अवैध कोयला खदान मे हादसा 1 की मौत 3 बचे : लंबे समय से हो रहा था अवैध उत्खन्न

  • मुरमा के जंगल में संचालित अवैध खदान मे हुआ हादसा  
  • क्षेत्र में लम्बे समय से हो रहा है अवैध उत्खन्न 

कोरिया (पटना से J.S.ग्रेवाल की रिपोर्ट) 

प्रशासन को जिस घटना का इंतजार था आखिरकार वह घट ही गई ।  लम्बे समय से ग्राम पंचायत मुरमा के ग्राम फरीका पानी पंडोपारा में अवैध खदान से कोयला निकालने का काम चल रहा था जो शनिवार को छत धसने के बाद थम गया।  इस अवैध खदान में शनिवार को 4 युवक घूसे जिसमें तीन युवक किसी तरह जान बचा कर निकल गए लेकिन एक युवक की खदान मे दबने से मौत हो गई है ।

पटना थाना से 8 किलोमिटर दूर स्थित मुरमा पंचायत के फरीका पानी पंडवपारा के जंगल में लम्बे समय से अवैध उत्खन्न किया जा रहा था। जिसका नतीजा शनिवार को दोपहर 2 बजे देखने को मिला,,  मुरमा स्कूल पारा के चार युवक राजेन्द्र सिंह पिता सोना सिंह उम्र 25 वर्ष, प्रवीण सिंह पिता श्याम बिहारी उम्र 20 वर्ष, सतीष सिंह पिता बलजीत उम्र 19 वर्ष ,  लक्ष्मी प्रसाद पिता मनधारी 33 वर्ष अवैध खदान से कोयला निकालने सुबह गए हुए थे। अवैध उत्खन्न के दौरान खदान का छत धंसने लगी ।  इसका अहसास होते ही राजेन्द्र, प्रवीण और सतीष किसी तरह जान बचा कर बाहर निकल कर भाग गए ,, लेकिन लक्ष्मी खदान में फंस गया और खदान धसकने से वो खदान मे ही दब गया। ये जानकारी खदान से सुरक्षित निकले लोगो से ग्रामीणो तक पंहुची । जिसके बाद शाम 5 बजे इस घटना की जानकारी पटना थाना पुलिस को मिली । इधर पुलिस के घटना स्थल तक पहुंचते ही अन्धेरा हो गया लिहाजा खदान में फसे लक्ष्मी प्रसाद को शनिवार को नहीं निकाला जा सका। गौरतलब है घटना शनिवार की दोपहर 2 बजे की बताई जा रही है।

इधर रविवार की सुबह से खदान में फंसे मृतक को निकालने काफी संख्या मे ग्रामीण और पुलिस बल मौके पर पंहुचा। लेकिन अवैध खदान होने की वजह से खदान मे जाने का कोई स्थाई रास्ता नही था। इसलिए आज सुबह से शव को बाहर निकालने के लिए पुलिस औऱ ग्रामीणो का काफी मशक्कत का सामना करना पडा। हांलाकि काफी समय के प्रय़ास के बाद खदान मे फंसे लक्ष्मी प्रसाद के शव को बाहर निकाल लिया गया।

प्रशासन की अनदेखी से हो रहा है अवैध उत्खन्न

एसईसीएल कटकोना उपक्षेत्र में कोल माफिया इस कदर सक्रिय हैं कि उनके द्वारा क्षेत्र में 5-6 अवैध खदानें बनाकर वहां से कोयले का उत्खनन किया जा रहा है। जिसके माध्यम से प्रतिदिन लगभग 5 टन कोयला का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। इधर प्राप्त जानकारी के मुताबिक अवैध कोयला खदानो से निकाला गया कोयला जिले और आस-पास के कई स्थानीय ईंट भट्टों में खपाया जाता है। गौरतलब है कि इस काले काम के लिए कोल माफिया उन भोले भाले ग्रामीणो का दुरुपयोग कर रहे है। जो काम की तलाश मे कुछ भी करने को तैयार है।

इतना ही नही सूत्रो के मुताबिक एसईसीएल कटकोना की खदानों से लगे पहाड़ी नान डबरा, देवखोल, कर्री कुपी तथा सहक्षेत्र के समीप पहाडि़यों में कोल माफियाओं द्वारा अवैध खदाने बनाकर लंबे समय से कोयला का उत्खनन किया जा रहा है। कोल माफियाओं का हौसला इस कदर बढ़ गया है कि उन्होंने क्षेत्र में 6 अवैध खदानें बना रखी हैं। कोयले के उत्खनन के लिए माफियाओं ने स्थानीय ग्रामीणों को चुना है, जिन्हें कुछ रूपयों के लालच देकर इस अवैध कार्य में लगाया है जिससे प्रतिदिन लगभग 5-6 टन कोयला निकाला जाता है। इस कारनामे के लिए कोयला माफिया जंहा गरीब शोषित वर्ग का उपयोग कर रहे है तो वही आस पास गांव के लोग भी इस अवैध कोयला उत्खनन में शामिल हैं। यह लोग चंद पैसों के लिए यह काम कर रहे हैं। जबकि कोयला निकालते-निकालते खदाने बहुत अंदर जा चुकी है और सुरक्षा के लिहाज से काफी खतरनाक भी हो चुकी है । जिससे पहाडि़या मे बनाई गई अवैध खदान कभी भी धसक सकती है । जिसका उदहारण शनिवार को घटना है। बहरहाल इस पूरे मसले की जानकारी रखने वाला संबधित विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठाया रहा है… जिस कारण माफियाओ , पुलिस और अधिकारियो की मिलीभगत से इंकार भी नही किया जा सकता है।