सरहदों से लौटे युवा जोश से लबरेज (‘माँ तुझे प्रणाम’)
देश की सरहदों को देखने तथा उनकी हिफाजत में लगे वीर सैनिकों से रु-ब-रु होने के लिए ‘माँ तुझे प्रणाम’ योजना में भेजे गये...
‘मेरे बाबू ने खाना खाया, अब क्या कर रहा है? पूरी जिंदगी इसी में...
फिल्मों में और सीरियल में रोमांस को ऐसे दिखाया जाता है जिससे न जाने कितनों के मन में एक अच्छा रोमांटिक पार्टनर पाने का...
वीना सिंह के लेख : परित्यक्त महिलाएं और सामाजिक वर्जनाएं
लेखिका वीना सिंह
परित्यक्ता शब्द ही पूरे तन और मन में एक पीड़ा का एहसास करा देता है। उन महिलाओं के अंर्तमन को कोई टटोल...
वीना सिंह के लेख… बच्चों में घटते संस्कार…
आज भौतिक संस्कृति की बढ़ती चकाचौंध ने हमारे समाज को बुरी तरह प्रभावित किया है जिसने एक तरह की दिखावा संस्कृति को जन्म दिया...
कटाक्ष ! मीडिया पर ऊंगली उठाने वालो कि अब ऊंगली भी नही आ रही...
मीडिया वेश्या नही दर्पण है ज़नाब
सोशल मीडिया और चंद प्रभावी अंधभक्तो ने पांच राज्यों के चुनाव नतीजो मे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की समीक्षा पर कई...
साहित्य : पं.प्रांजल शुक्ला की कलम से …..
पं. प्रांजल शुक्ला कोरबा छत्तीसगढ़
बरसात
आँगन पे सावन की आई बहार,
रिमझिम रिमझिम की फुहार,,
बरसे रे बदरिया कही धुँवाधार,
सरिता पे सदा की तरह तेज चली जब...
राज्य के चहुंमुखी विकास में महिलाओं की भागदारी…
रायपुर लेखक-सुनीता केशरवानी
स्त्री जननी और मानव जीवन का आधार स्तम्भ हैं। वह घरए परिवार और समाज को मजबूती प्रदान करने वाली सबसे महत्वपूर्ण कड़ी...
विशेष लेख …. पर्यटन के नए कीर्तिमान गढ़ता छत्तीसगढ़
रायपुर
लेखक ललित शर्मा द्वारा
छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के डेढ दशक बाद के बदलाव स्पष्ट दिखाई देते हैं। राज्य ने लगभग सभी क्षेत्रों में विकास...
नीयत, नीति और वायदों को पोटली में बाधकर निकलने का समय आ गया है...
चिरमिरी से रवि कुमार सावरे... आर्टिकल
नीयत, नीति और वायदों का समय, नेताजी चुनाव आ गया है
कहने का तात्पर्य बिल्कुल साफ है लोकसभा चुनाव सर...
हमें क्या लेना ‘आप’ से। या कि उसके उत्कर्ष से…
हमें क्या लेना ‘आप’ से। या कि उसके उत्कर्ष से। या फिर 2-जी, आदर्श, कॉमनवेल्थ और कोलगेट जैसे घोटालों से। या फिर ‘नमो लहर’...