल होने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सरकार आदिवासी जनता की रक्षा करने में पूरी तरह असफल है। बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि पूरे प्रदेश में जब नक्सलवाद चरम में था तब भी बस्तर की आदिवासी जनता इतनी बड़ी संख्या में ही थी, उस समय भी ऐसी हत्या नहीं हो रही थी।

भाजपा का कहना है कि नक्सल मोर्चे को लेकर इस सरकार की कोई नीति नहीं है क्यूकी सरकार को सत्ता में आए हुए दो साल होने जा रहे है और अब तक यह तय नहीं कर पाई है कि उन्हें नक्सली मोर्चे पर मैदान में लड़ाई लड़नी है या बातचीत करनी है। सरकार के नक्सल मोर्चे पर कोई योजना नहीं होने व इसी नकारा रवैये के चलते ही पूरे बस्तर में नक्सली एक बार फिर सक्रिय हो गए है और बस्तर के निरीह आदिवासी जनता की लगातार हत्या कर रहे हैं। पिछले 6 माह में ही 75 से अधिक आदिवासी ग्रामीणों की हत्या नक्सलियों द्वारा की गई है। बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस की सरकार आते ही नक्सली प्रदेश में हावी हो गए हैं।

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि सरकार के ढुलमुल रवैये के चलते पूरे बस्तर में नक्सलियों ने आतंक व दहशत का साम्राज्य स्थापित कर लिया है। ग्रामीणों की लगातार हत्या हो रही है।आपको बता दें अकेले बीजापुर जिले में इस महीने 15 से अधिक आम लोगों की नक्सलियों ने हत्या कर दी है और यही स्थिति बस्तर के अन्य जिले में भी है। रोज नक्सली चुन चुन कर ग्रामीणों की, और शासकीय कर्मचारियों की हत्या कर जनता के मन में भय व दहशत का राज कायम कर रहे हैं। सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। सरकार निरीह आदिवासियों की जान बचा पाने में पूरी तरह असफल है।

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने पहले दिन से ही अपने बयानों में यह स्पष्ट कर दिया था कि वे नक्सली साफ करने व लड़ने नहीं बातचीत से हल निकालने के पक्षधर है, सरकार का नक्सलियों के प्रति साफ्ट रवैय्या रहा है, और नक्सली इसी को देखकर समझ गए कि सरकार ने तो लड़ने से पहले ही उनके सामने सरेण्डर करने की नीति पर है। नक्सली बस्तर के गांवोें में जहां आम जनता की व शासकीय कर्मचारी की खुलेआम हत्या कर रहे है। वहीं बस्तर से बाहर धमतरी, गरियाबंद, कवर्धा, राजनांदगांव के अंदरूनी इलाकों, जहां उनके पैर उखड़ गए थे। बल्कि पूरी तरह इनका सफाया हो गया था अब वहां पर भी फिर अपनी सक्रियता लगातार बढ़ा रहे हैं।

भाजपा का कहना है कि जब कांग्रेस की सरकार आई थी तब बस्तर में जेल में बंद आदिवासियों को छोड़ने के लिए खूब हो हल्ला मचाया था ,लेकिन आज उसको जेल से छोड़ने के बजाय प्रशासन गरीब आदिवासियों को प्रताड़ित कर जेल में डाल रही है, और इसको लेकर पूरे बस्तर में जगह-जगह पुलिस प्रशासन व सरकार के खिलाफ आदिवासी रैली निकालकर जंगी प्रदर्शन भी कर रहे हैं। आदिवासी जनता एक तरफ सरकार से प्रताड़ित हो रही है वहीं दूसरी ओर नक्सली उनकी हत्या कर रहे हैं। भाजपा ने जेलों में बंद निरअपराध आदिवासियों को तत्काल रिहा किये जाने की बात कही और , नक्सल विरोधी कठोर निर्णय लेते हुए नक्सली उन्मूलन के दिशा में कार्य करने व नक्सलियों को छत्तीसगढ़ छोड़ने का दबाव देने को कहा । आगे उन्होंने कहा -बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ आम जनता में जो माहौल तैयार हुआ था उसे पुर्नःजिवित करते हुए नक्सली गतिविधियों पर रोक लगाई जाए ।