पढ़िए -छ.ग. कांग्रेस का भाजपा प्रेम…या योगी का मोह…

अम्बिकापुर- देश दीपक “सचिन” – वर्तमान में छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी भाजपा के योगी शासन से खासी प्रभावित नजर आ रही है..इसे कांग्रेस का भाजपा प्रेम ही कहा जा सकता है जब बार बार प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कार्यो की तारीफ़ करते नजर आते है.. प्रदेश के मुख्यमंत्री को कांग्रेस ने दो बार योगी सरकार जैसे अच्छे काम करने की नसीहत दे डाली है..वही प्रमुख विपक्षी दल जहां एक ओर भाजपा की नीति को गलत भी ठहराती है तो वही दूसरी ओर छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और प्रवक्ता असलम खान दोनों ने ही योगी सरकार के कार्यो की तारीफ़ करते हुए वैसे ही कार्य करने की सलाह रमन सिंह को दी है…दरअसल 15 अप्रैल को अम्बिकापुर प्रवास के दौरान स्थानीय सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस वार्ता में पीसीसी अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंह देव पहुचे इस दौरान प्रेस को संबोधित करते हुए पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा था की बिजली बिल किसानों का बढ़ा दिया है, यूपी में कर्ज माफ की घोषणा के बाद किसानो का कर्ज माफ़ किया गया है यहाँ भी रमन सरकार को कर्जा माफ़ और बिजली बिल हाफ करना चाहिए। वही पीसीसी अध्यक्ष द्वारा 15 अप्रैल को अम्बिकापुर में दिए गए इस बयान के बाद पीसीसी प्रवक्ता असलम खान ने भी प्रेस रिलीज जारी करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को अवैध खनन व परिवहन को को रोकने के लिए योगी सरकार जैसा साहस दिखाने की सलाह दी है.. बहरहाल कांग्रेस के इन बयानों से छत्तीसगढ़ कांग्रेस का योगी प्रेम या भाजपा प्रेम झलक रहा है.. आगे पढ़िए पीसीसी अध्यक्ष के बयान के बाद पीसीसी प्रवक्ता ने प्रेस रिलीज जारी कर क्या कहा…?

 

क्या रमन सरकार अवैध उत्खनन एवं परिवहन रोकने योगी सरकार की तर्ज पर कड़े कदम उठाने का साहस दिखायेगी ? – कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मो. असलम ने कहा है कि मुख्यमंत्री के अधीन पिछले 13 वर्षो से माईनिंग विभाग होने के बावजूद खनिज संसाधनों की बड़े पैमाने पर जिस तरह की लूट छत्तीसगढ़ में हो रही है वह अपने आप में अदभुत है। गौण खनिजों की स्थिति यह है कि अवैध उत्खनन एवं परिवहन रोकने खनिज साधन विभाग कोई कारगर मोर्चा नहीं खोलता है। समय-समय पर जरूर औपचारिक तौर पर प्रकरण बनाकर कार्यवाही दिखायी जाती है। बिना पर्यावरण क्लियरेंस लिये गांव-गांव में मुरम, रेत, पत्थर के खदान देखे जा सकते है। कोई नदी-नाला नहीं बचा है, जहां से रेत नहीं निकाली जा रही हो। कोई गांव नहीं बचा है, जहां से मुरम व पत्थर की अवैध निकासी नहीं हो रही है। छत्तीसगढ़ में रिजर्व फारेस्ट एरिया एवं पुरातात्विक रिजर्व क्षेत्र भी अवैध उत्खनन की जद में है और विकास के नाम पर अवैध उत्खनन एवं परिवहन करने वालो को पूरी तरह से छूट मिली हुई है। एक ओर अवैध खनिज उत्खनन और परिवहन पर विभाग का नियंत्रण एवं शिकंजा नहीं है। वहीं दूसरी ओर खनिज संसाधन विभाग अपनी प्रशंसा में कसीदे पढ़ता है और कहता है कि खदान आवंटन में पारदर्शिता, शीघ्रता और खनिज में अर्जित लाभ में राज्यों एवं जिलों में हिस्सेदारी हमारा लक्ष्य है।

प्रवक्ता मो. असलम ने सवाल उठाया है कि ओवर लोडिंग, अवैध परिवहन सहित अन्य मामलों पर पर्यावरण संरक्षण मंडल, खनिज साधन विभाग एवं परिवहन विभाग द्वारा हर जिलों में संयुक्त कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है? क्यों अवैध उत्खनन के खिलाफ इनाम देने के प्रावधान पर अमल नहीं किया जाता है? गौण खनिज अधिनियम के अंतर्गत व्यापक अभियान चलाकर खनन एवं परिवहन पर हो रहे इजाफा पर क्यों रोक नहीं लगाई जा रही है? क्या यूपी की योगी सरकार की भांति छत्तीसगढ़ सरकार खनिज साधन विभाग में हो रहे बंदरबांट एवं भ्रष्टाचार को रोकने के लिये केबिनेट की बैठक बुलाकर कड़े कदम उठायेगी और 10 गुना अधिक जुर्माने एवं सजा का प्रावधान करेगी या इसी तरह खामोशी से तथाकथित कमीशनखोरी का खेल चलता रहेगा?