किसानों का नुकसान करेगी कांग्रेस: सच्चिदानंद उपासने

रायपुर
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि धान खरीदी को लेकर किसानों का विरोध पूरी तरह से राजनीतिक है। कांग्रेसियों की राजनीतिक ड्रामे से किसी को फायदा नहीं होगा बल्कि कांग्रेसी किसानों का नुकसान जरूर करा देंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों का दुख-दर्द भली भांति समझने वाली  सरकार है क्योंकि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह अपने को खुद किसान कहते हैं और आज भी किसानी कराते हैं। बिना किसी स्वार्थ के प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों के हित में पूरी क्षमता के साथ उनके उत्थान के लिये जुटी हुई है।
श्री उपासने ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार का उद्देश्य गांव-गरीब और किसानों की उत्तरोतर उन्नति करना है। कुछ वित्तीय मर्यादाओं के कारण सरकार ने प्रति एकड़ दस क्विंटल धान की खरीदी करने का फैसला किया  है लेकिन इसमें भी सरकार किसानों का नुकसान नहीं होने देगी। देश में प्रदेश की भाजपा सरकार ऐसी सरकार है जो किसानों को कृषि क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा रियायत दे रही है। भाजपा सरकार ने 8495 करोड़ का कृषि बजट  बनाया है। किसानों को ब्याजमुक्त अल्पकालीन कृषि ऋण सहकारी एवं ग्रामीण बैंकों द्वारा वितरित होने वाले ऋण पर समान रूप से लागू होगी तथा कर्मशियल बैंक द्वारा वितरित ऋण पर 3 प्रतिशत, किसानों को बीजों पर अनुदान, दस नये पशु चिकित्सालय खोलने, लघु सिंचाई योजना के लिये 76 करोड़, अरपा नदी में परियोजना के लिये सौ करोड़ रुपये, सिंचाई के लिए 29 परियोजनाओं का नवीनीकरण करने जैविक खेती को प्रोत्साहित करने तथा 40 अतिरिक्त कृषि सेवा केंद्र खोलने की दिशा में भाजपा सरकार काम कर रही है। कृषि पंपों के ऊर्जीकरण एवं पंपों के लिए अलग नि:शुल्क विद्युत प्रदाय करने हेदु 458 करोड़ का प्रावधान बजट में किया गया है।
श्री उपासने ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विधानसभा में बजट में पेश करते हुए कहा था कि किसानों की समृद्घि, समग्र कृषि विकास का मुख्य आधार है। विगत दस वर्षों में हमारी सरकार द्वारा कृषि लागत को कम करने तथा कृषि कार्य को लाभकारी बनाने के उद्देश्य से अनेक महत्वकांक्षी योजनाएं लागू की हैं जिनमें समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन, कृषि उत्पाद पर बोनस, रियायती ब्याज दर पर कृषि ऋण एवं सिंचाई हेतु नि:शुल्क बिजली प्रमुख है। इसके अलावा मॉडिफाईड राष्ट्रीय फसल बीमा योजना लागू करने की योजना भी है।
उन्होंने कहा कि अजीत जोगी के नेतृत्व वाली उस समय की कांग्रेस सरकार की किसान विरोधी नीतियों को रेखांकित करते हुए कहा कि समितियों में धान बेचने आने वाले किसानों को धान की क्वालिटी के नाम पर परेशान कर रखा था। उनका धान पानी में डुबा-डुबा कर देखा जाता था। कांग्रेस की सरकार ने अपने तीन साल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ के किसानों को धान पर कभी बोनस भी नहीं दिया जबकि भाजपा सरकार ने किसानों के लिए जहां धान खरीदी की बेहतर व्यवस्था की है वहीं उन्हें बोनस देना भी शुरू किया और वर्ष 2012-13 में प्रति क्विंटल की दर से 270 रुपये के मान से करीब 1926 करोड़ रुपये का बोनस दिया गया था।