जमीन की लालच में भतीजों ने की थी हत्या

प्रतापपुर

प्रतापपुर,.थाना क्षेत्र के ग्राम दुरती में वृद्घा बेवा की जघन्य हत्या का खुलासा पुलिस ने 24 घंटे के भीतर कर दिया है। वृद्घा की हत्या उसके दो भतीजों ने संपत्ति की लालच में कर दी थी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

प्रतापपुर थाना प्रभारी एके बाजपेयी ने बताया कि ग्राम दुरती खदरापारा निवासी मानकुंवर पति स्व. रामप्रसाद के घर बीते 3 मई की रात दो अज्ञात व्यक्ति घर का छप्पर हटाकर अंदर प्रवेश किए थे और सोए हालत में मानकंुवर के सिर पर तब्बल से प्रहार कर दिया था। वारदात को अंजाम देने के बाद वृद्घा को मृत समझकर आरोपी वहां से भाग निकले थे। वृद्घा की चितकार सुनकर पड़ोस में रहने वाले लोगों ने उसे पहले प्रतापपुर अस्पताल फिर जिला अस्पताल अंबिकापुर में दाखिल कराया था। जहां उपचार के दौरार वृद्घा की मौत हो गई थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए सूरजपुर पुलिस अधीक्षक प्रखर पाण्डेय ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनीषा ठाकुर के निर्देशन में प्रतापपुर पुलिस एवं सूरजपुर क्राईम ब्रांच को अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने का कड़ा निर्देश दिया था। जब पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि मानकंुवर के पति की मृत्यु दो वर्ष पूर्व हो चुकी थी। मृतिका का कोई संतान नही था। ऐसे में पुलिस को शक हुआ कि संभव है गांव में रहने वाले रिश्तेदारों ने ही संपत्ति की लालच में उसकी हत्या की होगी। पुलिस ने रिश्तेदारों व पड़ोसियों से पूछताछ की तो मामले पर से पर्दा उठ गया। थाना प्रभारी के मुताबिक मृतिका मानकुंवर का भतीजा रामसिंह पिता रामलाल 22 वर्ष एवं भईया लाल पिता रामधन 38 वर्ष द्वारा अपनी बुआ की संपत्ति पर नजर जमाई गई थी। उनकी मंशा से दूसरे रिश्तेदार व गांव वाले भी वाकिफ थे। आरोपी भतीजों की मंशा थी कि यदि बेवा मानकंुवर की मौत हो जाती है तो उसकी संपत्ति और जमीन जायदाद उन लोगों का हो जाएगा,क्योंकि मृतिका का अपना कोई संतान नही है। जमीन जायदाद की लालच में ही दोनों आरोपियों ने मिलकर तब्बल से वार कर मानकुंवर की हत्या कर दी थी। मृतिका के भतीजे रामसिंह व भईयालाल को पुलिस ने धारा 460, 307, 302 व 34 के तहत गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के कब्जे से तब्बत एवं खून के धब्बे लगे कपड़े भी जब्त कर लिए गए हैं। 48 घंटे के भीतर ही अंधे हत्याकांड का खुलासा और आरोपियों की गिरफ्तारी में प्रतापपुर थाना प्रभारी एके बाजपेयी, सूरजपुर क्राईम ब्रांच प्रभारी उपनिरीक्षक सीपी तिवारी, केएस पैकरा, प्रशिक्षु उपनिरीक्षक कृष्णा साहू, उमाशंकर राठौर, प्रधान आरक्षक शिवलोचन पैकरा, हरिशंकर तिवारी, विशुनदेव पैकरा, आरक्षक अखिलेश पाण्डेय, अक्षक चौरसिया, अमरेंद्र दुबे, अशोक कुजूर व डॉग मास्टर सोरी सक्रिय रहे।