अम्बिकापुर में 9 दिन के बच्चे को B की जगह O पॉजिटिव ब्लड चढ़ा दिया

In Ambikapur Medical College Hospital, the child was given O positive blood instead of B: छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर में स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक बार फिर लापरवाही सामने आई है। यहां एसएनसीयू के स्टॉफ नर्स व ब्लड बैंक के स्टॉफ की लापरवाही के कारण 9 दिन के एक नवजात को गलत ब्लड ग्रुप चढ़ा दिया गया। दूसरे ग्रुप का ब्लड चढ़ाए जाने से बच्चे की स्थिति सुधारने के बजाए और खराब हो गई है। नवजात का पूरा शरीर काला पड़ गया है। इधर गलत ब्लड ग्रुप चढ़ाने का मामला सामने आने पर अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। परिजन ने अस्पताल के कर्मचारियों पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए नाराजगी जताई है। इस मामले में मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक डॉ लखन सिंह को जानकारी लगी तो तत्काल तीन सदस्यीय टीम गठित कर मामले की तीन दिन में रिपोर्ट सौंपने को कहा है और दोषी पाए जाने पर कर्मचारियों पर कार्रवाई की बात कही है।

दरअसल, बलरामपुर जिले के राजपुर थानाक्षेत्र अंतर्गत ग्राम भेस्की निवासी अंजू तिर्की पति अभिषेक तिर्की को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन ने अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मातृ शिशु अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां महिला ने 12 सितंबर की सुबह नॉर्मल बच्चे को जन्म दिया। जन्म के आधे घंटे बाद बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने पर उसे एसएनसीयू में भर्ती कराया गया और ऑक्सीजन लगाया गया। इसके बाद 19 सितंबर को एसएनसीयू के स्टॉफ नर्स ने बच्चे के पिता अभिषेक तिर्की को बुलाकर कहा कि बच्चे को ब्लड की आवश्यकता है। स्टाफ द्वारा बच्चे का ब्लड सैंपल निकाल ग्रुप जांच कराकर ब्लड व्यवस्था करने के लिए बच्चे के पिता को दे दिया। बच्चे के पिता ने ब्लड बैंक में जाकर सैंपल जांच कराया। जांच कर उसे बताया कि बच्चे का ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव है।

इसके बाद बच्चे के पिता ने ओ पॉजिटिव ब्लड व्यवस्था की और 25 एमएल ब्लड चढ़ाने के लिए एसएनसीयू के स्टॉफ नर्स को दे दिया। स्टाफ नर्स द्वारा बच्चे को ओ पॉजिटिव ब्लड चढ़ा दिया गया। इसके बाद बच्चे की स्थिति में सुधार होने के बजाए और बिगड़ने लगी। यह देख स्टाफ नर्स द्वारा और ब्लड चढ़ाने की बात कही गई। बच्चे को जब दूसरी बार ब्लड चढ़ाने की आवश्यकता पड़ी तो परिजन पूर्व रिकॉर्ड के अनुसार फिर ब्लड लेने ब्लड बैंक पहुंचें। यहां बच्चे की मां व पिता के नाम से कोई रिकॉर्ड दर्ज नहीं था। बच्चे को जो ओ पॉजिटिव ब्लड चढ़ाया गया व किसी और के नाम व पता से दर्ज होने पर परिजन को संदेह हुआ। इसके बाद परिजन ने पुनः बच्चे का ब्लड ग्रुप प्राइवेट अस्पताल व दूसरी बार पुनः ब्लड बैंक में ही कराई तो पता चला कि बच्चे का ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव है।

नवजात के पिता अभिषेक तिर्की ने अस्पताल के कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। इसका कहना है कि बच्चे को गलत ब्लड ग्रुप चढ़ाए जाने से बच्चे की स्थिति और खराब हो गई है। वहीं बच्चे का शरीर भी काला पड़ गया है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने अधीक्षक डॉ लखन सिंह ने बताया कि एक बच्चा एडमिट हुआ था। उसको ब्लड की आवश्यकता थी। मेरे जानकरी में जैसे ही आया वैसे ही विभागाध्यक्ष से बात किया। ब्लड बैंक विभागाध्यक्ष और प्रभारी से भी बात किया। दोनो ने अपना अपना पक्ष रखा कि उनके तरफ से उन्होंने सैंपल भेजा है। ब्लड बैंक की तरफ से कहा गया कि जो सैंपल आया था वो ब्लड उनके पास उपलब्ध था। उन्होंने आगे बताया कि बाद ने हो सैंपल मिला है उसमें बी पॉजिटिव आया है। किस लेवल में सैंपल एरर हुआ हुआ है इसके लिए जांच कमेटी बनाए हैं और जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि ये बात उनकी जानकारी में आई है। मिलते जुलते नाम के दो बच्चे थे और बी पॉजिटिव की जगह ओ पॉजिटिव ब्लड किसी कारण से मिल गया। जांच के आदेश दे दिए गए हैं। कमेटी का गठन हो गया है। जवाबदेही तय होगी। उचित कार्रवाई होगी, वो भी होगी। भविष्य में ऐसा ना हो इसके लिए बहुत ज्यादा सतर्कता की आवश्यकता है। इस मामले में ओ पॉजिटिव से उतना नुकसान नहीं है लेकिन अगर कोई दूसरा ब्लड ग्रुप होता तो कहीं दिक्कत ना हो जाए। ये एक हादसा टल गया, नुकसान नहीं है, लेकिन लापरवाही हुई, ये भविष्य में कभी नहीं होनी चाहिए।