लिपिक शुभम मामले में..कल लिपिक संघ करेगा प्रदर्शन.. मामले में नही हुई है कार्यवाही..

रमेश तिवारी (लिपिक नेता)

बलरामपुर। गरियाबंद के देवभोग में लिपिक शुभम पात्र द्वारा की गई आत्महत्या मामले में किसी प्रकार की कार्यवाही नही होने से आक्रोशित लिपिकों ने धरना प्रदर्शन का ऐलान किया है। 19 अक्टूबर को प्रदेशभर के लिपिक जिला मुख्यालयों में रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन करने जा रहे है.

बलरामपुर -रामानुजगंज जिले के लिपिक संघ जिलाध्यक्ष रमेश तिवारी के मुताबिक मृतक लिपिक शुभम पात्र की माँ द्वारा थाने में दी गई। लिखित शिकायत के बावजूद पुलिस ने प्रभारी तहसीलदार बाबूलाल कुर्रे के विरुद्ध मामला दर्ज नही किया है, और ना ही जिला प्रशासन ने प्रभारी तहसीलदार पर किसी प्रकार की कार्यवाही की है। जिसके विरोध में लिपिक संघ कल प्रांतव्यापी धरना प्रदर्शन प्रत्येक जिला मुख्यालय में करेगा।

उल्लेखनीय है कि गरियाबंद जिले के देवभोग तहसील कार्यालय में पदस्थ लिपिक शुभम पात्र ने चार दिन पूर्व अपने घर मे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस को शुभम के कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला था, जिसमे मृतक ने देवभोग के प्रभारी तहसीलदार बाबूलाल कुर्रे पर मानसिक व आर्थिक प्रताड़ना करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद से ही लिपिक संघ दोषी अधिकारी पर कार्यवाही की मांग कर रहा है। लेकिन अब तक मामले में किसी प्रकार की कार्यवाही नही की गई है, जिससे क्षुब्ध होकर लिपिक संघ अब प्रदेशस्तरीय प्रदर्शन करने जा रहा है।

वही इस पूरे मामले में नया मोड़ तब आ गया, जब मृतक शुभम की माँ ने देवभोग थाने में लिखित शिकायत करते हुए प्रभारी तहसीलदार के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की थी। तीन बरस पहले ही मृतक शुभम पात्र लिपिक के पद पर नियुक्त हुआ था। माता की बीमारी के कारण छुट्टी मांगने के बावजूद उसे छुट्टी नहीं दी गयी। तहसील के साथ साथ एसडीएम कार्यालय में अटैच करके अतिरिक्त कार्य कराया गया। इसके अतिरिक्त उसके खाते में अवकाश शेष रहने के बाद भी अवैतनिक करके मानसिक आर्थिक प्रताड़ना किया गया।

लिपिक नेता रमेश तिवारी ने बताया कि प्रदेश में व्याप्त बेलगाम अफसरशाही के कारण निरीह कर्मचारियों की जान आफ़त में फँसी हुई है, लिपिकों से प्रतिदिन ओवरटाइम एवं छुट्टी के दिनों में जबरन काम कराने से मानसिक तनाव की स्थिति बन रही है।
इस प्रकरण में दोषी कर्मचारियों को संरक्षण देने का प्रयास किया जा रहा है। घटना के चार दिन बीतने के बाद भी अपराध पंजीबद्ध नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस घटना की न्यायिक जाँच होनी चाहिये एवं दोषियों को तत्काल गिरफ्तार करना चाहिये। अन्यथा लिपिक संघ बाध्य होकर उग्र आन्दोलन करेगा।