राजनैतिक संरक्षण प्राप्त यूएस राम का एक और नया कारनामा, तीन करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ उजागर, पहले भी दर्ज हुआ था मामला

बलरामपुर : आरटीआई एक्टिविस्ट एवं सामाजिक कार्यकर्ता डीके सोनी ने जल संसाधन संभाग क्रमांक 2 रामानुजगंज में सन 2017 से 2018-19 तक पदस्थ वी कार्यपालन अभियंता एवं ठेकेदार पर आरसीसी ह्यूम पाइप चेंनेज स्टोन बाउंड्री स्टोन सप्लाई में करोड़ों का घोटाल आरोप लगाते हुए अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए रामानुजगंज थाने में आवेदन प्रस्तुत किया।

इस संबंध में जानकारी देते हुए डीके सोनी ने बताया कि जल संसाधन संभाग क्रमांक 2 में पदस्थ कार्यपालन अभियंता के द्वारा 2017 से 2018-19 के बीच में करीब 4 से5 करोड़ रुपए का आरसीसी ह्यूमन पाइप चेनेज स्टोन एवं बाउंड्री स्टोन की खरीदी कागजों में कर शासकीय राशि का बंदरबांट किया श्री सोनी ने बताया कि इसका खुलासा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त दस्तावेजों से हुआ। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त दस्तावेज में कई चौंकने वाले तथ्य भी सामने आए जैसे सप्लाई आर्डर लगाए गए हैं जो कि एक ही नंबर के आर्डर क्रमांक है तथा एक ही दिनांक के हैं जिसमें सामग्री एक ही है एक ही स्थान के लिए ह्यूमन पाइप का सप्लाई आर्डर है उसमें एक ही दिनांक में अधिकारी का हस्ताक्षर अलग अलग है उदाहरण स्वरूप आदित्य इंडस्ट्रीज मनेंद्रगढ़ रोड अंबिकापुर को दिनांक 24.9.2018 का सप्लाई आर्डर क्रमांक 4904 जिस में गम्हरिया जलाशय हेतु 1000 एमएम एनपी ह्यूमन पाईप ढुलाई चार्ज 32% जीएसटी 18% अतिरिक्त का उल्लेख किया गया है तथा क्वांटिटी 100 नग ढाई सौ मीटर रेट 4291 प्रति मीटर का उल्लेख किया गया है तथा राशि 1072.750 का उल्लेख किया गया इसमें जो हस्ताक्षर किया गया है वह अलग अलग है तथा इसी दिन आदित्य इंडस्ट्रीज अंबिकापुर का आर्डर दिया गया है तथा इतनी ही राशि का जिसमें अधिकारी का हस्ताक्षर अलग है। इसी प्रकार से अन्य व्यापक अनियमितताएं बरती गई है शासकीय राशि का जमकर बंदरबांट किया गया है।

6 स्कीमों में करना था आरसीसी पाइप सप्लाई सब कागजों में हुआ

डीके सोनी ने बताया कि ककनेसा जलाशय योजना, खरहरा डायवर्सन, कोटराही जलाशय, लोधा जलाशय, सुलसुली जलाशय, की जिला से बसेरा खुर्द के जलाशयों हेतु आरसीसी पाइप की सप्लाई की जानी थी परंतु यह सब कागजों में ही सप्लाई एवं भुगतान हुआ।

भंडार क्रय नियम का नहीं किया गया पालन

आरटीआई कार्यकर्ता डीके सोनी ने बताया कि 4 से 5 करोड रुपए की खरीदी जल संसाधन विभाग के द्वारा की गई परंतु इसके लिए भंडार क्रय नियम का भी पालन नहीं किया गया। पूरे प्रदेश में 14 संस्था है ही है जो ह्यूमन सप्लाई करने के लिए अधिकृत हैं परंतु इनसे खरीदी नहीं की गई।

ढूलाई के नाम पर भी किया गया फर्जीवाड़ा

डीके सोनी ने बताया कि ढूलाई के नाम पर भी जल संसाधन विभाग के द्वारा ठेकेदार से सेटिंग करके फर्जीवाड़ा किया गया जितने भी फर्जी आर्डर दिए गए उनकी फर्जी सप्लाई के लिए 32% के हिसाब से ढुलाई का भुगतान किया गया जब की दूरी कम थी और कम भुगतान करना चाहिए था।

फर्जीवाड़ा के 23 पन्नों में प्रमाण किए पेश

आरटीआई कार्यकर्ता के द्वारा थाने में कार्यपालन अभियंता एवं ठेकेदार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के लिए दिए गए आवेदन के साथ 23 पन्नों का प्रमाण भी प्रस्तुत किया श्री सोनी ने कहा कि यदि थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं होती है तो न्यायालय का सहारा लेंगे।

कमिश्नर से की गई शिकायत बाद कलेक्टर के द्वारा बनाई गई थी तीन सदस्यीय जांच टीम टीम

आरटीआई कार्यकर्ता डीके सोनी ने बताया कि 1 वर्ष पूर्व ही जब मैंने पूरे दस्तावेज के साथ सरगुजा कमिश्नर को शिकायत प्रस्तुत किया था। उसके बाद कलेक्टर के द्वारा तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई गई थी परंतु आज तक जांच रिपोर्ट नहीं आ पाई है। जांच टीम डिप्टी कलेक्टर प्रवेश पैकरा के अध्यक्षता में बनाई गई थी जिसमें सचिव कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग बलरामपुर एवं कार्यपालन अभियंता प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना इकाई बलरामपुर सदस्य थे।