पड़ताल… तेवर वाले कलेक्टर..!

@ संजय यादव / 24 जुन 2020

तेवर वाले कलेक्टर..
जांजगीर चांपा जिले के नवपदस्थ कलेक्टर तेवर वाले कलेक्टर के नाम से प्रचलित हो रहे है। लग रहा है बात कम, काम ज्यादा करते है.. इस तरह अधिकारी भी नये कलेक्टर के आने के बाद अपने काम करने का तरीका में बदलाव लाये है। पूर्व कलेक्टर के कार्यशैली के बिलकुल अपोजिट हैं। नये कलेक्टर अधिकारीयो को सक्त निर्देश दिये है कि मुझे बात नही काम चाहिए, कैसे करना है आप जानो…इस तरह नये कलेक्टर के तेवर से अधिकारी भी अब अपने काम करने के तरीको मे धीरे-धीरे परिर्वतन ला रहे है. हां टाईम जरूर लग रहा है लेकिन देखा जा रहा कि नये साहब बात पर नही काम पर विश्वास करते हैं. न कोई ज्यादा मिंिटंग न बैठके सिर्फ काम और काम.

हम नही सुधरेगें…
जिला कांग्रेसीयो का आदत पड़ गया है या सुधरने का नाम नही ले रहे है। आये दिन आपस में ही तकरार होते रहते है..या कहा जाये एकजुटता नही है। नये जिलाध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद संगठन मे जोश नही भर पा रहे हैं. सभी कांग्रेसी नेता अपनी डफली अपनी राग अलाप रहे हैं . जिसके चलते जिलाध्यक्ष को भी बीच में संगठन के ही एक पदाधिकारीयो को समझाइस देना पड़ा था…अब दिखना होगा कि नये जिलाध्यक्ष कैसे अपने संगठन में एकजुटता लाते है.

तेरा क्या होगा कालिया…
पूर्व कलेक्टर जनक पाठक 11 महीनो में जांजगीर चांपा जिले में ऐसा दाग लगा कर गये है कि आज तक इतिहास मे ऐसा मामला कभी नही आया होगा. कि एक कलेक्टर पर अपने ही कार्यालय के रेस्ट रूम पर दुष्कर्म करने का आरोप लगा हो. हद तो जब हो गई कि दुष्कर्म के आरोपी कलेक्टर महिला के मोबाइल मे अश्लील विडियो, मैसेज भेजना शुरू कर दिया था. जिले वासी इस कृत्य के जनम -जनम तक नही भूल पायेगें. अब पुलिस से भागे -भागे फिर रहे हैं. कभी सोचा भी नही होगा कि जिस इज्जत,रौब के साथ जिस जिले में कलेक्टरी कर रहे थे अब उसी जिले के लोगो से आॅख मिलने मे शर्म आ रहा है. अखिर कब तक भगाते रहेगेंकृ

धान खरीदी में घोटले की आशंका…
जांजगीर चांपा जिले के 206 उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी की व्यवस्था होने के बाउजुद किसानो को इस बार धान बेचने मे भारी परेशानियो को सामना करना पड़ा था. विभाग के लक्ष्य अनुसार 70 लाख क्विटंल से ज्यादा इस बार धान की खरीदी हुई है। वही धान खरीदी के दिनो उर्पाजन केन्द्रो में लाखो के धान बारीश में भीगने से खराब हो गये. लेकिन जब अंत में सभी उपार्जन केन्द्रो की धान खरीदी का मिलान किया गया है तो किसी भी उपार्जन केन्द्रो में धान की कमी नही मिली सभी 206 केन्द्रो मे जीरो सटेज पाया गया जो विभाग के लिए भारी खुशखबरी से कम नही है लेकिन दूसरी ओर यह भी आशंका है कि धान खरीदी भारी बारीश के साथ शुरू हुई थी और अंत तक बारीश मे धान भीगती रही, बाउजुद सभी उपार्जन केन्द्रों में जीरो साटेज आना किसी जादु से कम नही है…माना जा रहा है एक से बड़ कर एक खिलाड़ी इस विभाग में कुन्डी मारे बैठे हुए है जिनको इस सब का श्रेय जाता है…

अपने ही बोले और अपने ही सुने...
लाॅकडाउन में जिस तरह भाजपा आये दिन आम जनता से जुडे़ रहने के लिए वर्चुवल रैली कर रही है। क्या इस वर्चुवल रैली से आमजन जुड़ रहे है कि नही, या सिर्फ अपने ही लोग बोल रहे है और अपने ही लोग सुन रहे है। जिस तरह देखा जा रहा है कि जिस तामझाम के इस वर्जुवल रैली का आयोजन जिला स्तर के अलावा प्रदेश स्तर पर किया जा रहा है आम जनता का जुड़ाव इस रैली से कम हो रहा है. सिर्फ पार्टी के ही कार्यकर्ता इस रैली में जुड़ रहे है। लेकिन मानना पड़ेगा पार्टी हमेशा नये -नये कसेप्ट के साथ आम जनता के साथ जुडे़ रहने की कोशिश जरूर कर रही है अब आम जनता इस वर्चुवल रैली क्यो नही जुड़ रही है यह जरूर पार्टी के पदाधिकारीयो के लिए सोचने वाली बात है.