दुर्ग। सामाजिक संगठनों की बैठक के बाद कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने उन युवाओं के साथ चर्चा की और खासे टैकसेवी हैं और जिनके फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम में हजारों फालोवर हैं। कोविड जागरूकता फैलाने में इनसे अब प्रशासन को मदद मिलेगी। कलेक्टर ने कहा कि आप लोगों के मैसेज युवा बड़ी गंभीरता और रुचि से देखते हैं, आप कोविड की लड़ाई में बड़ी मदद कर सकते हैं। युवाओं ने कहा कि हमें बहुत खुशी होगी कि हम इस अभियान का हिस्सा बनेंगे। बैठक में डिप्टी कलेक्टर सुश्री दिव्या वैष्णव एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
इस तरह से सहयोग करेंगे-
व्हाटसएप ग्रूप के माध्यम से कोविड संबंधित जानकारी देने के लिए युवाओं को जोड़ा जाएगा। यहां पर क्रिएटिव्ज आदि शेयर किये जाएंगे। इन क्रिएटिव्ज का उपयोग युवा अपने सोशल मीडिया एकाउंट में करेंगे। साथ ही वे प्रशासन द्वारा दिये जा रहे कोविड से जुड़े हुए उपयोगी डिटेल्स भी देंगे। युवाओं ने बताया कि हम लोग अपने साइट में फीवर क्लिनिक के लोकेशन, टेस्ट वैन आदि के अपडेट्स आदि की जानकारी देते रहेंगे। साथ ही जो वालंटियर्स इस ओर काम करना चाहेंगे, उन्हें भी प्रेरित करेंगे। इन लोगों ने बताया कि सोशल मीडिया में कई बार फेक न्यूज भी वायरल होते हैं। प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क कर वे इस तरह के फेक न्यूज की सच्चाई से भी लोगों को अवगत कराएंगे ताकि अफवाहों की वजह से किसी को किसी तरह का नुकसान न हो।
किस तरह से करेंगे मदद-
कलेक्टर ने कहा कि कोरोना का संक्रमण थामने के लिए टेस्टिंग बेहद जरूरी है। इसमें कुछ समय जरूर लग सकता है लेकिन इसके लिए दिया गया थोड़ा सा समय पूरी जिंदगी बचा सकता है क्योंकि जितनी जल्दी उपचार शुरू हो जाएगा, उतना ही लक्षण घटने लगेंगे। कलेक्टर ने यह भी कहा कि जिन लोग होम बेस केयर में रह रहे हैं उनके पूरे परिवार को घर में ही रहना है। आप लोग अपने सोशल मीडिया से लोगों को इस बारे में प्रेरित कीजिए कि वे इस तरह के पड़ोसियों को ग्रासरी आदि जुटाने में मदद करें। उन्होंने कहा कि लोगों की मदद के लिए काल सेंटर बनाये गये हैं जिसमें व्यस्तता न हो, इसे ध्यान में रखते हुए पांच नंबर दिये गए हैं। निजी अस्पतालों में इलाज की दरें शासन द्वारा निर्धारित की गई हैं। शासकीय कोविड केयर सेंटर में इलाज निःशुल्क है। अस्पतालों में बेड की स्थिति के लिए भी लिंक दिया गया है इसे भी शेयर कीजिए। कलेक्टर ने कहा कि आप लोगों की ओर से जिस तरह से भी फीडबैक आएगा, आप लोगों की परेशानियों को साझा करेंगे तो इस पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
कोई ट्रैवल पर शेयर करता है कोई छत्तीसगढ़ी मीम्स-
सोशल मीडिया पर सक्रिय इन युवाओं के हजारों फालोवर हैं। इन लोगों ने बताया कि कोई फूड पर पोस्ट शेयर करता है और कोई ट्रैवल पर। किसी ने छत्तीसगढ़ी संस्कृति को ध्यान में रखकर अपना एकाउंट तैयार किया है। सभी ने कहा कि हम अपने फालोवर्स तक इस संदेश को जरूर लेकर जाएंगे।