आदेश के बाद भी बीएमओ को नहीं मिला चार्ज

बतौली/सुवारापारा।
बतौली सामुदायिक केंद्र के नए प्रभारी बीएमओ को चार्ज नहीं मिलने से सभी कार्य ठप हो गए हैं। एक हफ्ते से कलेक्टर के आदेश के बाद भी जिला अस्पताल भेजे गए बीएमओ ने प्रभारी बनाए गए बीएमओ को चार्ज नहीं दिया है। पिछले एक पखवाड़े पहले सरगुजा कलेक्टर ने स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण के दौरान तमाम खामियां पाई थी, इसके बाद कलेक्टर ने आदेश के तहत बीएमओ को प्रभार मुक्त कर जिला अस्पताल सेवा देने आदेश दिए थे। इसी वजह से जीवनदीप समिति की प्रस्तावित बैठक भी टाल दी गई है।

बतौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ बीएमओ डा.प्रधान के कार्यकाल में स्वास्थ्य केंद्र की तमाम सेवाएं भगवान भरोसे थी। चारों ओर गंदगी पसरी हुई है। मेडिकल डिस्पोजल का बुरा हाल था। खुले गड्ढे में रिहायशी इलाके में मेडिकल डिस्पोजल किया जाता था। स्वास्थ्य केंद्र के वार्ड खराब हालत में थे। गर्भवती महिलाओं को सामान्य मरीजों के साथ रखा जाता था। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अक्सर ड्यूटी से नदारद रहते थे। जीवनदीप समिति की बैठक बीते डेढ़ वर्ष से बुलाई ही नहीं गई थी। पिछले दिनों आनन-फानन में चुनाव आचार संहिता के दौरान विधायक को अंधेरे में रख लाखों रुपए के कार्य प्रस्तावित करने की योजना थी। इसके अलावा डा. प्रधान ने प्रसुति गृह पर भी कब्जा कर लिया था। चार फरवरी को चुनाव तैयारियों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर श्रीमती ऋतु सैन स्वास्थ्य केंद्र आई थीं। निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र की अव्यवस्था के संबंध में बीएमओ को जमकर फटकारा था। उनके वेतन रोकने के आदेश भी दिए थे। इसी दौरान कलेक्टर जब अंबिकापुर रवाना होने की थीं,तभी उन्हें बीएमओ द्वारा प्रसूति गृह पर कब्जा किए जाने की जानकारी मिली थी। बीएमओ ने इसी दौरान अन्य व्यवस्थाएं तो नहीं सुधारी,लेकिन प्रसूति गृह में कब्जा छोड़ दिया था।

कलेक्टर को मिली तमाम अव्यवस्था से खफा होकर उन्होंने 9 फरवरी को आदेश जारी कर बीएमओ डा.प्रधान को स्वास्थ्य केंद्र बतौली के बीएमओ प्रभारी से मुक्त कर जिला अस्पताल अटैच कर दिया। उक्त आदेश के बाद बीएमओ का प्रभार डा.गणेश बेक को दे दिया गया है। बावजूद इसके पूर्व बीएमओ ने सात दिन बीतने के बाद में चार्ज नहीं दिए हैं। इसका खामियाजा कर्मचारी समिति मरीजों को भुगतान पड़ रहा है। नए प्रभारी बीएमओ व्यवस्था सुधारने के नाम पर कुछ निर्णय ले पा रहे हैं। हालांकि उन्होंने मेडिकल डिस्पोजल के लिए बनाए गए गड्ढे को दुरूस्थ करने जेसीबी किराए से लिया था,लेकिन अभी किसी भी कार्य के भुगतान की स्थिति में बीएमओ नहीं है। यहां कर्मचारियों के ड्यूटी निर्धारण से लेकर स्वास्थ्य सेवा हेतु उच्च अधिकारी नहीं है। गर्भवती माताओं के प्रसव यदि चेक भुगतान, स्वास्थ्य बीमा के तहत कार्डधारियों को यात्रा व्यय देने के मामले भी पेंडिंग हो रहे हैं। दवाईयां खरीदने और अन्य खर्चों पर भी कार्रवाई संभव नहीं हो पा रही है।

वर्ष में जीवनदीप समिति के बैठक निर्धारित है। बीएमओ को चार्ज न दिए जाने से प्रभारी बीएमओ जीवनदीप समिति बैठक आयोजित नहीं कर पा रहा है। बीच में 14 फरवरी को जीवनदीप समिति की बैठक आयोजित करने की कोशिश की गई थी,लेकिन पूर्व बीएमओ ने यह कह कर बैठक करने से मना कर दिया कि उन्होंने अभी तक चार्ज नहीं दिया है।