भारत ने अफ्रीका को दी करारी मात.. जानिये क्या थी वजह

लंदन  आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में कल भारतीय क्रिकेट टीम ने शानदार खेल दिखाया और दक्षिण अफ्रीका को आसानी से शिकस्त देकर सेमीफाइनल में अपनी जगह बनायी. अब 15 तारीख को बांग्लादेश के खिलाफ बर्मिंघम में होने वाले सेमीफाइनल में भारत अपना दम दिखायेगा. लीग मैच में पहली जीत और दूसरी हार के बाद भारत के लिए कल का मैच बहुत महत्वपूर्ण था क्योंकि अगर कल का मैच भारत के हाथ से निकलता तो टीम भी सेमीफाइनल से बाहर हो जाती, ऐसे में ‘करो या मरो’ के मैच में भारत ने टीम भावना का भरपूर प्रदर्शन किया और दक्षिण अफ्रीका को खुलकर खेलने का मौका ही नहीं दिया. कल के मैच में भारत की जीत के यह थे प्रमुख कारण:

विराट कोहली ने कल के मैच में शानदार खेल दिखाया और कप्तानी पारी खेली. उन्होंने नाबाद 76 रन बनाये और सात चौका और एक छक्का जड़ा. कोहली की कप्तानी भी कल शानदार रही, उन्होंने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का निर्णय किया और स्पिनर्स का शानदार प्रयोग किया. उनके निर्णय शानदार परिणाम लेकर आये.

शिखर धवन ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कल पारी की शुरुआत करते हुए 83 गेंद में 78 रन बनाये. उनकी पारी ने टीम को ठोस शुरुआत दी. धवन ने 12 चौके और छह छक्के जड़े. शिखर की बल्लेबाजी ने भारत की जीत को आसान बना दिया.

धोनी की प्रशंसनीय विकेटकीपिंग

महेंद्र सिंह धौनी ने कल एकबार फिर यह साबित किया कि वे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर क्यों हैं. धौनी ने कल दो खिलाड़ियों को रनआउट किया और दो का कैच लपका. ध्यान देने वाली बात यह है कि दक्षिण अफ्रीका के वैसे खिलाड़ी जो गेम पलट सकते थे, धौनी ने उन्हें क्रीज पर ज्यादा देर खड़ा होने का मौका नहीं दिया. हाशिम अमला को कैच आउट एबी डिबिलियर्स को धौनी ने रन आउट किया.

भारतीय गेंदबाजों ने कल बेहतरीन गेंदबाजी की और दक्षिण अफ्रीका को 200 का अंक भी छूने नहीं दिया. पूरी टीम 45वें ओवर में ही 191 रन पर सिमट गयी. आर अश्विन ने टीम में वापसी की और कल शानदार गेंदबाजी की. भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह , अश्विन, जडेजा और हार्दिक पांड्‌या ने कसी हुई गेंदबाजी की.

टॉस का बॉस

टीम इंडिया कल टॉस की बॉस बनी और पहले गेंदबाजी का फैसला किया. विकेट हालांकि धीमा खेल रहा था बावजूद इसके टॉस की अहमियत दिखी और भारत ने मैच जीत लिया. कल क्षेत्ररक्षण भी बहुत बढ़िया हुआ, जिसने दक्षिण अफ्रीका को रन चुराने से कई बार रोका.