किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार को धान खरीदी में किसानों को होने वाली परेशानियों को लेकर किया सचेत…

अम्बिकापुर: छत्तीसगढ़ में एक नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरुआत हो चुकी है। अब किसान समितियों में जाकर अपना धान बेच सकते है। हर वर्ष किसानों को धान बेचने के लिए टोकन के लिए लंबा लाइन लगाना पड़ता था। लेकिन इस वर्ष सरकार ने किसानों के इस काम को आसान कर दिया है। सरकार ने “टोकन तुंहर हाथ” ऐप लांच किया है। इस ऐप की मदद से अब घर बैठे किसान टोकन लेकर नम्बर लगा सकते हैं। बता दें कि, छत्तीसगढ़ में धान खरीदी पर प्रमुख विपक्षी दल हमेशा नजर रखती रही है, और धान बेचने में किसानों को होने वाली परेशानियों और कमियों से सरकार को अवगत कराती रही है। ऐसे में इस वर्ष भी भाजपा ने धान खरीदी सहित किसानों की अन्य समस्याओं को लेकर मीडिया से बातचीत की है।

दरअसल, शुक्रवार को अम्बिकापुर के भाजपा कार्यालय में किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पवन साहू ने प्रेसवार्ता ली। यहां उन्होंने प्रदेश सरकार को धान खरीदी और धान खरीदी के दौरान किसानों को होने वाली परेशानियों को लेकर सचेत करते हुए कहा कि सरगुजा जिले के 724 किसानों का रकबा शून्य हो गया हैं, जिन्होंने ने पूर्व में पंजीयन कराई हुई हैं। जिसको लेकर जिला प्रशासन से मांग की गई हैं कि जिन-जिन किसानों का रकबा ज़ीरो हुआ हैं फिर से निरीक्षण कर रकबा यथावत किया जाए।

वही किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने भी माना कि इस वर्ष बारिश की लेटलतीफी होने की वजह से किसान पिछड़ गए हैं और धान खरीदी केंद्रों में किसान अब तक धान लेकर गिने-चुने ही पहुंच रहे हैं। जिसको देखते हुए आने वाले समय में धान खरीदी की मीयाद को बढ़ाने के लिए सरकार से अपील की जाएगी। जिससे कि मौजूदा सरकार की घोषणा के मुताबिक़ किसान एक-एक दाना धान को बेच सकें।

इस वर्ष प्रदेश सरकार 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया हैं। इसकी शुरुवात 1 नवंबर 2022 से हो चुकी हैं, और करीब 90 दिनों तक खरीदी चलेगी। 31 जनवरी 2023 तक खरीदी होगा।