चिरमिरी : रसोई गैस डिलेवरी में मनमानी, लोगों में जागरुता की कमी फायदा उठा रहे ऐंजेंसी संचालक..

चिरमिरी से रवि कुमार सावरे की रिपोर्ट

 

 

हाॅकर्स के पास नही हैं तौल यंत्र
रसौई गैस वितरण के नियम के आनुसार हाॅेकर्स के साथ गैस का तौल यंत्र होना जरुरी है, पर चिरमिरी की गैस एजेसियो के उपभोक्ताओ को यह सुविधा नही मिल हरी है। उपभोक्ताओं की षिकायत हैं कि उन्हे गैस डिलेवरी करते वक्ततौल कर नही दी जाती,जिससे कम गैस मिलने और सिलेण्डर में पानी भरे होने जैसी समस्या आती हैं।

 

गैस एजेसी संचालको द्वारा नियम कायदे को ताक मेें रख कर रसौई गैस उपभोक्ताओ को सिलेंडर वितरित किए जा रहे है।घरेलु सिलेंडर मेें 14 किलो 200 ग्राम गैस होना जरुरी है। केन्द्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य और सावर्जनिक वितरण मंत्रालय ने विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2011 पैकेट से रखी वस्तुएं में संषोधन कर ये प्रवधान किया हैं कि सिलेंडर तौलकर लेना उपभोक्ता का अधिकार है। बावजूद इसके मुख्यालय के साथ ही बैकुण्डपुर व चिरमिरी एवं खडंगावा सहित अन्य नगरों में इन नियमो को धात बताते हुए सिलेंडर की डिलेवरी हो रही हैं । चिरमिरी में रसौई गैस डिलेवरी का काम दो प्रमुख गैस कंपनीयों करती हैं। दोनो एजेसियों में करीब हजारों की संख्या में उतभोक्ता दर्ज है। कंपनिया रसौई गैस पहुचाने का काम करती हैं। लेकिन यदि गैस सेवा एंजेसी के हाॅकस वाले गाड़ी में तौल मीटर रखने की बात करे तो कोई भी गैस एंजेसी इस पैमाने में खरा नही उतर रही है।

LPG 3

ये हैं परेषानी
रसौई गैस का महगा दाम चुका रहे हे उपभोक्ताओ को सिलेंडर की टुटी सील या लिकेज के कारण दो से तीन किलोग्राम गैस कम मिल रही हैं। सील पैंक सिलेंडर में भी गैस के पुरे वनज की गांरटी नही है। गैस एजेंसियो ने शहर से दुर गोदम परिसर में तराजु लगा रखे है। लेकिन एजेंसी कर्मचारी को इतनी फुर्सत नही कि वह हर ग्राहक के सिलेंडर को तौलकर दे। सिलेंडर लेने की आपाधापी ग्राहक बिना तुलवाए गैस सिलेंडर ले जाते हैं वे यह भी चैक नही करते पाते कि उन्हे मिला सिलेंडर लीकेज या एक्सपायर हैं। होम डिलेवरी में ऐसे सिलेंडर आने की षिकायत गैस एजेंसी तक पहुच रही है। कई उपभोक्ता कई उपभोक्ता सिलेंडर में कम गैस होने की सिकायत कर रहै हैं पर रिफिल की सील टुटने के बाद कोई सुनवाई नही होती ।

 

नही किया जागरुक
जारी नियम के अनुसार गैस एजेंसी संचालको व हाॅकस को 50 किलो क्षमता का ऐसा तौल यंत्र रखना जरुरी हैं जो 10 ग्राम तक सटीक वजन बता सके तौल काटा इलेक्ट्रानिक या मैकेनिकल हो सकता हैं। केन्द्र सरकार ने कुछ माह पहले नियमों में प्रावधान किया, लेकिन अब तक नाप तौल अमले आॅयल कंपनिया और गैस एजेंसी संचालक ने जागरुता के लिए कोई कदम नही बढाया।

 

ये होना चाहिए वजन
किसी भी आॅयल कपनी के भरे हुए गैस का सिलेंडर में गैस का मात्रा 14 किलो 200 ग्राम होनी चाहिए। खाली सिलेंडर का वजन 15 किलो से साढे 16 किलोग्राम तक होता है। सिलेंडर के उपरी हिस्से पर वजन लिखा होता है। यदि सिलेंडर के वजन पर संदेह हो तो डिलीवरी LPG 2बाॅय से उसे तौलने को कहा जा सकता है। भरे हुए सिलेंडर का कुल वजन 30 किलो 200 ग्राम होगा इससे कम वजन हुआ तो षिकायत की जा सकती है।

 

ऐसे करे शिकायत
घरेलु सिलेंडर के देते समय गैस एजेंसी के हाॅकर को मौके पर सिलेंडर का तौल करना होगा। उपभोक्ता सीधे नापतौल निरिक्षक या जिला खाद्य व आपूर्ति नियंत्रक के दफ्तर में षिकायत कर सकते है। जानकरी के मुताबिक उपभोक्ताओं को तौल कर सिलेंडर नही दिए जा रहे। अक्सर षिकायत रहती है कि कम गैस मिल रही है जबकि दाम पुरे वजन का के आनुसार चुकाए जातें है। नाप तौल विभाग द्वारा भी जाच के लिए जहमत नही उठाई जाती है। जिसके कारण सब मनमाने ढगं से चल रहा हैं।

जिला खाद्य व आपूर्ति अधिकारी एम.आर.एस पैकरा ने कहा रसौई गैस संचालन को सिलेंण्डर की डिलेवरी नापतौल कर देना चाहिए।गैस एजेंसी संचालको को वाहन में नापतौल यत्र रखना चाहिए उपभोक्ता को भी चाहिए कि डिलेवरी मिलने पर्याप्त वजन और सील लगी हुई है या नही देख ले। इसके बाद यदि कोई समस्या आती है तो संचालक को सूचना देते हुए सिलेण्डर बदला सकता है। यदि उपभोक्ता की बात नही मानी जाती तो नापतौल और खाद्य विभाग में शिकायत कर सकता हैं।