पंडरी में मंडरा रहा है गैंगवार का खतरा

रायपुर।शहर के व्यस्ततम क्षेत्र पंडरी के राजातालाब और इरानी डेरा में इन दिनों गैंगवार का खतरा मंडरा रहा है।राजातालाब और इरानी डेरा में पिछले तीन महीने के अंदर मारपीट से संबंधित सात बड़ी घटनाएं घटित हो चुकी है। जिन्हें रोकने में पुलिस नाकाम रही है। इरानी डेरा में पुलिस को कार्रवाई करने में काफी विरोध का सामना करना पड़ता है। यहां महिलाएं हथियारों से लैस होकर पुलिस को कार्रवाई करने से रोकने
के लिए सामने आ जाती हैं। यही वजह है पुलिस इरानी डेरा में जब भी कार्रवाई करने के लिए जाती है भारी पुलिस बल के साथ जाना पड़ता है।  लेकिन के बाद भी सफलता नहीं मिल पाती। इरानी डेरा में लंबे अरसे से गुटीय विवाद चले आ रहा है। इसी वजह से दोनों इलाके के बदमाश जब भी मौका मिलता है एक-दूसरे के उपर हमला करते देखे जा सकते हैं। अगर छोटी-मोटी घटनाओं की गिनती करें तो क्षेत्र में महीने में कम से कम एक दर्जन चाकूबाजी के मामले थाने में दर्ज हो चुके हैं। हालत ये है कि इस क्षेत्र को पुलिस अतिसंवेदनशील मानते हुए इरानी डेरा और राजातालाब के मध्य अलग से एक चौकी बनाकर क्षेत्र में निगरानी कर रही है। बावजूद इसके मारपीट की घटनाएं यहां कम होने का नाम नहीं ले रहीं। लगातार पुलिस चौकसी के बाद भी विवाद होने का बना रहता है डर
रायपुर। शहर के व्यस्ततम क्षेत्र पंडरी के राजातालाब और इरानी डेरा में इन दिनों गैंगवार का खतरा मंडरा रहा है।राजातालाब और इरानी डेरा में पिछले तीन महीने के अंदर मारपीट से संबंधित सात बड़ी घटनाएं घटित हो चुकी है। जिन्हें रोकने में पुलिस नाकाम रही है। इरानी डेरा में पुलिस को कार्रवाई करने में काफी विरोध का सामना करना पड़ता है। यहां महिलाएं हथियारों से लैस होकर पुलिस को कार्रवाई करने से रोकने
के लिए सामने आ जाती हैं। यही वजह है पुलिस इरानी डेरा में जब भी कार्रवाई करने के लिए जाती है भारी पुलिस बल के साथ जाना पड़ता है।  लेकिन के बाद भी सफलता नहीं मिल पाती। इरानी डेरा में लंबे अरसे से गुटीय विवाद चले आ रहा है। इसी वजह से दोनों इलाके के बदमाश जब भी मौका मिलता है एक-दूसरे के उपर हमला करते देखे जा सकते हैं। अगर छोटी-मोटी घटनाओं की गिनती करें तो क्षेत्र में महीने में कम से कम एक दर्जन चाकूबाजी के मामले थाने में दर्ज हो चुके हैं। हालत ये है कि इस क्षेत्र को पुलिस अतिसंवेदनशील मानते हुए इरानी डेरा और राजातालाब के मध्य अलग से एक चौकी बनाकर क्षेत्र में निगरानी कर रही है। बावजूद इसके मारपीट की घटनाएं यहां कम होने का नाम नहीं ले रहीं। लगातार पुलिस चौकसी के बाद भी विवाद होने का बना रहता है डर