तो सरगुजा के इस गांव के लोग भी बन जायेंगे.. माउंटेन मैन दशरथ माझी!..

अंबिकापुर. देश मे माउंटेन मैन के नाम से चर्चित रहे दशरथ मांझी ने केवल एक हथौड़ा और छेनी लेकर अकेले ही 360 फुट लंबे 30 फुट चौड़े और 25 फुट ऊँचे पहाड़ को काट के एक सड़क बना डाली थी. और 22 वर्षों के अथक परिश्रम के बाद गरीब मजदूर दशरथ 55 किमी की दूरी को 15 किलोमीटर कर दिया था. ऐसा ही सरगुजा मे एक गांव के लोग भी करते नजर आ रहें हैं. शासन की अनदेखी के शिकार गांव के लोग पहाड पर रास्ता बनाकर ब्लाक मुख्यालय पहुंचने की दूरी कम रहें हैं..

आपने दशरथ मांझी की कहानी शायद सबने सुनी होगी. ऐसी ही कहानी को दुहराने.. इन दिनो सरगुजा के कदनई गांव के लोग भी अथक मेहनत कर रहे हैं. मैनपाट ब्लाक की तराई मे बसे इस गांव के लोग मंत्री नेता कलेक्टर के दरवाजे चक्कर लगा लगा कर इतना परेशान हो गए हैं. कि अब ये लोग खुद श्रम करके अपने गांव से ब्लाक मुख्यालय की दूरी कम करने सडक बनाने मे जुट गए हैं.. दरअसल मैनपाट पहाड के नीचे बसे गांव के लोगो को वर्षो से ब्लाक मुख्यालय तक जाने के लिए करीब 60 किलोमीटर की दूरी तय करना पडता था. लेकिन पहाडी रास्ते से ये दूरी महज 20 किलोमीटर हो जाती है. लिहाजा गांव के लोग खुद से उस पहाड के सीने पर सडक बनाने को मजबूर है..

सरगुजा जिले के मैनपाट विकासखण्ड अंतर्गत आने वाले कदनई गांव का दुर्भाग्य है कि अपने ब्लाक मुख्यालय जाने के लिए नवानगर होकर 60 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय करना पडता है. तो पडोसी ब्लाक मुख्यालय जाने के लिए उनके बिना पुल का पहाडी नाला पार करना पडता है. और अगर दिन बरसात के हो तो फिर उनके सामने हाथ मे हाथ धरे रहने के सिवाय कोई रास्ता नहीं होता. गांव के सरंपच से इस संबध मे पूछे जाने पर उन्होने बताया कि उनकी मांग पर कई बार अधिकारी कर्मचारी टेप मीटर लेकर आए.. लेकिन अब तक सडक नहीं बनी लिहाजा वो भी ग्रामीणो के साथ मिलकर सडक बनाने के काम मे भिडे हुए हैं..

पिछले 15 साल से प्रदेश मे भाजपा की सरकार थी , तो पिछले 8 महीने से प्रदेश मे वही कांग्रेस की सरकार है. जो प्रदेश मे विकास ना होने का डंका बजाकर सत्ता तक पहुंची है.. लेकिन उसी कांग्रेस सरकार मे खाद्य मंत्री और स्थानिय विधायक अमरजीत भगत से जब इस गांव की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिती की दास्तां बयां की गई तो. उनका जो जवाब आया. वो आप को हैरान कर देगा. क्योकि मंत्री जी क्षेत्र से 4 बार विधायक भी रहे हैं. और जब वो उस क्षेत्र मे जाते हैं.. तो पुल सडक नहीं होने की वजह से वो खुद कदनई तक नहीं पहुंच पाते हैं..