नगरपालिका सीएमओं ने बिना रिलिव हुये लिया एकतरफा चार्ज

वर्तमान में नगरपालिका बालाघाट स्थानांतरित होकर आये नये भोपाल से सीएमओ सतीश मटसैनिया ने बिना रिलिविंग आदेश के बालाघाट नगरपालिका में ज्वाइन किया है जोकि नियम विरूद्ध है। उक्ताशय के आरोप पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने मोबाइल पर चर्चा कर नये सीएमओ पर लगाया है। मुंजारे जी ने आगे बताया कि मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एंव आवास विभाग मंत्रालय के आदेश क्रमांक एफ$ 1-12/2020 /18-1 भोपाल दिनांक 7 जून 2020 से सतीश मटसेनिया मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगरपालिका परिषद नागदा जिला उज्जैन का स्थानांतरण सहायक संचालक के पद पर संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल किया गया था। आदेश के विरूद्ध मटसेनिया द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में याचिका क्रमांक 8157/2020 प्रस्तुत की गई। मा. उच्च न्यायालय द्वारा याचिका के पारित आदेश में मटसेनिया को तीन दिवस में शासन को अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत करने हेतु कहा गया, अभ्यावेदन का निराकरण हेतु शासन को 6 सप्ताह का समय दिया गया।

मा. उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के परिपालन मे मटसेनिया द्वारा दिनांक 12/06/2020 को कार्यालय में अपना उपस्थिति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था। म.प्र. शासन नगरीय प्रशासन एंव आवास विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा आदेश क्रमांक एफ 4-73/2020/18-1 भोपाल दिनांक 04/07/2020 से मटसेनिया द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन को अमान्य किया गया है। जिसके बाद दिनांक 06/07/2020 को दोपहर पश्चात सतीश मटसेनिया मुख्य नगरपालिका अधिकारी को सहायक संचालक, संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल के लिये भारमुक्त किया गया।

मध्यप्रदेश शासन के द्वारा दिनांक 30/08/2020 को प्रदेश के कई मुख्य नगरपालिका अधिकारीयों के स्थानांतरण की सूची निकाली गई, जिसमें इनका स्थानांतरण बालाघाट किया गया। उक्त आदेश के परिपेक्ष में दो दिन बाद ही बालाघाट पहुचकर मटसेनिया ने नगरपालिका सीएमओ का पदभार ग्रहण कर लिया, जो विधि विरूद्ध है। विभागीय जानकार बताते है कि स्थानांतरण आदेश के पश्चात ज्वायनिंग के लिये इन्हे भोपाल के विभाग से रिलिविंग आदेश बालाघाट का जारी होना चाहिये था जोकि इनके पास नहीं था।
इस संबंध में नगरपालिका बालाघाट की स्थापना शाखा में जानकारी मिली कि नये सीएमओ मटसेनिया ने ज्वायनिंग के साथ पुरानी पदस्थापना का रिलिविंग आदेश यहां जमा नही किया है। जबकि नियम यह है कि नई पदस्थापना में ज्वायनिंग के साथ ही रिलिविंग आदेश की कापी भी लगाई जाती है। मुंजारे ने कहा की इस तरह का सतीश मटसेनिया मुख्य नगरपालिका का कृत्य अवैधानिक है और नेताओं के दबाव में जिला प्रशासन के द्वारा कराया गया है। क्यूकि बालाघाट नगरपालिका के प्रशासक पद पर जिला कलेक्टर पदस्थ है जो नगरपालिका कभी कभार ही आते है। वहीं दूसरी ओर पुराने सीएमओ बाघमारे को तत्काल हटाकर स्थानंरित जगह के लिये रिलिव कर दिया गया है व नये सीएमओ ज्वायनिंग के तत्काल बाद क्वारेन्टाइन कर दिये गये है। अब ऐसी स्थिति में नगरपालिका क्षेत्र की जनता अपनी या शहर की समस्या को लेकर लगातार नगरपालिका के चक्कर काट रही है।

इनका कहना है- मेरा स्थानांतरण नागदा नगरपालिका से भोपाल नगरीय प्रशासन विभाग में किया गया था किन्तु मैने वहां ज्वायनिंग ही नही किया और अवकाश पर रहा। नये स्थानतंरण सूची जारी होने पर मेरा स्थानांतरण बालाघाट किया गया जिसमें लिपिकी त्रुटि हो गई है और मेरे पास अभी रिलिविंग आदेश की कापी नही है जो कि सोमवार तक मेरे पास आ जायेगी। शासन के आदेशानुसार मैने बालाघाट पहुंचकर अपनी पदस्थापना स्थान में पदभार ग्रहण किया है।