CG: पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का स्कूल शिक्षा मंत्री टेकाम पर वार, वापस स्कूल जाकर शिक्षा लेने की दी नसीहत; कर्मचारियों के हड़ताल पर कही ये बात



Raipur News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के शंकर नगर स्थित अपने निवास में पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रेस वार्ता आयोजित की। प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व मंत्री ने सरकारी कर्मचारी और शराब के मुद्दे को लेकर सरकार को जमकर घेरा है। उन्होंने कहा कि “छत्तीसगढ़ की सरकार पूरी तरह तानाशाह और कंगाल हो गई है। छत्तीसगढ़ के सरकार के पास कर्मचारियों को देने के लिए पैसे नहीं है। फिर भी सरकार झारखंड से आए विधायकों को शराब पिला रही है।”

पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा “प्रदेश में स्कूलों के बाजू में शराब बिक रही है। गांव गांव में कोचिए बच्चों को कप में शराब पिला रहे हैं। उनको सरकार रोक नहीं पा रही है। दूसरी ओर प्रदेश के शिक्षा मंत्री लोगों को शराब के फायदे बताने में लगे हैं। तो ऐसे प्रदेश का भगवान ही मालिक है और उस प्रदेश की शिक्षा का भगवान मालिक है। प्रदेश के 70% सरकारी स्कूलें जर्जर हैं। बच्चों को जो फैसिलिटी स्कूलों में मिलनी चाहिए। उन्हें नहीं मिल पा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री बोलते हैं कि अच्छे सड़कों पर एक्सीडेंट होते हैं। लोगों को नारकीय जीवन जीने के लिए यह सरकार मजबूर कर रही है। शिक्षा मंत्री को वापस स्कूल जा कर शिक्षा लेनी चाहिए।”

पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा “यह बहुत दुर्भाग्यजनक है कि जो सरकार कहती है, हमारे पास पैसों की कमी नहीं है। जो कर्मचारी अधिकारी है, वह सरकार के अंग होते हैं। जब देश के बाकी राज्यों में कर्मचारियों को 34% डीए दे रहे हैं। तो छत्तीसगढ़ की सरकार क्यों नहीं दे रही है। छत्तीसगढ़ के सरकार पूरी तरह तानाशाह और कंगाल हो गई है।”

पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा “कर्मचारी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस वजह से पिछले 1 महीने से छत्तीसगढ़ में जनता के कोई काम नहीं हो रहा। जनता परेशान और बदहाल है। जनता सरकार को गाली दे रही है। परंतु सरकार कर्मचारियों के हड़ताल समाप्त करा कर जनता के काम करने के बजाय झारखंड के विधायक के लिए शराब की व्यवस्था कर रही है। क्या छत्तीसगढ़ की सरकार को झारखंड, हरियाणा और आसाम की जनता ने चुना है?” बृजमोहन अग्रवाल ने भूपेश बघेल को कहा “जो सरकार अपने नागरिकों के हितों की रक्षा नहीं कर सकती, उसको एक पल भी सरकार में रहने का हक नही।”