CG: बिजली खंभे से टकराकर घरों में घुसी आकाशीय बिजली, ग्रामीणों ने घायलों को डाला गोबर के गड्ढे में…



Jashpur: बिजली खंबे में हुई वज्रपात से घर के अंदर में काम कर रहे चार ग्रामीण गंभीर रूप से झुलस गए। सरकारी अस्पताल के सौ मीटर के अंदर हुई इस घटना में भी पीड़ितों को प्रशासनिक अव्यवस्था से जुझना पड़ा। घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए समय से एंबुलेंस के न पहुंचने से घायलों के स्वजनों को उन्हें चारपाई में लिटा कर अस्पताल तक पहुंचाना पड़ा। घटना में तीन गंभीर रूप से झुलसे ग्रामीणों को बेहतर इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बगीचा के लिए रेफर कर दिया गया है। घटना जिले के बगीचा ब्लाक के पंड्रापाठ की है।

जानकारी के अनुसार शुक्रवार की शाम लगभग 5 बजे पंड्रापाठ सहित आसपास के क्षेत्र में गरज और चमक के साथ वर्षा हो रही थी। इसी समय अचानक तेज चमक और आवाज के साथ पंड्रापाठ के घासी बस्ती के बीच में स्थित बिजली के खंबे में वज्रपात हुआ। प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों के अनुसार लोहे की बिजली खंबे से टकराने के बाद आकाशीय बिजली छिटक कर आसपास स्थित चार घरों के अंदर घुस गई। घर में कामकाज कर रही लक्ष्मी 18 वर्ष, चम्पा 36 वर्ष, पेचकी बाई 70 वर्ष और सुधन कोरवा 55 वर्ष गंभीर रूप से झुलस गए।

ग्रामीणों की शिकायत है कि घायलों को इलाज के लिए पंडरापाठ के सामुदायिक स्वास्थ्य ले जाने के लिए संजीवनी एंबुलेंस को बुलाया गया। लेकिन उसके पहुंचने में हो रही देरी को देखते हुए, स्वजनों ने बस्तीवासियों की सहायता से चारपाई में लिटा कर, घायलों को अस्पताल पहुंचाया। इस बीच, जिला पंचायत जशपुर की अध्यक्ष रायमुनि भगत भी घटना की सूचना पर पीड़ितों की सहायता के लिए पहुंची। उन्होंने एक घायल को अपने वाहन से अस्पताल पहुंचाने में सहायता की।

इस बीच जान बचाने के लिए स्वजनों ने घायलों को गोबर के गड्ढे में डाल दिया। माना जाता है कि गाज से झुलसे लोगों को गोबर ठंडक देती है और इसमें मौजूद औषधीय तत्वों से पीड़ितों की जान भी बच जाती है। वज्रपात से होने वाली घटनाओं में इस तरह के दृृश्य अक्सर देखे जाते हैं। हालांकि, चिकित्सा विज्ञान इस मान्यता की पुष्टि नहीं करता है।

“घटना की सूचना पर बगीचा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से एंबुलेंस भेजा गया है। घायलों के इलाज के लिए पूरी व्यवस्था की जा रही है।”

आरएन दुबे, बीएमओ, बगीचा