विधायक को मिला नक्सलियों का धमकी भरा प्रेस नोट.. पुलिस पर फर्जी गिरफ्तारी का लगाया आरोप.. जन अदालत में सजा देने की कही बात..

कांकेर. विधान सभा उपाध्यक्ष व भानुप्रतापपुर विधायक मनोज मंडावी को नक्सलियों की धमकी भरा प्रेस नोट नक्सलियों ने जारी किया है. शहरी नेटवर्क के नाम पर पुलिस द्वारा किए जा रहे गिरफ्तारी को लेकर नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी किया है. नक्सलियों ने जन आदलत में सजा देने जैसी बातें लिखी हैं. सुख देव बट्टी सचिव उत्तर बस्तर कमेटी ने यह प्रेस नोट जारी किया है. प्रेस नोट में लिखा गया है कि..

शहरी नेटवर्क के नाम से रोड ठेकेदारों, उनके सुपरवाइरों, ग्रामीणों, राजनीतिक विरोधियों को फंसाना बंद करो..

प्रिय पत्रकार बंधुओं, जनता!!

कांकेर जिला पुलिस माओवादी शहरी नेटवर्क के नाम से रोड ठेकेदारों, उनके कर्मचारीयों, साधारण ग्रामीणों को धडल्ले से मार्च में से गिरफ्तारी सिलसिलेवार जारी है. भ्रष्ट राजनेताओं को, अधिकारियों, पुलिस का टेंडर में 50%बनवारी कर ही कम गुणवत्ता वालीकाम करते हैं, कई गावों की जनता गुणवत्ता का शिकायत दर्ज कराने, सड़क पर उतरने से कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि सभी का मिलीभगत है. पुलिस रोड ठेकेदारों, निर्माण कार्यों कि सुरक्षा के लिए दसियों पुलिस कैंप खोले हैं, पुलिस कि मांग पूरा कर ही कम गुणवत्ता वाली काम करतेहैं, यह सब दुनिया जानती है. जहां जहां पुलिस की जेब नही भरती वहां माओवादी नेटवर्क याद आती है, इसी आड में बड़े पैमाने पर ऐंठ सकते है. राजनीतिक नेता अपनी जेब भरने के लिए, राजनीतिक विरोधीयों को भी फसाकर रोटी सेंकते है! मुख्यतः आदिवासी अंचलों में लूट का कोई हिसाब ही नहीं!

जनता पर हो रहे अत्याचारों को पूछने वाला नहीं है. माओवादी पार्टी को एक आर्थिक पालसी है, किस से चंदा लेना,किस व्यवसाय से टैक्स वसूलने यह सब पार्टी जनता के लिए खर्च करता है, प्रत्येक पैसा का हिसाब हमारे कैडर पार्टी को सौंपते हैं, हमारे एक आर्थिक पालसी है. शोषक-शासक वर्ग के नेता, अफसर, जैसा निजी स्वार्थ हमारे यहां नहीं है. तुम लोगों ने देश को लूट कर विदेशी बैंकों में लाखों करोड़ों जमा किये हैं, देश के साथ गद्दारी किया जा रहा है. तुम्हारे देशद्रोह कृत्यों को उजागर होने से बचाने के लिए देश छोड़ कर भाग रहे हैं. अपनी कारनामों को छुपाने के लिए माओवादी पार्टी को बदनाम किया जा रहा है. पुलिस और रोड ठेकेदारों ने अपनी निजी स्वार्थ के लिए बोले बाले आदिवासी लड़कों को उपयोग करना, समस्याओं में फसाना आम बात है. पुलिस अपनी कारनामों, अक्षमता को छुपाने, आवार्ड-रिवार्ड के लिए, व्यापारियों, ठेकेदारों, राजनीतिक विरोधी यों को, झूठे प्रकरणों में जेलों में ठूसना,मुठभेडों के नाम से हत्याए करना, गस्ती के नाम से जनता पर कहर बरपाना आम बात है. ताजा उदाहरण के लिए कोंडे गांव में आदिवासी विरोधी, हिंदू धार्मिक के प्रचारक, आरएसएस गुंडे दादूसिंह को जनअदालत में हमारे पीएलजीए ने मार दिया था, पोस्ट डाला, प्रेस विज्ञप्ति भी दिया फिर भी पांच आदिवासियों को पुलिस ने फसाया ,वर्तमान में सलाके के पीछे9मह से बंद है. कांग्रेस नेताओ कि समर्थन से ही पुलिस की अत्याचार बढ़ रही है, जनता के असली मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए पुलिस इस तरह का हथकंडे अपना रही है, माओवादी शहरी नेटवर्क के नाम से रोड ठेकेदारों, व्यापारियों, राजनीतिक विरोधीयों को गिरफ्तारी पूर्ण रूप से कांग्रेस पार्टी-नेता हि जिम्मेदारी है, कांकेर जिला में पुलिस कि अत्याचारोंके खिलाफ संगठित आवाज उठाने, स्थानीय विधायक मनोज मंडावी को गावों में आने से मार भगाओ, गांव गांव में भाजपा-कांग्रेस पार्टी के नेताओं को जनअदालत में सजा देंगे.यह दोनों पार्टी एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं.

प्रिय जनता से अपील

शासक वर्ग ने आदिवासी अंचलों में लुप्त अनुमोल खनिज संपदा, जल-जंगल-जमीन को हड़पने के लिए क्रांतिकारी आंदोलन को बदनाम करने के लिए कई प्रकार की प्रचार करते हैं, उभरते हुए जन-आंदोलनों को, विस्थापन विरोधी आदोलनों को बलपूर्वक नष्ट करने के लिए पार्टी के साथ संबंध जोड़ कर आवाज को कुचलना चाहते हैं। क्रांतिकारी पार्टी को किसी भी प्रकार की मदत करना दोष कह जाते हैं, वही देश के साथ गद्दारी कर, लूट कर अपने तिजोरी भरने वाले पार्टी के, नेता, अफसर, पुलिस देश प्रेमी कहा जाता है। इन गद्दारों को, शोषण कारी व्यवस्था को उखाड़ फेंकना हमारे सभी का जिम्मेदारी है, सभी जनता की समस्याओं का झड शोषणकारी व्यवस्था है, इस व्यवस्था को उखाड़ फेंकने के लिए एकजुट होकर क्रांतिकारी आंदोलन में सक्रिय रूप सेभागलेना, शोषण हीन समाज निर्माण जनयुद्ध ही एक मात्र रास्ता है। आओ हम सब मिलकर अंत तक लड़ेंगे!

1)माओवादी शहरी नेटवर्क के नाम से गिरफ्तारी किया गया सभी को तत्काल रिहा कराने के लिएसंघर्ष करेंगे,

2)भ्रष्टाचारी, राजनीतिक पार्टियों को, नेताओं को, अफसरों को, मार भगेइंगे,

3)पुलिस की अत्याचार के खिलाफ जुझारू संघर्ष करेंगे।

(सुखदेव वट्टी),

सचिव, उत्तर बस्तर डिविजनल कमेटी, भाकपा (माओवादी)