क्या छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री पर लगाए आरोप सही है.? वैक्सीन तो बर्बाद हुई है

अम्बिकापुर। कोरोना वायरस से निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिए प्रधानमंत्री मोदी टीकाकरण को बढ़ावा दे रहे हैं, इसी क्रम में केंद्र सरकार द्वारा 1 मई से 18 से 45 वर्ष के लोगों को वैक्सीन लगाने की मंजूरी दिया जा चुका हैं, राज्यों को जरूरी दिशा निर्देश जारी किए जा चुकें हैं व यथासंभव वैक्सीन भी दी जा रही है। लेकिन छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ इस निर्णायक लड़ाई में छत्तीसगढ़ की जनता के साथ धोखा किया है। छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं जिसे रोकने में राज्य सरकार शुरू से विफल रही है। अब जब वैक्सीन लगाने की बारी आई है तो इसमें भी अपने कुप्रबंधन के चलते पूरे राज्य में अव्यवस्था फैला लोगों के मौत का कारण बन रही है। उक्त बातें सरगुज़ा भाजपा के युवा नेता व स्वास्थ्य विभाग सरगुजा के सांसद प्रतिनिधि वेदांत तिवारी ने बयान जारी कर कहा है।

ग़ौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य वैक्सीन में आरक्षण लागू करने वाला पहला राज्य बना जिसका परिणाम शुरुआती पांच दिनों में हजारों वैक्सीन बर्बाद होना दिखा। छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट ने भी इस पर सरकार से जवाब मांगा है।

वेदांत तिवारी ने कहा सरगुजा जिले में बीते 5 दिनों से लगातार ऐसी अव्यवस्था की ख़बरें आ रही है जहाँ 100 से ज्यादा वैक्सीन टीके नष्ट हुए हैं। एक ओर सरगुजा समेत पूरे छत्तीसगढ़ में जरूरी स्वास्थ्य व्यवस्था की कमी है, तो दूसरी ओर सरकार के कुप्रबंधन के कारण वैक्सीन टीके का नुकसान होना दुर्भाग्यपूर्ण है। पहले वैक्सीन के ट्रायल को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा करना व अब कुप्रबंधन के कारण वैक्सीन टीके का नष्ट होना। प्रतीत होता है कि मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के बीच आपसी सामंजस्य की कमी है।

इन सब के लिए सीधे तौर पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव जिम्मेदार है और नैतिकता के नाते उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। यदि व्यवस्था को जल्द ठीक नहीं किया गया तो भाजपा द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएगा।