चिट-फंड कंपनियों के विरुद्ध निवेशको का धरना..पहुचे भूपेश बघेल व टी एस सिंह देव..

अंबिकापुर 

छत्तीसगढ़ अभिकर्ता एवं उपभोक्ता संघ ने अम्बिकापुर में रैली निकाल कर धरना प्रदर्शन किया। दरअसल ये प्रदर्शनकारी सरकार से मांग कर रहे है की प्रदेश में चिट-फंड कंपनियों के द्वारा अभिकर्ताओ व उपभोक्ताओं की राशी गबन कर के रफूचक्कर हो गई है और कंपनी के मालिक या कर्मचारी इनके पैसे लम्बे समय से वापस नहीं दे रहे है लिहाजा इन प्रदर्शन कारियों ने धरना प्रदर्शन कर सरगुजा कमिशनर व आई जी को ज्ञापन सौप कर कपनी की संपत्ति कुर्क करा कर इनका पैसा वापस दिलाने की मांग की है। गौरतलब है की इन आंदोलकारियो के समर्थन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल, नेताप्रतिपक्ष टी एस सिंह देव सहित क्षेत्र के कांग्रेस विधायक और नेता भी आन्दोलन में शामिल हुए। और चिट-फंड कंपनियों के विरुद्ध इस आन्दोलन को समर्थन दिया। आन्दोलन कारियों ने सरकार से मांग की है की निवेशको का संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत सरकार को कार्यावाही करते हुए कंपनियों के मालिको की चल अचल समाप्ति को कुर्क करा कर निवेशको का पैसा वापस दिलाना चाहिए, लेकिन सरकार ऐसा ना करते हुए उल्टा इस मामले में बुरे फंसे अभिकर्ताओ पर ही कार्यावाही कर रही है

कांग्रेस भी उतरी समर्थन में

वही आन्दोलन को समर्थन देने पहुचे नेताप्रतिपक्ष ने प्रदेश सरकार और उनके मंत्रीमंडल पर आरोप लगाते हुए कहा की प्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ में इन कंपनियों को लोगो का पैसा निवेश कराने की अनुमति दी है, मुख्यमंत्री सहित इनके मंत्री कंपनियों के उदघाटन में शामिल होते है इनके अधिकारी मेलो का आयोजन कर इन कंपनियों में निवेस करने के लिए लोगो में विश्वसनीयता पैदा करते है और जब कंपनिया लोगो का पैसा लेकर भाग गई है तो सबसे छोटे तपके के अभिकर्ताओ पर मामला दर्ज किया जाता जबकी इन लोगो से भूल अनजाने में हुई है लोगो का पैसा लेकर भागी कंपनियों पर कार्यवाही करनी चाहिए। श्री सिंह देव ने कहा की अगर इन अभिकर्ताओ पर कार्यवाही करनी है तो पहले उन अधिकारियों पर कार्यवाही करनी होगी जिन लोगो ने मेले का आयोजन कर लोगो को निवेस के लिए प्रोत्साहित किया, उन नेताओं मंत्रियो पर कार्यावाही पहले होनी चाहिए जो इन कंपनियों के उदघाटन में शरीक हुए और लोगो में कंपनी की विश्वसनीयता बढाई है।

बहरहाल चिटफंड कंपनियों का शिकार हुए निवेशक और अभिकर्ताओ के बर्दास्त की सीमा अब समाप्त हो चुकी है, लिहाजा ये लोग अब सड़को पर उतर आये है, अपने पैसो के लिए सरकार को उसकी जिम्मीदारियो का अहसास करा रहे है लेकिन क्या सरकार ठगे गए इन निवेशको की सुनेगी। या फिर धरना प्रदर्शन में ही इनकी आवाज दब कर रह जाएगी