राजधानी के नजदीक प्लास्टिक कचरे से बन रही सडक की सीएम ने की तारीफ…….

रायपुर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों के निर्माण में प्लास्टिक कचरे और फ्लाई एश का उपयोग किए जाने की नई पहल को अनुकरणीय बताया है। उन्होंने इसके लिए विभाग की तारीफ की है।
डॉ. सिंह की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में आयोजित लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने बताया कि राजधानी रायपुर के नजदीक पिरदा से छेरीखेड़ी तक लगभग साढ़े तीन किलोमीटर के रास्ते के निर्माण में प्लास्टिक कचरे का उपयोग किया जा रहा है। हॉटमिक्स प्लांट में डामर के साथ प्लास्टिक कचरे को मिलाकर लगभग 60 लाख रूपए की लागत से सड़क बनाई जा रही है। उल्लेखनीय है कि इसके पहले सरगुजा जिले के अम्बिकापुर विकासखण्ड में अम्बिकापुर से ग्राम डिगमा तक करीब 13 किलोमीटर सड़क निर्माण में भी डामर के साथ प्लास्टिक कचरे के मिश्रण का उपयोग सफलतापूर्वक किया जा चुका है।

लोक निर्माण मंत्री श्री राजेश मूणत की उपस्थिति में आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने सड़कों और शासकीय भवनों के निर्माण तथा रख-रखाव में लोक निर्माण विभाग द्वारा किए जा रहे नये प्रयोगों के बारे में बताया। विभाग के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह ने प्रस्तुतिकरण में कटघोरा बायपास रोड के निर्माण में बिजली संयंत्रों की राख (फ्लाई एश) का उपयोग एम्बेंकमेंट में किया जा रहा है। इसके साथ ही सड़कों में गड्ढ़े होने की शिकायतों के निराकरण के लिए सड़कों में मौके पर ही (ऑन द स्पाट) पैच रिपेयर के लिए भी कार्य योजना बनाई गई है। निविदा प्रक्रिया में भी सुधार किया जा रहा है। इसके अंतर्गत निविदाओं के तकनीकी मूल्यांकन की वर्तमान प्रणाली का कम्प्यूटरीकरण करते हुए उसे इलेक्ट्रॉनिक पद्धति से जोड़ा जा रहा है और इसके लिए साफ्टवेयर में जरूरी सुधार भी किया जा रहा है।

लोक निर्माण विभाग द्वारा विभिन्न विभागों के लिए हर साल कई शासकीय भवनों का निर्माण किया जाता है, लेकिन उनकी प्रशासकीय स्वीकृतियों में इन भवनों के लिए पहुंचमार्ग के लिए राशि का प्रावधान नहीं रहता। इसे ध्यान में रखकर जन सुविधा की दृष्टि से अब ऐसे भवनों को पहुंच मार्गों से जोड़ने के लिए भी प्रशासकीय स्वीकृतियों में आवश्यक राशि का प्रावधान किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के तहत अब तक 360 सरकारी भवनों को पहुंच मार्गों से जोड़ने के लिए लगभग 51 करोड़ 27 लाख रूपए का प्रावधान किया गया। मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रदेश में निर्माणाधीन विभिन्न विभागों के भवनों की प्रगति की भी समीक्षा की। समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, वित्त विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।