बस्तरवासियों को अब हल्बी भाषा में मिलेगी देश दुनिया की जानकारी, CRPF के स्थापना दिवस में बोले अमित शाह- नक्सलवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई अंतिम चरण पर

जगदलपुर. सीआरपीएफ के 84वां स्थापना दिवस समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए हैं। अमित शाह ने परेड की सलामी ली। जवानों ने शानदार मार्चपास्ट किया। मार्चपास्ट में 8 राज्यों के सैन्य दल शामिल हुए हैं। अमित शाह ने सीआरपीएफ के अधिकारियों और जवानों को वीरता पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया। आतंकी और नक्सल घटनाओं में अदम्य साहस दिखाने वाले अधिकारियों और जवानों को सम्मानित किया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कई विकास कार्यों और भवनों का लोकार्पण भी किया। इसके साथ ही हल्बी समाचार बुलेटिन का भी शुभारंभ किया।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा – मैं इस भव्य स्थापना समारोह के लिए आप सबको बधाई देता हूँ। 2249 शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देता हूँ जिन्होंने देश के लिए अपनी कुर्बानी दी है। देशभर के 36 हजार के अलग-अलग पुलिस जवानों को भी श्रद्धांजलि देता हूँ । यह एक बड़ी उपलब्धि है कि बस्तर में हम स्थापना दिवस समारोह मना रहे हैं। वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई अंतिम चरण में है। मैं शहीद परिवारों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करता हूँ। हर क्षेत्र के अंदर सीआरपीएफ के जवानों ने दिया है। मैं आज ये सुनिश्चित कह सकता है आंतरिक सुरक्षा में सीआरपीएफ जवानों की भूमिका है। 174 विकास कार्यों लोकार्पण हुआ है। छत्तीसगढ़ के अंदर हल्बी बुलेटिन शुरू होने से स्थानीय भाषा मजबूत होगी। आदिवासी अपनी भाषा देश-दुनिया की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। मैं दूरदर्शन और आकाशवाणी को बधाई देता हूँ।

सीआरपीएफ की उन 75 महिला जवानों को भी बधाई देता हूँ जिन्होंने दिल्ली से यहां तक की बाइक रैली की। आज नारी शक्ति हमारी देश की शक्ति बन गई है। मैं उनके साहस और शौर्य को प्रणाम करता हूँ। सीआरपीएफ की मजबूती आज बढ़ती जा रही है। सीआरपीएफ को 1 बटालियन से 246वीं बटालियन तक पहुँचने बर बधाई देता हूँ। देश की शांति और सुरक्षा का मजबूत आधार सीआरपीएफ बन गया है।

छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई आज सीआरपीएफ जवान लड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में सड़क, पानी, राशन, बिजली जैसे सुविधाएं, सरकार की योजनाओं अंदुरुनी और माओवाद प्रभावित क्षेत्रों तक पहुँचाने अहम भूमिका रही है। ज्वाइंट ऑपरेशन के जरिये आज बस्तर का इलाका माओवाद मुक्त हो रहा है। झारखंड के बूढ़ा पहाड़ का इलाका नक्सल मुक्त हो गया है।

केंद्र सरकार विकास की गंगा बहाई है। सड़क और मोबाईल कनेक्टिविटी बढ़ी है। एकलकय स्कूल लगातार खोले जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक की सुविधाएं बढ़ाई जा रही है।