सरगुजा: छः सूत्रीय माँगो के समर्थन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका संघ ने किया धरना प्रदर्शन

अम्बिकापुर/सीतापुर/अनिल उपाध्याय. शिक्षाकर्मियों की तरह आँगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को शासकीय कर्मचारी घोषित करने, सामाजिक सुरक्षा के रूप में मासिक पेंशन एवं समूह बीमा योजना लागू करने, आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बिना परीक्षा एवं बिना उम्र बंधन के सुपरवाईजर के रिक्त पदों पर भर्ती करने समेत अपने छः सूत्रीय मांगों के समर्थन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान आँगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ ने वादाखिलाफी का आरोप लगा भूपेश सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की. और पैदल मार्च निकालते हुए परियोजना कार्यालय पहुँचे. जहाँ उन्होंने मुख्य सचिव के नाम छः सूत्रीय मांगों का ज्ञापन परियोजना अधिकारी को सौंपा.

गौरतलब है कि चुनाव पूर्व काँग्रेस ने अपने जन घोषणापत्र में आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नर्सरी शिक्षक के रूप में उन्नयन कर कलेक्टर दर पर भुगतान करने समेत अन्य कई वादे किये थे. सरकार बनने के बाद काँग्रेस अपने घोषणा पत्र में आँगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं से किये वादे भूल गई. जिससे आहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ ने काँग्रेस सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा अपने छः सूत्रीय माँगो के समर्थन में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने प्रदेश की भूपेश सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन स्थल से रैली के शक्ल में एकीकृत महिला बल विकास विभाग पहुँचे जहाँ उन्होंने मुख्य सचिव के नाम छः सूत्रीय माँगो का ज्ञापन परियोजना अधिकारी मधुबाला जैन को सौंपा.

इस संबंध में संघ की जिलाध्यक्ष अनूपा कुशवाहा ने बताया कि संघ भूपेश सरकार से ये माँग करती है कि चुनाव से पहले काँग्रेस ने अपने घोषणापत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ के लिए जो वादा किया था उसे पूरा करे. इसके अलावा हमारी जो छः सूत्रीय मांग है. उसके तहत प्रदेश के आंगनबाड़ीयो में रिक्त पद भरे जाए, मोबाईल का नेट चार्ज दिया जाए, मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण दर्जा देकर क्रेश कार्यकर्ताओं को वहाँ नियुक्ति किया जाए, बिना उम्र बंधन एवं बिना परीक्षा लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ को सुपरवाईजर के रिक्त पदों पर नियुक्ति दी जाए, सामाजिक सुरक्षा के रूप में मासिक पेंशन एवं समूह बीमा लागू किया जाए एवं शिक्षाकर्मियों की तरह आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए. जब तक हमारी ये माँगे पूर्ण नही होगी तब तक हम क्रमवार विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे.