नवीन बने वार्ड नगर पालिक अधिनियम के नियमो के विपरीत.. कांग्रेस

अम्बिकापुर

नगर पालिक निगम अम्किापुर के नई परिसीमन के बाद बढ़े वार्डों के निर्धारण के दौरान हुए विसंगति की षिकायत करने दावा-आपत्ति हेतु मिले समय पर जिलाध्यक्ष अजय अग्रवाल व नेता प्रतिपक्ष नगर निगम अम्बिकापुर शफी अहमद के नेतृत्व में कांग्रेस के प्रतिनिधी मंडल ने एसडीएम आॅफिस पहुंच कर अपनी षिकायत दर्ज कराते हुए नियमानुसार वार्डों के निधारण की मांग की है।

प्रतिनिधि मंडल ने सौंपे ज्ञापन में कहा है कि वर्तमान में निगम के अंतर्गत कुल जनसंख्या 1,25,392 है, जिसे 48 वार्डों में विभाजित करने पर एक वार्ड की जनसंख्या 2613 होनी चाहिए तथा नगर पालिक अधिनियम की धारा 10 के अनुसार 15 प्रतिषत से कम या अधिक जनसंख्या के आधार पर वार्डों का निर्धारण करना चाहिए, जो कि अम्बिकापुर निगम के परिपेक्ष्य में एक वार्ड की अधिकतम जनसंख्या 3004 अथवा न्युनतम जनसंख्या 2220 होनी चाहिए थी। किन्तु परिसमन के दौरान नगर पालिक अधिनियम को दरकिनार करते हुए वार्डों का निर्धारण किया गया है। परिसीमन के दौरान नवीन बने वार्डों में जहां न्यूनतम जनसंख्या 1899 है तो वहीं अधिकतम जनसंख्या 3787 है। अतः जिला कांग्रस कमेटी ने ऐसे आधारहीन परिसीमन का पर विरोध दर्ज कराते हुए कहा है कि नवीन परिसीमन में कई वार्डों के अस्तित्व पर खतरा मण्डराने लगा है। नगर पालिक अधिनियम 1984 के नियम 3.2 के अनुसार औसत जनसंख्या के अधिकतम 15 प्रतिषत तक के जनसंख्या का अंतर ही मान्य है। परन्तु अम्बिकापुर में किये गये परिसीमन में जनसंख्या के औसत का 20 प्रतिषत से 40 प्रतिषत तक का अंतर करते हुए वार्डों का निर्धारण किया गया है। जिस पर कांग्रेस परिसीमन को पुनः नियमानुसार निर्धारण करने की मांग की है।

कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल द्वारा सौंपे गये ज्ञापन में बताया गया है कि भगवानपुर, सुभाषनगर, फुन्दुरडिहारी को मिलाकर कुल जनसंख्या 23481 है। इसे नौ वार्डों में विभाजित करने पर प्रति वार्ड जनसंख्या 2609 है जो कि निगम के अधिनियम के अनुकुल है, किन्तु इसे जानबुझकर 10 वार्डों में विभक्त कर दिया गया है जो कि निगम के अधिनियम के विपरीत हैं। वहीं नगर पालिक अधिनियम की धारा 10 के तहत् निर्धारित 1994 की धारा 3, 4 एवं 6 के अनुसार किसी भी वार्ड की सीमा स्पष्ट एवं संहृत होनी चाहिए एवं वार्डों की चारों सीमा स्पष्ट एवं ऐसी होनी चाहिए कि वार्ड के लोगों को वार्ड सीमा का ज्ञान हो, किन्तु बिना कारण बताये कई पुराने वार्डों को तोड़ कर नये वार्ड बना दिये गये हैं, जबकि इन वार्डों की संख्या अधिक नहीं है। कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि पुराना वार्ड 16 संत घासीदास वार्ड वहां पर हरिजन बंधुओं के बहुसंख्यक में निवासरत करने के कारण ही बनाया गया था और यह नाम भी दिया गया था, किन्तु नये परिसीमन में इस वार्ड को भी बांट दिया गया है, जो कि इस वार्ड के उपर प्रष्न चिन्ह लगाता है ? साथ ही कई वार्डों के निर्धारण को लेकर भी कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने अपने ज्ञापन में यह बताया है कि क्यों और किस कारण निर्धारण गलत तरिके से किया गया है। कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने अपने ज्ञापन में नवीन वार्ड निधारण के लिये सुझाव भी बताये हैं। ज्ञापन सौंपने के दौरान जिला अध्यक्ष अजय अग्रवाल, नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद, बलराम मुखर्जी, अधिवक्ता संतोष सिंह, राजेष मलिक, विनय गुप्ता, शेखर झारिया, निरंजन राय सहित अन्य कांग्रेसी नेता मौजूद थे।