Chhattisgarh News: कलेक्टर रानू साहू के पिता और भाई के फार्म हाउस में ईडी ने मारा छापा



ED Raids In CG: कोरबा के कोयले की कालिख महासमुन्द तक आ पहुंची है। मूलतः गरियाबंद जिले के पांडुका निवासी आईएएस रानू साहू के स्वजनों ने हाल के कुछ वर्षों में महासमुन्द जिले में जमकर जमीन खरीदी है। मंगलवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय ईडी के अधिकारियों ने जहां पांडुका में कलेक्टर रानू साहू के मायके में दबिश दी और छापामारी की।

वहीं, ईडी की टीम सुबह 10 बजे के बाद बागबाहरा ब्लाक के कलमीदादर भी पहुंची। यहां रानू के पिता व भाई का बड़ा सा फार्म हाउस है। जिसे इन्होंने देखरेख करने किराए पर दे रखा है। शाम तक यहां ईडी की कार्रवाई जारी रही। गांव की हल्का पटवारी को भी ईडी के अधिकारियों ने बुलाकर पूछताछ की। फार्म हाउस के कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई।

बता दें कि आईएएस रानू की मां लक्ष्मी साहू नाम से खरोरा महासमुन्द में खसरा नम्बर 1594/1 में असिंचित .4500 हेक्टेयर असिंचित कृषि भूमि खरीदी गई है। यह जमीन खरोरा मार्ग में सन्नी लुनिया द्वारा विकसित की जा रही कालोनी के ठीक पीछे हैं, जिसका बाजार मूल्य लाखों में है। इस तरह रानू साहू के भाई पंकज साहू पिता अरुण साहू के नाम से कलमीदादर में कुल सात खसरा नम्बर में कुल रकबा 3.35 हेक्टेयर, पिता अरुण कुमार पिता लाल जी के नाम पर कुल 12 खसरा में कुल 7.04 हेक्टेयर, भाई पीयूष कुमार पिता अरुण कुमार के नाम से आठ खसरा में 3.52 हेक्टेयर के नाम पर जमीन है। इसके अलावा खरोरा सहित महासमुन्द जिले के अन्य क्षेत्र में नाते रिश्तेदार के नाम से जमीन खरीदने का अनुमान है।

जिस पर जांच करवाई ईडी के अधिकारी कर रहे है। बताया जाता है कि कोयला परिवहन घोटाले के मुख्य सरगना सूर्यकांत तिवारी का यह गृह जिला है। सूर्यकांत तिवारी कोरबा की तत्कालीन कलेक्टर रहीं रानू साहू के करीबी रहे। बताया जा रहा है कि रानू के स्वजनों ने जो जमीन महासमुन्द जिले में ख़रीदी है वह रानू के कोरबा कलेक्टर रहने के दौरान खरीदी गई है। जिससे कोयले की कमाई से खरीदी का अंदेशा लगाया जा रहा है। बहरहाल ईडी सभी तथ्यों की जांच कर रही है।

कहा जा रहा है कि महासमुंद, कलमीदादर के अलावा जिले में कई अन्य स्वजनों के नाम पर जमीन खरीदी गई है। जानकारों की माने तो कुछ जमीन अब भी पुराने मालिक के नाम पर ही रखा गया है, जिससे नए मालिक का नाम सामने न आये। बहरहाल रानू व उनके स्वजनों की हाल ही में अर्जित की गई चल अचल संपत्ति पर ईडी के अधिकारी नजर रखे हुए हैं।